किसने कराया था बाबा खाटू श्याम मंदिर का निर्माण? नाम सुनकर हिल जाएगा दिमाग, हैरान कर देगा सच

Last Updated:March 20, 2025, 20:32 IST
Baba Khatu Shyam Mandir: खाटू श्याम मंदिर का निर्माण किसने कराया था? यह सवाल कई लोगों के मन में है लेकिन हर किसी को इसका जवाब अब तक नहीं मालूम होगा. मगर आज हम आपको बताएंगे इसके पीछे की पूरी कहानी.
खाटू श्याम मंदिर का निर्माण महिला ने किया था.
सीकर. विश्व प्रसिद्ध बाबा श्याम की महिमा दिनों दिन बढ़ती जा रही है. बाबा के दरबार में रोजाना दिल्ली, मुंबई, कोलकाता सहित देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं. खाटूश्याम जी मंदिर में भगवान श्री कृष्ण के अवतार माने जाने वाले बाबा श्याम के शीश की पूजा होती है. यह पूरे भारत का एकमात्र ऐसा अनोखा और चमत्कारी मंदिर है जहां किसी देवता के शीश की पूजा होती है. लेकिन, क्या आपको पता है कि खाटूश्याम जी के मंदिर में बाबा श्याम की यह चमत्कारी शीश की मूर्ति आई कैसे और किसने लखदातार को पहली बार स्थापित किया था. आज की स्पेशल स्टोरी में ये दोनों पहलुओं की जानकारी हम आपको देंगे.
आपको जानकर हैरानी होगी कि वर्तमान में स्थित खाटूश्याम जी के इस भव्य और विशाल मंदिर की नींव किसी पुजारी या राजा ने नहीं बल्कि एक महिला ने रखी थी. यह महिला खाटूवांग नगरी (वर्तमान का खाटूश्याम जी) की रानी नर्मदा कंवर थी. जब 1027 ईस्वी में रेतीली टीले के अंदर से गाय चराने वाले ग्वाले को बाबा श्याम का शीश मिला था, तो उसने कुछ दिन बाबा श्याम की पूजा अर्चना की और उसके बाद उनके शीश को खाटूवांग नगरी के राजा रूपसिंह चौहान को सौंप दिया. राजा रूपसिंह चौहान की पत्नी नर्मदा चौहान बहुत धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थी, तो राजा ने बाबा श्याम का शीश अपनी पत्नी को दे दिया. इसके बाद खाटूवांग नगरी की रानी नर्मदा कर ने छोटा सा मंदिर बनाकर वहां बाबा श्याम के शीश को स्थापित किया और रोजाना पूजा अर्चना करने लगी.
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मारवाड़ के शासक ने कराया था जीर्णोद्धार 1027 ईस्वी में बाबा श्याम का शीश स्थापित होने के बाद हारे के सहारे की महिमा दूर-दूर तक फैल गई. भक्त मिलो दूर से चलकर बाबा के दर्शन के लिए आने लगे. इसके बाद मारवाड़ के रियासत के दीवान अभय सिंह ने 1720 ईस्वी में वर्तमान खाटूश्याम जी मंदिर का जन्म आधार करवाया. वर्तमान में जो 13 पेडीयों से चढ़कर भक्त बाबा श्याम के जो दर्शन करते हैं वह मंदिर का स्वरूप दीवान अभय सिंह द्वारा दिया गया है.
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2023 में वर्तमान स्वरूप दिया गया खाटूश्याम जी का मंदिर में 14 लाइनों का जो वर्तमान स्वरूप है, वह 2023 में दिया गया था. अगस्त 2022 में खाटूश्याम जी में भगदड़ के दौरान चार महिलाओं की मौत हो गई थी. जिसमें जांच के दौरान दर्शन व्यवस्था में कमी को जिम्मेदार पाया गया. इसके बाद प्रशासन और मंदिर कमेटी द्वारा बाबा श्याम की प्रतिमा और गर्भ ग्रह को बिना छेड़ते हुए वर्तमान मंदिर का स्वरूप दिया. इस व्यवस्था के अनुसार अब भक्त 14 लाइनों में आसानी से कुछ ही देर में बाबा श्याम के दर्शन कर सकते हैं.
Location :
Sikar,Sikar,Rajasthan
First Published :
March 20, 2025, 20:32 IST
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किसने कराया था बाबा खाटू श्याम मंदिर का निर्माण? नाम सुनकर हिल जाएगा दिमाग