मरूगंगा में आया पानी तो खिल उठे चेहरे, चुनरी ओढ़ाकर मंगलगीत और आरती

मेहमानों का मान-सम्मान करना राजस्थान की परंपरा रही है. लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि यहां पर जल और जमीन को भी लोग उतना ही आदर सम्मान देते हैं. बारिश के दिनों में सालों पुरानी सूखी नदियों में जब पानी की चादर चलती है तो महिलाएं थाली-चुनरी लेकर उसका स्वागत करने पहुंच जाती है. ऐसा ही नजारा रेगिस्तान में भी दिखा जहां सूखी मरूगंगा में पानी की चादर चली तो लोग इसकी आरती उतारते नजर आए.
लूनी नदी में पानी की आवक सालों बाद होती हैं, ऐसे में दर्जनों गांवो में कृषि कुओं का पानी रसातल पहुंचने पर किसान व ग्रामीण हर साल अच्छी बारिश के साथ ही लूनी नदी में पानी की आवक की कामनाए करते हैं. ऐसे में जिस साल लूनी नदी में पानी की आवक होती है उस साल लोग ढोल-थाली बजाकर एव चुनरी ओढाकर पूजा अर्चना कर स्वागत करते हैं. थार की मरूगंगा कही जाने वाले लूनी नदी में पानी की आवक से किसानों के चेहरे खिल गए हैं.
नारियल चढ़ाकर, चुनरी ओढ़ाकर किया स्वागत
दरअसल पांच साल में दूसरी बार लूणी नदी उफान पर आई है. लगातार दूसरे साल जब इस नदी में पानी आया तो लोगों ने चुनरी ओढ़ाकर और पूजा अर्चना कर स्वागत किया है. पिछले साल बिपरजॉय के दौरान भी इस नदी में पानी आया था. ग्रामीण पुरुष और महिलाओं ने नदी में आए पानी को चुनरी ओढ़ाकर स्वागत किया और विधिवत रूप से उसकी पूजा अर्चना भी की है.
लोगों के लिए जीवनदायिनी है लूनी नदी
लूनी नदी किसी एक जिले में नहीं बहती है बल्कि कई जिलों में बहती है. यह अजमेर की नाग पहाड़ियों से निकलकर नागौर, जोधपुर, पाली बाड़मेर और जालौर क्षेत्र में लगभग 320 किलोमीटर तक बहती है. इस जिलों के लिए इस नदी का पानी किसी जीवनदायक मंत्र से कम नहीं है. स्थानीय लोग इसी नदी के पानी से अपना जीवन-यापन करते हैं. पिछले पांच दिनों से इसके बहाव क्षेत्र में हो रही बारिश के कारण इन दिनों नदी पूरे उफान पर है.
देश की इकलौती नदी जो निकलती पहाड़ो से है लेकिन नही होता समुंद्र में मिलन
कहा जाता है यह एक ऐसी नदी है जो निकलती पहाड़ों से है, लेकिन यह किसी समुद्र में नहीं मिलती है. इस नदी के बारे में यह भी कहा जाता है कि लगभग 100 किमी तक नदी का पानी ठीक होता है और बाड़मेर के बाद नदी का पानी खारा हो जाता है. बाड़मेर के रेगिस्तान में मिलने के बाद पानी में नमक के कण मिल जाते हैं जिसके चलते पानी खारा हो जाता है.
Tags: Ganga river, Local18, Village floods
FIRST PUBLISHED : August 8, 2024, 14:31 IST