शादीशुदा महिला और पुरुष के बीच अफेयर, बात बिगड़ी तो कोर्ट तक पहुंच गई; फैसला सुनाते हुए जज ने कह दी बड़ी बात
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Agency:Hindi
Last Updated:February 22, 2025, 18:52 IST
False Promise Of Marriage: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है कि शादीशुदा महिला शादी के फर्जी वादे पर रेप का दावा नहीं कर सकती.
विवाहित महिला यह दावा नहीं कर सकती कि शादी के झूठे वादे पर सहमति ली गई थी. (AI Photo)
हाइलाइट्स
शादीशुदा महिला झूठे शादी के वादे पर रेप का दावा नहीं कर सकती.हाईकोर्ट ने शादीशुदा महिला द्वारा दायर रेप केस को खारिज किया.कोर्ट ने कहा, महिला ने गलतफहमी में सहमति नहीं दी थी.
भोपाल: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में एक अहम फैसला दिया है. कोर्ट ने कहा कि कोई शादीशुदा महिला यह दावा नहीं कर सकती कि उससे शारीरिक संबंध बनाने की सहमति झूठे शादी के वादे पर ली गई थी. बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, यह फैसला वीरेंद्र यादव बनाम मध्य प्रदेश राज्य मामले में आया. जस्टिस मनिंदर एस भट्टी ने एक व्यक्ति के खिलाफ दायर रेप केस को खारिज कर दिया. यह केस एक शादीशुदा महिला ने दर्ज कराया था. कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट और अन्य हाईकोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए कहा, ‘जब कोई महिला पहले से शादीशुदा होती है, तो शादी के झूठे वादे के आधार पर उसके द्वारा दी गई सहमति को ‘तथ्य के भ्रम’ (misconception of fact) के तहत नहीं लाया जा सकता.’
क्या था पूरा मामला?
आरोपी, जो खुद भी शादीशुदा था, ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रेप केस रद्द करने की मांग की थी. महिला की शिकायत थी कि आरोपी ने उसे शादी का झूठा वादा किया और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए. शिकायतकर्ता महिला शादीशुदा थी और उसके दो बच्चे भी थे. उसने आरोप लगाया कि आरोपी उनके पड़ोस में रहता था और तीन महीने से उनके बीच दोस्ती थी.
उसका दावा था कि आरोपी ने अपनी पत्नी को तलाक देकर उससे शादी करने का वादा किया था और इसी आधार पर वह शारीरिक संबंध बनाने को तैयार हुई. बाद में आरोपी ने शादी से इनकार कर दिया और कहा कि वह अपनी पत्नी को तलाक नहीं दे सकता.
कोर्ट ने फैसले में क्या कहा?
कोर्ट ने पाया कि महिला और आरोपी के बीच तीन महीने तक संबंध थे. अदालत ने कहा, “जब भी महिला का पति बाहर जाता था, आरोपी उसके घर आता था और उनके बीच शारीरिक संबंध बनते थे. ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि महिला ने किसी गलतफहमी में सहमति दी थी.” कोर्ट ने यह भी कहा कि FIR में यह नहीं बताया गया कि आरोपी ने महिला पर शादी करने का दबाव डाला था या उसे किसी प्रकार से मजबूर किया था.
हाईकोर्ट ने कहा कि FIR में ऐसे कोई तथ्य नहीं मिले जिससे यह साबित हो कि आरोपी ने झूठा वादा करके महिला से संबंध बनाए. HC ने कहा, “ऐसे मामले में FIR को तुरंत खत्म कर देना चाहिए, क्योंकि इससे एक लंबी कानूनी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, जबकि आरोपों की समीक्षा करने पर यह साफ होता है कि कोई अपराध नहीं हुआ है.”
Location :
Bhopal,Madhya Pradesh
First Published :
February 22, 2025, 18:48 IST
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शादीशुदा महिला नहीं कर सकती शादी के फर्जी वादे पर रेप का दावा: MP हाई कोर्ट