Nasal tumor reached the brain, removed with binoculars | दिमाग तक पहुंचा नाक का ट्यूमर, दूरबीन से निकाला

जयपुर . दस साल के दिवांशु (परिवर्तित नाम) को नाक से दिमाग को ओर जा रहे ट्यूमर से जान का खतरा था। इस ट्यूमर को निकालने की सर्जरी भी बेहद जटिल थी, लेकिन डॉक्टरों ने बिना किसी चीरफाड़ के दूरबीन से ही ट्यूमर को निकाल मरीज को नया जीवन दिया।
दिमाग तक पहुंचा नाक का ट्यूमर, दूरबीन से निकाला
जयपुर . दस साल के दिवांशु (परिवर्तित नाम) को नाक से दिमाग को ओर जा रहे ट्यूमर से जान का खतरा था। इस ट्यूमर को निकालने की सर्जरी भी बेहद जटिल थी, लेकिन डॉक्टरों ने बिना किसी चीरफाड़ के दूरबीन से ही ट्यूमर को निकाल मरीज को नया जीवन दिया।
डॉक्टरों के अनुसार बच्चे को नाक से ब्लीडिंग और नाक बंद के लक्षण आ रहे थे। जांच करने पर पता लगा कि उसे दुर्लभ ट्यूमर नेजल एंजियो फायब्रोमा की समस्या थी। यह ट्यूमर बच्चों में पाया जाता है। यह खून की नसों से बना ट्यूमर होता है, जिसकी सर्जरी बहुत मुश्किल होती है क्योंकि इसमें रक्तस्राव बहुत ज्यादा हो सकता है। कभी-कभी मौत भी हो जाती है।
सामान्यतः इसकी सर्जरी आंख के नीचे चीरा लगाकर नाक को पूरा खोलकर और होंठ को आधा काट कर ट्यूमर निकाला जाता है। यह बड़ी सर्जरी होती है जिसमें बच्चे को रिकवरी में भी काफी समय लगता है। रुक्मणी बिरला हॉस्पिटल के ईएनटी सर्जन डॉ. अमित नाहटा ने कहा कि हमने यह ट्यूमर दूरबीन से निकाल दिया। इसमें बच्चे के चेहरे पर चीरा भी नहीं लगाना पड़ा। यह ट्यूमर खोपड़ी में जा रहा था, जिसे बिना किसी चीरफाड़ के निकाल दिया गया। साढ़े तीन घंटे चली इस सर्जरी के बाद मरीज को एक दिन के लिये आईसीयू में रखा गया और तीन दिन सामान्य वार्ड में मॉनिटरिंग में रखकर डिस्चार्ज कर दिया गया। अब वह पूरी तरह स्वस्थ है।