चीन-अमेरिका व्यापार युद्ध से किसे हुआ ज्यादा फायदा, क्यों भारत रह गया पीछे और दूसरे देश मार ले गए बाजी
नई दिल्ली. कहते हैं, दो के झगड़े का फायदा तीसरे को मिलता है. दुनिया की दो महाशक्तियों के बीच टकराव में भी यही हो रहा. चीन और अमेरिका जब-जब एक-दूसरे के आमने-सामने होते हैं तो इसका फायदा तीसरे को मिल जाता है. लेकिन, क्या यह तीसरा पक्ष भारत है या कोई और. पिछले दिनों अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ बढ़ाने की बात कहने के बाद यह कयास लगाया जाने लगा कि अब भारत को इसका फायदा मिलेगा. चीन और अमेरिका जब व्यापार युद्ध की स्थिति में होंगे तो इसका फायदा भारत को मिल जाएगा. लेकिन, क्या आपको पता है कि चीन और अमेरिका में व्यापार युद्ध कोई नई बात नहीं, पर इसका फायदा भारत को कम और दूसरे देशों को ज्यादा मिला है.
आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने एक रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध का फायदा भारत को मिला तो लेकिन उससे ज्यादा लाभ कई अन्य देशों ने उठा लिया. रिपोर्ट बताती है कि मैक्सिको, कनाडा और 10 देशों के दक्षिण-पूर्व एशियाई समूह आसियान को भारत की तुलना में अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध से अधिक लाभ हुआ है.
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भारत को कुछ सुधार करने होंगेरिपोर्ट के मुताबिक, भारत को अपनी स्थानीय आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करना होगा और चीन पर निर्भरता कम करने के लिए महत्वपूर्ण मध्यवर्ती उत्पादों का उत्पादन करना होगा. अमेरिका को निर्यात बढ़ाने के लिए घरेलू उद्योगों की प्रतिस्पर्धात्मकता, लागत दक्षता तथा कारोबारी सुगमता बढ़ाने की जरूरत है. इसके बाद ही निर्यात के मोर्चे पर उसे ज्यादा लाभ मिलने की उम्मीद है.
फिर से बन रहे अवसरजीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप के फिर से अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के साथ नये व्यापार परिदृश्य में भारतीय उद्योग के लिए बड़े अवसर उभर रहे हैं. अमेरिका अब मैक्सिको, कनाडा, चीन और अन्य देशों को लक्षित करके नए शुल्क लगाने की योजना बना रहा है, जिसका फायदा उठाने के लिए भारत को अभी से कुछ तैयारियां शुरू कर देनी चाहिए.
किसे हुआ सबसे अधिक लाभरिपोर्ट में कहा गया है कि व्यापार युद्ध के प्रमुख लाभार्थियों में मैक्सिको, कनाडा और आसियान देश शामिल हैं, जिनका सामूहिक रूप से अमेरिकी आयात वृद्धि में 57 प्रतिशत योगदान है. भारत को भी उल्लेखनीय लाभ मिला और देश ने इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्युटिकल्स और इंजीनियरिंग सामान जैसे क्षेत्रों में अमेरिका को 36.8 अरब डॉलर का निर्यात बढ़ाया है. मैक्सिको को सबसे अधिक लाभ मिला, जिसने 2017 और 2023 के बीच अमेरिका को 164.3 अरब डॉलर का निर्यात बढ़ाया. इसके बाद कनाडा (124 अरब डॉलर), वियतनाम (70.5 अरब डॉलर), दक्षिण कोरिया (46.3 अरब डॉलर) और जर्मनी (43 अरब डॉलर) का स्थान रहा.
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FIRST PUBLISHED : December 16, 2024, 14:52 IST