शर्मिला टैगोर ने मंसूर अली खान पटौदी ट्रॉफी रिटायर पर जताई नाराजगी

Last Updated:April 02, 2025, 12:40 IST
Sharmila Tagore Hurt By BCCI Decision: शर्मिला टैगोर अपने दिवंगत पति और दिग्गज क्रिकेटर मंसूर अली खान पटौदी के नाम पर रखी गई एमएके पटौदी ट्रॉफी को रिटायर करने के फैसले से निराश हैं.
शर्मिला टैगोर इस फैसले से खुश नहीं हैं.
हाइलाइट्स
शर्मिला टैगोर पटौदी ट्रॉफी रिटायर होने से निराश.सैफ अली खान को ईसीबी ने ट्रॉफी रिटायर का लेटर भेजा.बीसीसीआई के फैसले से शर्मिला टैगोर आहत.
नई दिल्ली. एक्ट्रेस शर्मिला टैगोर और क्रिकेटर मंसूर अली खान पटौदी की शादी 1968 में काफी चर्चा में रही थी. भारत में ये पहली बार था जब किसी क्रिकेटर की जोड़ी एक्ट्रेस के साथ बनी थी. दोनों की लव स्टोरी काफी फिल्मी है और इस लव स्टोरी को सक्सेसफुल बनाने के लिए दोनों ने खूब पापड़ भी बेले. शर्मिला टैगोर ने मंसूर अली खान के खातिर ब्राह्मण धर्म छोड़ इस्लाम धर्म अपनाया और आयेशा सुल्ताना बनकर क्रिकेटर से निकाह किया. इस जोड़ी ने सिनेमा और क्रिकेट को एक साथ जोड़ा. मंसूर अली खान पटौदी को मैदान में ‘टाइगर’ कहा जाता रहा. मंसूर अली खान पटौदी दुनिया से चले गए, लेकिन उन्हें हमेशा मैदान पर याद किया जाता रहा. लेकिन अब इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने एक ऐसा फैसला लिया, जिसके बाद शर्मिला टेगौर का दिल टूट गया है.
दरअसल, भारतीय क्रिकेटर मंसूर अली खान पटौदी के नाम पर आयोजित होने वाली एमएके पटौदी ट्रॉफी को रिटायर किया जा रहा है. भारत और इंग्लैंड के बीच खेली जाने वाली यह टेस्ट सीरीज 2007 में शुरू हुई थी, जो 1932 में हुए पहले भारत बनाम इंग्लैंड टेस्ट मैच की याद में खेली जाती है. लेकिन अब इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड (ECB) इसे बदलने पर विचार कर रहा है. इस फैसले को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है. हालांकि, एक्ट्रेस ने बीसीसीआई को गुस्सा दिखाया है.
‘बीसीसीआई ‘टाइगर’ की विरासत को…शर्मिला टैगोर इस फैसले से खुश नहीं हैं. हिंदुस्तान टाइम्स के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि उनके बेटे सैफ अली खान को इन बारे में सूचना दी गई है. एक्ट्रेस ने कहा, ‘मुझे उनसे कोई सूचना नहीं मिली है, लेकिन ईसीबी ने सैफ को एक लेटर भेजा है कि वे ट्रॉफी को रिटायर कर रहे हैं. नाराजगी जाहिर हुए उन्होंने कहा ‘बीसीसीआई ‘टाइगर’ की विरासत को याद रखना चाहता है या नहीं, यह उनका फैसला है’. वह इस कदम से ‘आहत’ हैं.
पहले भी रिटायर हुई हैं ट्रॉफी?ऐसा पहली बार नहीं है कि ईसीबी ने किसी खिलाड़ी को रिटायर किया हो. क्रिकेट में ऐसे कई उदाहरण हैं. इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच खेली जाने वाली विजडन ट्रॉफी को रिटायर कर दिया गया था. इस ट्रॉफी को अब विवियन रिचर्ड्स और ईयान बॉथम के नाम पर ‘रिचर्ड्स-बॉथम ट्रॉफी’ कहा जाता है.
पटौदी परिवार के नहीं है ये पहला झटकायह इस साल पटौदी परिवार को लगा पहला झटका नहीं है. कुछ महीने पहले ही सैफ को एक घुसपैठिए ने उनके घर में घुसकर चाकू मार दिया था, जब वह अपने परिवार की रक्षा करने की कोशिश कर रहे थे. जनवरी में, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सैफ को निर्देश दिया कि वह अपीलीय प्राधिकरण के पास जाएं, जब केंद्र सरकार ने पटौदी परिवार की ऐतिहासिक संपत्तियों, जिनकी अनुमानित कीमत 15,000 करोड़ रुपये है, को ‘शत्रु संपत्ति’ घोषित कर दिया.
शर्मिला टैगोर जब बनीं टाइगर की आयशाएक पुराने इंटरव्यू में सिमी गरेवाल से बात करते हुए, शर्मिला से उनके धर्म परिवर्तन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा था, ‘यह न तो बहुत आसान था और न ही बहुत कठिन. इसे सामना करना और समझना पड़ा. आप इसके बारे में बहुत हल्के में नहीं ले सकते थे. इससे पहले, मैं बहुत धार्मिक नहीं थी. अब, मुझे लगता है कि मैं हिंदू धर्म और इस्लाम के बारे में अधिक जानती हूं.’ जब उनके नाम आयशा के बारे में पूछा गया, तो मंसूर ने कहा कि उन्होंने यह नाम सुझाया था. शर्मिला टैगोर और मंसूर अली खान पटौदी ने 27 दिसंबर 1968 को शादी की और मंसूर के 2011 में निधन तक साथ रहे. कपल के तीन बच्चे हैं सैफ, सबा और सोहा.
Location :
Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh
First Published :
April 02, 2025, 12:40 IST
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