…जब विधायक कंवरलाल मीणा ने SDM रामनिवास पर तान दी पिस्टल, मचा दिया था बवाल… जानें वो पूरा किस्सा

Last Updated:May 08, 2025, 13:20 IST
MLA Kanwarlal Meena pistol case : बारां जिले के अंता से बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा की दबंगई के किस्से आजकल हर किसी की जुबां पर हैं. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी दबंगई के एक पुराने मामले में उनकी तीन साल की सजा बरकरार …और पढ़ें
अंता से विधायक निर्वाचित होने के बाद प्रमाण-पत्र लेते विधायक कंवरलाल मीणा. अब इसी विधायकी पर संकट के बादल छा रहे हैं.
हाइलाइट्स
सुप्रीम कोर्ट ने विधायक कंवरलाल मीणा की सजा बरकरार रखी.मीणा ने 20 साल पहले SDM पर पिस्टल तानी थी.मीणा की विधायकी पर खतरा मंडरा रहा है.
जयपुर. राजस्थान बीजेपी के विधायक कंवरलाल मीणा इन दिनों सुर्खियों में बने हुए हैं. बारां जिले की अंता विधानसभा सीट से विधायक कंवरलाल मीणा से जुड़े क्रिमिनल केस में सुप्रीम कोर्ट से उनको बड़ा झटका लगा है. मीणा को यह झटका उनके 20 साल पुराने केस में लगा है. मीणा का करीब 20 साल पुराना यह किस्सा उपसरपंच के चुनाव में चुनाव अधिकारी (SDM) पर पिस्टल तानने से जुड़ा है. मीणा ने इस चुनाव में पुर्नमतदान कराने की मांग को लेकर एसडीएम के सिर पर पिस्टल तान दी थी. लेकिन उनको यह दबंगई महंगी पड़ गई है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए उनकी तीन साल की सजा बरकरार रखी है.
दरअसल कंवरलाल मीणा की छवि शुरू से ही दंबग नेता की रही है. हिन्दू संगठनों से जुड़े कंवरलाल मीणा मूलतया बारां से सटे कोटा संभाग के झालावाड़ जिले के मनोहरथाना इलाके के अकलेरा के रहने वाले हैं. मीणा पहली बार 2008 में बीजेपी के टिकट पर मनोहरथाना से विधायक चुने गए थे. विधायक चुने जाने से करीब तीन साल पहले साल 2005 में उन्होंने इलाके के खाताखेड़ी ग्राम पंचायत के उपसरपंच चुनाव के समय दबंगई दिखाई थी. चुनाव में विवाद की स्थिति होने पर कंवरलाल मीणा ने तत्कालीन एसडीएम रामनिवास से पुर्नमतदान की मांग करते हुए पिस्टल तान दी थी.
एडीजे कोर्ट ने सुनाई थी सजाविवाद बढ़ने के बाद मीणा ने इसके साथ ही सरकारी वीडियोग्राफी की कैसेट भी तोड़ डाली थी. उसके बाद मीणा के खिलाफ स्थानीय थाने में केस दर्ज हुआ था. बाद में यह मामला कोर्ट में गया. इस संबंध में अकलेरा की एडीजे कोर्ट ने दिसंबर 2020 में कंवरलाल मीणा को मामले में दोषी करार देते हुए उनको तीन तीन साल की सजा सुनाई थी. उसके बाद मीणा ने एडीजे कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट का रुख किया. राजस्थान हाईकोर्ट में भी यह मामला पांच साल तक चला. फिर हाल ही में हाईकोर्ट ने निचली अदालत की तरफ से दिए गए सजा के फैसले को बरकरार रखा. इसके साथ ही उनको सरेंडर करने के निर्देश दिए.
सुप्रीम कोर्ट ने मीणा की याचिका खारिज कर दी हैउसके बाद मीणा देश की सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. वहां से पहले तो मीणा को राहत मिल गई. लेकिन उसके दो-तीन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी याचिका खारिज कर दी और राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए उनको 2 सप्ताह में सरेंडर करने का आदेश दिया है. जानकारों के अनुसार इस आदेश के बाद मीणा की विधायकी पर खतरा मंडरा गया है. इसके पीछे वजह है जनप्रतिनिधत्व अधिनियम नियम 1951.
मामला फिर से तूल पकड़ने के आसार बन गए हैंइसके तहत 2 वर्ष से अधिक कारावास की सजायफ्ता कोई नेता विधानसभा या संसद सदस्यता के योग्य नहीं रहता है. कांग्रेस इस मामले को लेकर पहले बीजेपी पर हमलावर हो चुकी है. सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने पर वह चुप हो गई थी. लेकिन अब फिर से यह मामला तूल पकड़ने के आसार बन गए हैं. कांग्रेस उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग कर रही है. इसके लिए वह राहुल गांधी के केस का हवाला दे रही है.
Sandeep Rathore
संदीप ने 2000 में भास्कर सुमूह से पत्रकारिता की शुरुआत की. कोटा और भीलवाड़ा में राजस्थान पत्रिका के रेजीडेंट एडिटर भी रह चुके हैं. 2017 से से जुड़े हैं.
संदीप ने 2000 में भास्कर सुमूह से पत्रकारिता की शुरुआत की. कोटा और भीलवाड़ा में राजस्थान पत्रिका के रेजीडेंट एडिटर भी रह चुके हैं. 2017 से से जुड़े हैं.
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Jaipur,Jaipur,Rajasthan
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…जब विधायक कंवरलाल मीणा ने SDM रामनिवास पर तान दी पिस्टल, मचा दिया था बवाल