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कौन थे हसन खान मेवाती, खानवा युद्ध में हुए शहीद, अलावल खान के नाम पर रखा गया अलवर का नाम

Last Updated:March 16, 2025, 01:01 IST

अलवर में अमर शहीद हसन खान मेवाती का शहादत दिवस मनाया गया. उन्होंने 1527 में राणा सांगा के साथ बाबर के खिलाफ युद्ध में शहादत दी थी. उनके योगदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की गई.X
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शहीद हसन खान मेवाती का शहादत दिवस मनाया

हाइलाइट्स

हसन खान मेवाती का शहादत दिवस अलवर में मनाया गया.1527 में राणा सांगा के साथ बाबर के खिलाफ युद्ध में शहीद हुए.अलवर का नाम उनके पिता अलावल खान के नाम पर रखा गया.

आसिफ खान/अलवर. हर साल की तरह इस साल भी मेवात के अमर शहीद हसन खान मेवाती का शहादत दिवस अलवर में मनाया गया. हसन खान मेवाती 15 मार्च 1527 को शहीद हुए थे. उन्होंने राजा के साथ मेवात के बारह हजार सैनिकों के साथ मिलकर युद्ध में भाग लिया और शहीद हो गए. मुग़ल बादशाह बाबर के खिलाफ खनवां की लड़ाई में राणा सांगा और बाबर की सेनाओं का आमना-सामना हुआ था. उस समय, अमर शहीद हसन खान मेवाती ने मेवाड़ के शासक राणा सांगा के साथ मिलकर बाबर से युद्ध लड़ा और इस लड़ाई में उन्होंने अपनी जान की आहुति दी.

शनिवार 15 मार्च 2025 को वीर सेनानी शहीद राजा हसन खां मेवाती का शहीदी दिवस मनाया गया, यहां  उन्हें खिराज ए अकीदत पेश की गई. इस अवसर पर अलवर के बहरोड रोड स्थित शाहिद राजा हसन का मेवाती पैनोरमा पर शहीद राजा हसन खां मेवाती विकास मंच अलवर के अध्यक्ष सालिम हुसैन ने अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि हसन खान मेवाती ने अनेकता में एकता की मिसाल पेश की, जब उन्होंने राणा सांगा के साथ मिलकर बाबर की सेना से लोहा लिया. वे हमेशा देश पहले के सिद्धांत पर मर मिटने के लिए तत्पर रहते थे और उनके नेतृत्व में मेवात की सेना ने शौर्य और वीरता का प्रदर्शन किया.

अलावल खान के नाम पर रखा अलवर नाम हसन खां मेवाती ने हमेशा मुगलों की सेनाओं से लोहा लिया और मेवात क्षेत्र के साथ-साथ देश का शौर्य बढ़ाने का काम किया. वे न केवल युद्ध में वीर थे, बल्कि विद्वान और कलाकारों का भी सम्मान करते थे और स्वयं शायरी किया करते थे. उनकी जीवनशैली से राष्ट्रभक्ति, धार्मिक सौहार्द और अनेकता में एकता का संदेश मिलता है. अलवर जिले का नाम उनके पिताजी अलावल खान के नाम पर रखा गया था, जो इस महान परिवार की विरासत को और भी गौरवमयी बनाता है.

बाला किला का हुआ निर्माणपूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष हकमुदीन ने बताया कि शहीद राजा हसन खां मेवाती का योगदान भारतीय अखंडता और अक्षुण्णता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण था. उन्होंने राणा सांगा के साथ मिलकर मुग़ल शासक बाबर के खिलाफ युद्ध लड़ा, और उनकी बहादुरी हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी है. हसन खां मेवाती के शासनकाल में अलवर के बाला किला का निर्माण हुआ, और उनके नाम पर कई गांवों को समर्पित किया गया. वे बाबर के साथ युद्ध करते हुए 12,000 मेवाती घुड़सवार सैनिकों के साथ खानवा की लड़ाई में शहीद हो गए थे.

ये व्यक्ति थे मौजूद इस अवसर पर इमरान खान, जाकिर हुसैन MPS, रायमल जटीयाना, छात्र नेता समयदीन रायबका, राशिद मन्नाका, तोफिक खान, वारिस शाह, तुषार सेन, अंकुश सैनी, अजय सेन, शाहीन खान, आलम, दीपेश सहित कई प्रमुख व्यक्ति मौजूद रहे. इन सभी ने शहीद राजा हसन खां मेवाती को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके योगदान को याद किया.

Location :

Alwar,Rajasthan

First Published :

March 16, 2025, 01:01 IST

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कौन थे हसन खान मेवाती, मुस्लिम शासक जो खानवा युद्ध में हुए शहीद

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