शिव जी ने जब किया था तांडव…. तो इसी जगह गिरा था माता सती का घुटने वाला भाग, जानें इस ज्वाला माता मंदिर की कहानी

Last Updated:March 17, 2025, 10:46 IST
Jwala Mata Temple Jobner Jaipur Rajasthan: आज हम आपको ज्वाला माता के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो बहुत ही चमत्कारी माना जाता है. मान्यताओं के अनुसार बताया जाता है, कि जब भगवान शिव ने माता सती क…और पढ़ेंX
जोबनेर ज्वाला माता
हाइलाइट्स
जोबनेर में स्थित है चमत्कारी ज्वाला माता मंदिरमाता सती का घुटना जोबनेर में गिरा थामंदिर में माता के घुटने की पूजा होती है
जयपुर. जिले के जोबनेर कस्बे में एक बहुत ही चमत्कारी ज्वाला माता का मंदिर मौजूद है. इस मंदिर में ज्वाला के रूप में ज्वाला माता की पूजा अर्चना की जाती है. यह मंदिर जयपुर जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर एक पहाड़ी पर मौजूद है. खास बात यह है कि इस मंदिर में माता सती के घुटने की पूजा होती है. तो चलिए जानते हैं, इस मंदिर की क्या है मान्यता
मंदिर के पुजारी ने दी जानकारीमंदिर पुजारी के अनुसार इस मंदिर में कोई मूर्ति स्थापित नहीं की गई है. बल्कि पौराणिक काल में पहाड़ी पर गुफा में देवी की प्रतिमा का घुटना वाला भाग प्रकट हुआ था, तब से यहां माता के घुटने की पूजा होती है. खंगारोत राजपूत माता को अपनी कुलदेवी के रूप में पूजते हैं.
माता सती का घुटना जोबनेर में गिरा वहीं श्याम सिंह खंगारोत ने बताया, कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ज्वाला माता से जुड़ी एक किंवदंती भी है. बताया जाता है, कि जब भगवान शिव ने जब माता सती के शरीर को कंधे पर उठाकर तांडव नृत्य किया था, तब माता के पार्थिव शव के टुकड़े छिन्नभिन्न होकर पृथ्वी पर गिरे. तब माता सती के पार्थिव शरीर के घुटने वाला भाग जोबनेर में गिरा था. इसलिए यहां पर माता के घुटने वाले भाग की पूजा होती है.
चांदी के बर्तन से होती है आरतीज्वाला माता मंदिर के पुजारी ने आगे बताया, कि माता के घुटने को सवा मीटर की चुनरी व 5 मीटर कपड़े से बने लहंगे जैसी पोशाक धारण करवाई जाती है, और 16 शृंगार भी किए जाते हैं. इसके अलावा मंदिर के गर्भगृह में मंदिर स्थापना से लेकर अब तक अखंड ज्योत जल रही है. आगे वे बताते हैं, कि खास बात ये है कि ज्वाला माता की आरती के समय सभी पात्र चांदी के काम में लिए जाते हैं. वहीं माता को गहनों में टेवटा, हार, छत्र व मुकुट पहनाया जाता है.
Location :
Jaipur,Rajasthan
First Published :
March 17, 2025, 10:46 IST
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इसी जगह गिरा था माता सती का घुटने वाला भाग, जानें इस मंदिर की कहानी और चमत्कार
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