जहां नारद मुनि ने की थी तपस्या, वहीं प्रकट हुए थे भगवान शिव, आज भी मौजूद है चमत्कारी शिवलिंग

Last Updated:May 21, 2025, 12:57 IST
Nandeshwar Temple Udaipur: उदयपुर से कुछ ही दूरी पर स्थित नांदेश्वर महादेव का मंदिर आस्था का बड़ा केन्द्र है. नारद मुनि ने यहां कठोर तपस्या की और महादेव की आराधना में लीन हो गए. उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान…और पढ़ें
जिले से करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित है एक ऐसा ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल, जहां स्वयं महर्षि नारद जी ने तपस्या की थी. यह स्थल है नांदेश्वर महादेव का मंदिर, जो न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यहां की पौराणिक मान्यता और प्राकृतिक सौंदर्य भी इसे विशेष बनाता है.
नांदेश्वर महादेव मंदिर में आज भी एक प्राचीन स्वंयभू शिवलिंग स्थापित है, जिसकी पूजा सदियों से होती आ रही है. मंदिर परिसर में एक पुराना कुंड भी मौजूद है, जिसका पानी आज तक कभी नहीं सूखा.श्रद्धालुओं की मान्यता है कि यह कुंड चमत्कारी है और इसका जल हर रोग और पीड़ा को दूर करता है.
मंदिर के पुजारी विनोद पुजारी ने बताया कि उनके पूर्वज भी यहां पूजा करते आए हैं और उनका परिवार पिछले 100 वर्षों से इस शिवलिंग की सेवा में लगा हुआ है. उन्होंने बताया कि उनके पूर्वजों के अनुसार, एक बार नारद मुनि को एक श्राप मिला था, जिसके बाद वे एकांत की तलाश में इस स्थान पर आए थे.
मंदिर के पुजारी विनोद पुजारी ने बताया कि यह मंदिर अपने आप में बेहद खास है. इस मंदिर से हमारे पूर्वजों की आस्था जुड़ी हुई है. यही वजह है पीढ़ी दर पीढ़ी इस मंदिर की सेवा करते आ रहे हैं. नारद मुनि की तपोस्थली और शिव के चमत्कारी प्रकट होने की कथा की वजह से श्रद्धालुओं के दिलों में विशेष स्थान रखती है.
यहां हर सोमवार और महाशिवरात्रि के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. दूर-दूर से भक्तजन यहां आकर जलाभिषेक करते हैं और मन्नत मांगते हैं. वही मानसून के मौसम में यह एक पिकनिक स्पॉट में रूप काफी ज्यादा पसंद किया जाता है.
मंदिर का वातावरण अत्यंत शांत और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरा हुआ है. आस-पास हरियाली और प्राकृतिक सुंदरता इसे एक तीर्थ स्थल जैसा अनुभव कराती है. आज भी यह स्थल न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि इसकी पौराणिक मान्यता लोगों के विश्वास को और मजबूत करती है.
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नारद मुनि ने यहां की थी तपस्या, आज भी मौजूद है स्वंयभू शिवलिंग