वो कौन सी महिला, जिसके कारण साउथ कोरिया के प्रेसीडेंट ने मार्शल लॉ लगाकर मचा दिया हड़कंप
Was South Korea’s First Lady behind martial law: राष्ट्रपति यून सुक येओल ने साउथ कोरिया में मार्शल लॉ लगाकर अराजकता की स्थिति पैदा कर दी. लेकिन कुछ घंटों बाद ही उन्हें अपना फैसला बदलना पड़ा. यून सुक येओल ने मंगलवार की रात को अचानक मार्शल लॉ की घोषणा की थी. यह 1980 के बाद साउथ कोरिया में पहली बार हुआ. यह फैसला करने के लिए यून सुक येओल ने ‘राज्य विरोधी ताकतों’ और उत्तर कोरिया से खतरे का जिक्र किया. यून सुक येओल की घोषणा के बाद हेलमेट पहने सैनिक संसद भवन में घुस आए और छत पर सेना के हेलीकॉप्टर उतरते देखे गए. नेशनल असेंबली यानी वहां की संसद के बाहर हजारों प्रदर्शनकारी जमा हो गए. संसद में विपक्षी सांसदों द्वारा राष्ट्रपति के फैसले को पलटने के लिए मतदान किए जाने के कारण मार्शल लॉ केवल छह घंटे तक ही लागू रहा.
बाद में, यून सुक येओल ने संसद के फैसले को स्वीकार कर लिया और मार्शल लॉ हटा दिया. अब विपक्षी दल राष्ट्रपति यून सुक येओल से इस्तीफा देने या महाभियोग का सामना करने की मांग कर रहे हैं. इस नाटकीय घटनाक्रम ने यून सुक येओल की राजनीतिक परेशानियों और उनकी पत्नी, प्रथम महिला किम किऑन ही पर ध्यान केंद्रित कर दिया है.
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कौन हैं किम किऑन ही?दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला किम किऑन ही एक बिजनेसवूमेन हैं, जिन्होंने 2007 में कल्चरल कंटेंट कंपनी कोवाना कंटेंट्स की स्थापना की थी. किम ने 2015 में डोंगा बिजनेस रिव्यू के साथ अपने बिजनेस के बारे में एक इंटरव्यू में कहा था, “छोटी उम्र से ही मुझे आर्ट में रुचि थी. स्वाभाविक रूप से मेरे मन में एक ऐसा बिजनेस शुरू करने की इच्छा पैदा हुई जो आर्ट की वैल्यू को फैला सके.” एक अन्य मीडिया हाउस द स्ट्रेट्स टाइम्स के अनुसार, उनकी कंपनी कला प्रदर्शनियों का आयोजन करती है और अल्बर्टो जियाकोमेटी, मार्क चागल और मार्क रोथको जैसे कई बड़े कलाकारों के लिए प्रदर्शनियों का आयोजन कर चुकी हैं. किम ने मार्च 2012 में यून सुक येओल से शादी की थी. मई 2022 में जब उनके पति ने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति का पद संभाला तो वह देश की प्रथम महिला बन गईं. पशु अधिकारों की पैरोकार किम ने दक्षिण कोरिया में कुत्ते के मांस के सेवन पर प्रतिबंध लगाने की वकालत की.
किम कियोन ही के कई विवादकिम किऑन ही के कई विवाद और घोटाले उन्हें और उनके पति को परेशान करते रहे हैं. प्रथम महिला को अक्सर ‘किम कियोन-ही रिस्क’ के रूप में संदर्भित किया जाता है. जिसका अर्थ है कि वह अपने पति की राजनीतिक प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकती हैं. उनसे जुड़ा एक विवाद, जिसने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरीं, एक लक्जरी हैंडबैग को लेकर था. सितंबर 2022 में, कोरियाई-अमेरिकी पादरी चोई जे-यंग ने गुप्त रूप से किम के तीन मिलियन वॉन (1.8 लाख रुपये) का क्रिश्चियन डायर बैग स्वीकार करते हुए फिल्म बना ली थी.
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डायर बैग स्कैंडलपिछले साल नवंबर में लेफ्ट विंग के यूट्यूब चैनल वॉयस ऑफ सियोल द्वारा जारी किए गए इस वीडियो से जनता में गुस्सा फैल गया था. ‘ डायर बैग स्कैंडल’ ने किम को सुर्खियों में ला दिया. क्योंकि साउथ कोरिया के भ्रष्टाचार विरोधी कानून के तहत सरकारी अधिकारियों और उनके जीवनसाथियों को उनके आधिकारिक कर्तव्यों से संबंधित 750 डॉलर (63,000 रुपये) से अधिक मूल्य के उपहार स्वीकार करने पर रोक है.
थीसिस चोरी करने का आरोपकिम पर यह भी आरोप है कि उन्होंने अपनी पीएचडी थीसिस चोरी करके लिखी है. हालांकि उनके संस्थान कूकमिन विश्वविद्यालय ने आठ महीने की जांच के बाद उन्हें आरोपों से मुक्त कर दिया. जबकि 16 प्रोफेसरों के एक समूह ने दावा किया था कि किम की पीएचडी थीसिस साहित्यिक चोरी का मामला है. किम को लेकर विवाद यहीं खत्म नहीं होते. आरोप हैं कि उन्होंने और राष्ट्रपति यून ने 2022 में संसदीय उपचुनाव के लिए उम्मीदवारों को चुनने के लिए सत्तारूढ़ पीपुल्स पावर पार्टी (पीपीपी) पर अनुचित प्रभाव डाला. मुख्यधारा मीडिया द्वारा की गई जांच से पता चला कि किम ने राजनीतिक दलाल और एक मतदान एजेंसी के संस्थापक म्युंग ताए-क्यून के अनुरोध पर उम्मीदवारों की नामांकन प्रक्रिया में हस्तक्षेप किया था.
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स्टॉक में हेरफेर का आरोपकिम पर दक्षिण कोरियाई आयात कंपनी डॉयच मोटर्स से जुड़े स्टॉक में हेरफेर का भी आरोप है. 2022 में यून के चुनाव से पहले, संसद ने इस मामले में एक विशेष अभियोजक द्वारा जांच के लिए एक विधेयक पारित किया था. हालांकि, इसे यून ने वीटो कर दिया था. 7 नवंबर को एक सार्वजनिक माफी में राष्ट्रपति यून ने स्वीकार किया था, “न तो मेरी पत्नी और न ही मैंने अनुचित काम किया है.” प्रथम महिला से जुड़े इन घोटालों के बीच राष्ट्रपति यून की एप्रूवल रेटिंग गिरकर 17 प्रतिशत तक पहुंच गई है.
क्या मार्शल लॉ के पीछे प्रथम महिलाचोसुन डेली की रिपोर्ट के अनुसार, यून सुक येओल पर निशाना साधते हुए विपक्ष ने दावा किया है कि मार्शल लॉ लगाने का उनका निर्णय राजनीति से प्रेरित था. उन्होंने राष्ट्रपति पर प्रथम महिला के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की विशेष जांच की मांग से ध्यान हटाने का प्रयास करने का आरोप लगाया. पिछले सप्ताह, यून सुक येओल ने तीसरी बार अपनी पत्नी से संबंधित स्टॉक मूल्य हेरफेर और प्रभाव-व्यापार के आरोपों की विशेष वकील से जांच की मांग करने वाले विधेयक को वीटो कर दिया था.
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राजनीतिक हालात भी यून के खिलाफद चोसुन डेली ने बताया कि संसद 10 दिसंबर को विशेष अभियोजक विधेयक पर पुनर्विचार करने वाली थी. प्रमुख विपक्षी दल डेमोक्रेटिक पार्टी ने प्रस्ताव दिया है कि सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश विशेष अभियोजकों के लिए नामांकन की सिफारिश करेंगे. अगले सप्ताह फिर से इसके लिए मतदान होना है. इस विधेयक को लेकर सत्तारूढ़ पीपीपी के भीतर आंतरिक असहमति है. ऐसी अटकलें हैं कि सत्तारूढ़ पार्टी के कुछ सांसद प्रस्तावित विधेयक के पक्ष में मतदान कर सकते हैं. एक राजनीतिक ऑब्जर्वर ने द चोसुन डेली को बताया, “पुनः मतदान से ठीक एक सप्ताह पहले अचानक मार्शल लॉ की घोषणा से जनता का ध्यान निश्चित रूप से प्रथम महिला की ओर चला गया है.”
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FIRST PUBLISHED : December 4, 2024, 16:06 IST