When the shadow of parents was lifted, the family abandoned them because of their height – News18 हिंदी
मोहित शर्मा/करौली: करौली के गजानंद बैरवा जिनकी हाइट पौने तीन फुट है और इनकी उम्र 35 साल है. इनका वजन तकरीबन 25 किलो है. ये 35 साल की उम्र में भी एक पांच साल के बच्चें से भी छोटे दिखते है. यह शारीरिक कमजोरी उन्हें जन्म से ही है. जिसकी वजह से उन्हें काफी मुश्किलों का सामना बचपन से अब-तक करना पड़ रहा है. अब तो नौबत यहां तक आ गई है कि अपनों ने भी गजानंद का साथ छोड़ दिया है. माता-पिता के गुजरने के बाद उनके भाइयों ने भी गजानंद को अकेले ही इस दुनिया में छोड़ दिया है. खास बात यह है कि 35 की उम्र में भी हूबहू एक बच्चे जैसे दिखाई देने वाले गजानंद की दोस्ती के किस्से बेहद खास है.
छोटे से कद वाले व्यक्ति की दोस्ती बड़े – बड़े कद वाले लोगों से देख हर व्यक्ति दंग – सा रह जाता है. वैसे तो इस जमाने में अधिकांश लोग दोस्ती करना अपनी बराबरी में पसंद करते है. लेकिन गजानंद की गहरी दोस्ती में यह बात बिल्कुल झूठी साबित होती है. राजस्थान के सीनियर चर्चित IAS नीरज के पवन भी उनके खास दोस्तों में से एक है. आए दिन आपस में यह दोनों वीडियो कॉल के जरिए गुफ्तगू करते भी नजर आते हैं. दिल की इस दोस्ती का खुलासा स्वयं गजानंद ने लोकल 18 के साथ खास बातचीत और लोकल 18 के कॉल पर IAS नीरज के पवन ने किया है. इसके अलावा इस दुनिया में गजानंद के और भी कई सच्चे दोस्त हैं. जो गजानंद का हमेशा ख्याल रखते हैं. यहां तक कि उनके कई दोस्त तो ऐसे हैं जों गजानंद को एक बच्चे की भांति गोदी में चिपका- कर रखते हैं.
रहने वाला अकेला हूं, मां-बाप भी गुजरे
लोकल 18 से खास बातचीत में गजानंद ने बताया कि मैं करौली के करसाई गांव का हूं. अब इस दुनिया में मैं रहने वाला अकेला हूं. मेरे मां-बाप गुजर चुके है. मेरी उम्र 35 साल हो गई है. गजानन्द ने कहा कि अब इस दुनिया में मेरा कोई है तो वह है मेरे यार – दोस्त. दोस्त ही मेरी जरूरतों के साथ मेरा ख्याल रखते हैं. पौने 3 फुट का कद रखने वाले गजानंद के इस दुनिया में कई जिगरी दोस्त ऐसे हैं जो उन पर जान तक लुटाते हैं.गजानंद को करौली में लोग मजाकिया अंदाज में प्यार से सरपंच साहब और वकील साहब कहकर बुलाते है. एक खास बात यह है कि उनके अधिकांश दोस्त उनसे छोटी उम्र के और बड़े कद वाले है. जो गजानंद को देखते ही हाथ मिलाने के लिए नीचे झुक जाते हैं. उनके कई करीबी दोस्तों ऐसे हैं जो उन्हें गोद में भी रखते हैं.
“कद छोटा रहने के कारण भाइयों ने छोड़ा साथ”
गजानंद के एक करीबी मित्र रवि पाराशर ने बताया कि गजानंद को मैं 2 साल से जानता हूं. 2 साल पहले इनसे मेरी मुलाकात हुई थी. यह बहुत ही अच्छे आदमी है. यह अब हमारे पास ही मासलपुर चुंगी नाके पर साथ ही रहते हैं. पाराशर ने बताया कि इनका परिवार भी है. माता-पिता इनके गुजर चुके हैं. इनके तीन भाई भी हैं. जिनकी शादी हो चुकी है. लेकिन गजानंद जी का कद छोटा होने के कारण भाई भी इनका सपोर्ट नहीं करते हैं इसलिए यह भाइयों के साथ नहीं रहते हैं.
“बहुत से लोग बनाते हैं मजाक”
पराशर ने बताया कि शारीरिक कमजोरी की वजह से बहुत से लोग इनका मजाक भी बनाते हैं तो कई लोग इसे अच्छा व्यवहार रखते हुए हमेशा उनकी मदद के लिए भी तैयार रहते हैं. फिलहाल गजानंद एक हनुमान मंदिर पर रहकर अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं. गजानंद के करीबी मित्र ने बताया कि इनके 10 से 12 मित्र ऐसे हैं. जों इनकी सभी जरूरतों को सामर्थ के अनुसार पूरी करते हैं.
“नहीं मिल रही सरकारी मदद”
सरकारी मदद के सवाल पर गजानंद के करीबी मित्र रवि पाराशर का कहना है कि पहले इनको पेंशन मिल रही थी. यह पेंशन गजानंद के लिए आईएएस नीरज के पवन ने करौली कलेक्टर रहते हुए शुरू करवाई थी. लेकिन, अब इनकी वह पेंशन भी बंद हो गई है और बायोमेट्रिक फिंगरप्रिंट नहीं लगने के कारण किसी भी प्रकार की सरकारी मदद भी नहीं मिल पा रही है.
गजानंद के मित्रों ने राजस्थान सरकार से यह गुहार भी लगाई है कि इन्हें सभी प्रकार की सरकारी सुविधाओं का लाभ मिले. कई दिनों से इनकी पेंशन भी बंद है. फिंगरप्रिंट नहीं लगने के कारण इनका आधार कार्ड भी ठीक नहीं हो पा रहा है. इसके लिए उन्हें कई दिनों से भटकना भी पड़ रहा है. इसलिए हमारा तो सरकार से यह अनुरोध है कि इन्हें ज्यादा से ज्यादा सरकारी सुविधाओं का लाभ इनकी श्रेणी के अनुसार मिल सके.
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FIRST PUBLISHED : April 28, 2024, 12:24 IST