कौन हैं जितेंद्र सिंह, जो राजस्थान के पहले अग्निवीर होंगे, जिन्हें 7 महीने बाद मिला शहीद का दर्जा
नितिन शर्मा.
अलवर. राजस्थान के अलवर जिले के रैणी उपखंड के नवलपुरा मोरोड कला गांव निवासी अग्निवीर जितेंद्र सिंह तंवर को शहादत के सात माह बाद शहीद का दर्जा मिल गया है. राजस्थान के जितेंद्र सिंह पहले ऐसे अग्निवीर हैं जिन्हें शहीद का दर्जा मिला है. जितेंद्र सिंह जम्मू कश्मीर में ड्यूटी के दौरान आतंकी हमले में शहीद हो गए थे. जितेन्द्र सिंह 29 दिसंबर 2022 को अलवर के इंदिरा गांधी स्टेडियम में हुई अग्निवीर सेना में भर्ती हुए थे. उसके बाद वे 3 पैरा स्पेशल फोर्स का हिस्सा बने. सिंह के परिवार को सरकार की तरफ से दो करोड़ रुपये दिए गए हैं.
जानकारी के अनुसार इसी साल 9 मई को जम्मू कश्मीर के पुंछ राजोरी इलाके में सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकियों की गोली लगने से जितेंद्र सिंह शहीद हो गए थे. जितेंद्र के परिवार को केन्द्र सरकार की तरफ से एक करोड़ रुपये और पंजाब नेशनल बैंक के आर्मी अकाउंट में इंश्योरेंस की एक करोड़ रुपये राशि दी गई है. जितेंद्र सिंह के परिवार के सदस्य भूतपूर्व सैनिक बख्तावर सिंह ने बताया कि जितेन्द्र की बेंगलुरु में एक वर्ष की स्पेशल ट्रेनिंग के बाद 29 फरवरी 2024 को पहली बार पोस्टिंग जम्मू कश्मीर में हुई थी.
9 मई 2024 को जम्मू कश्मीर में शहीद हुए थे जितेन्द्रबीते 9 मई 2024 को जम्मू कश्मीर के पुंछ राजौरी इलाके में जितेंद्र सिंह को सेना की टुकड़ी के साथ आतंकी सर्च ऑपरेशन में भेजा गया था. इस दौरान गोली लगने से जितेंद्र शहीद हो गए. एक गोली जितेंद्र सिंह के सिर में लगी और दूसरी उनकी कमर को छूकर निकली गई थी. उसके बाद जितेन्द्र सिंह के पैतृक गांव में उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया था. बकौल बख्तावर सिंह अग्निवीर जितेंद्र सिंह जब शहीद हुए थे उस वक्त सरकार की ओर से कोई राशि नहीं दी गई थी.
जितेंद्र ने 17 महीने सेना में नौकरी की थीउसके बाद यह मामला राजनीतिक तौर पर भी उठा था कि अग्निवीर को केंद्र सरकार शहीद का दर्जा नहीं दे रही. लेकिन सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिली. शुरुआत में सेना ने भी जितेंद्र सिंह तंवर को शहीद का दर्जा नहीं दिया. इस मामले पर सेना की तरफ से एक जांच करवाई गई. उसके सात माह बाद जितेंद्र को शहीद का दर्जा दिया गया है. जितेंद्र ने 17 महीने सेना में नौकरी की थी.
दो दिन पहले सेना की तरफ पत्र मिला हैजितेन्द्र के अन्य परिजनों ने बताया कि सेना में भर्ती होने से पहले वह दिन में मजदूरी करता और सुबह-शाम सेना में भर्ती होने की तैयारी करता था. जितेंद्र में सेना में भर्ती होने को लेकर जबर्दस्त जुनून था. बख्तावर सिंह ने बताया कि अब उन्हें सेना की तरफ एक पत्र सोमवार को मिला है. उसमें जितेंद्र सिंह को शहीद का दर्जा देने की जानकारी दी गई है. परिजनों ने बताया कि बीते दिनों वे राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल से मिले और उनके सामने अपनी बात रखी थी.
गांव में बन रहा है शहीद के नाम से पार्कमुख्यमंत्री भजनलाल ने परिवार को कारगिल शहीद का पैकेज देने की बात कही थी. इसके साथ ही परिवार सहित उनका सम्मान किया गया. घर में जितेंद्र सिंह का बड़ा भाई और एक विधवा मां है. जितेंद्र सिंह के शहीद होने के बाद से परिवार के हालात खराब थे. वे लगातार न्याय के लिए चक्कर लगा रहे थे. अब जितेन्द्र को शहीद के दर्जे मिलने से परिवार खुश है. वहीं गांव में जितेंद्र सिंह के नाम पर एक पार्क शहीद स्मारक के तौर पर डवलप किया जा रहा है. इसमें स्थानीय विधायक, समाज के लोग और भूतपूर्व सैनिकों ने आर्थिक सहयोग किया है. उनका निर्माण कार्य चल रहा है.
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FIRST PUBLISHED : November 20, 2024, 12:55 IST