Rajasthan

जब बाढ़ से मच गई थी तबाही….जानें जवाई बांध बनने की कहानी…आज 900 गांव हैं इसके भरोसे

Last Updated:March 30, 2025, 16:43 IST

Jawai Dam History: जवाई बांध जिसके भरोसे आज 900 गांव है, उसका निर्माण जब शुरू हुआ था, जब वर्ष 1903 में जवाई नदी में आई बाढ़ से पाली और जालोर जिलों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद उम्मेद सिंह के …और पढ़ेंX
जवाई
जवाई बांध पाली

हाइलाइट्स

जवाई बांध 900 गांवों की प्यास बुझाता हैबांध का निर्माण 1946 में शुरू हुआ और 1957 में पूरा हुआपाली, जालोर और सिरोही जिलों की लाइफलाइन है

पाली:- जवाई बांध पाली सहित तीन जिलों के लोगों और किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. आज यह पश्चिमी राजस्थान का सबसे बड़ा बांध है. 900 गांवों की प्यास बुझाने वाले जवाई बांध का निर्माण उन परिस्थितियों में जोधपुर के पूर्व महाराजा उम्मेद सिंह द्वारा करवाया गया था जब वर्ष 1903 में जवाई नदी में आई बाढ़ से पाली और जालोर जिलों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था. जिसके बाद पूर्व महाराजा उम्मेद सिंह के मन में आया कि इस बांध का निर्माण करवाया जाएगा और फिर वर्ष 1946 में यह काम शुरू हुआ और 1957 में काम पूरा हुआ. जिसके बाद से आज तक पाली वासियों की प्यास बुझाने के साथ-साथ किसानों को सिंचाई के लिए जल भी यहीं से उपलब्ध करवाया जाता है.

आज 900 गांव इस बांध के भरोसे लोकल-18 से बातचीत करते हुए कानाराम ने कहा, कि पश्चिमी राजस्थान का यह सबसे बड़ा डैम है. पाली वासियों की प्यास बुझाने का काम यही डैम करता है. बारिश का जब सीजन होती है, तो काफी अच्छा खासा यह डैम भर जाता है. पाली सहित कई जिलो के 900 गांवों की प्यास बुझाने का काम यह डैम करता है. साथ ही किसानों को सिंचाई के लिए यहीं से पानी उपलब्ध कराया जाता है. इसके साथ ही जो आस-पास वाइल्ड लाइफ एरिया हैं उनके प्यास बुझाने का काम भी यही डैम करता है.

तीन जिलों की लाइफ लाइन है यह बांध सिरोही के शिवगंज शहर के अलावा यह जालोर और पाली जिले की लाइफ लाइन की तरह काम करता है. इसीलिए हर साल हर गांव और हर परिवार यही दुआ करता है कि बांध लबालब हो जाए. हालांकि जोरदार बारिश के बावजूद अब तक तो बांध पूरा नहीं भरा है, लेकिन इसके पानी से किसानों को अच्छा फायदा होता है. वहीं पश्चिमी राजस्थान का यह सबसे बड़ा बांध वर्ष 1956 में 60 लाख में बनकर तैयार हुआ था.

यह है बांध की क्षमता जवाईबांध को सबसे अधिक जालोर जिले की लाइफ लाइन कहा जा सकता है. इतना ही फायदा पाली जिले को भी होता है. सैकड़ों किसानों को सिंचाई का पानी यहीं से मिलता है. इसके अलावा सुमेरपुर-शिवगंज को भी इसका लाभ मिलने लगा है. सुमेरपुर तहसील क्षेत्र के करीब एक दर्जन गांवों में पेयजल के लिए भी इस बांध से पानी देने की योजना है. इसके लिए पाइप लाइन भी लगवा दी गई है. बांधका जल आवक क्षेत्र 787 वर्ग किमी है और पूर्ण भराव जलस्तर 312 मीटर व ओवरफ्लो का स्तर 308.50 मीटर है. इसके सहयोगी सई बांध से जल औसत जल आवक 51 एमसीएफटी है तथा स्लूस सील का स्तर 294.75 मीटर व मुख्य पक्के बांध का अधिकतम स्तर 315.56 मीटर है. इसकी नहर की लंबाई 23 किमी है.

11 सालों तक चला था निर्माण बांध का निर्माण कार्य 11 वर्ष तक चला था. इतने लंबे समय के अथक प्रयासों के बाद यह बांध पूरा हो सका. बांध की आधारशिला 13 मई 1946 को सवेरे साढ़े ग्यारह बजे जोधपुर के पूर्व नरेश उम्मेद सिंह ने रखी थी और 1956 में यह पूरा हो गया था.

First Published :

March 30, 2025, 16:21 IST

homeajab-gajab

जब बाढ़ से मच गई थी तबाही, जवाई बांध के निर्माण की ये है कहानी, 11 साल में बना

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj