Rajasthan

‘जिसको खुदा रखे उसे कौन चखे’, इस सांप का काटा नहीं मांगता पानी, धरती के ‘भगवान’ ने बचा ली इस बच्ची जान

पाली. डॉक्टरों को धरती का भगवान ऐसे ही नहीं कहा जाता है. जब भी उनके पास कोई मरीज पहुंचता है तो भगवान बनकर उसकी जान बचाने का जो दायित्व है वह डॉक्टर बखूबी रूप से निभाते हैं. ऐसा ही उदाहरण पाली में उस वक्त देखने को मिला जब घर में सोई 12 साल की मासूम बच्ची को सांप ने काट लिया और गंभीर हालत में जब बच्ची को पाली शहर के अस्पताल में भर्ती कराया गया तब बच्ची न्यूरो पैरालिसिस का शिकार होकर कोमा में चली गई थी. हर कोई यही सोच रहा था कि अब शायद बच्ची का बच पाना मुश्किल है मगर पाली के बांगड़ अस्पताल के चिकित्सकों ने बच्ची को नया जीवनदान देने का काम किया. बच्ची 7 दिनों तक वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करती रही मगर बेहतर ट्रीटमेंट के चलते बच्ची होश में आ गई.

घर में सोई 12 साल की एक बच्ची को सांप ने काट लिया. गंभीर हालत में उसे शहर के हॉस्पिटल रेफर किया. सांप के काटने से लड़की न्यूरो पैरालिसिस का शिकार होकर कोमा में चली गई थी. डॉक्टरों से उसे वेंटिलेटर पर रखा और 7 दिन बाद बच्ची को होश आ गया. मामला पाली जिले के सोजत का है. लड़की का इलाज पाली के बांगड़ हॉस्पिटल में चला, जहां उसे डॉक्टरों ने नया जीवन दे दिया. अब उसकी तबीयत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है.

 बच्ची को कॉमन करैत सांप ने डसापाली जिले के सोजत सिटी के नेहड़ा बेडा गांव के रहने वाले पारसमल की 12 साल की बेटी प्रियांशी को सांप ने डस लिया था. 10 नवंबर को प्रियांशी घर पर परिवार के साथ सो रही थी. इस दौरान सुबह 4.30 बजे उसे कॉमन करैत सांप ने डस लिया. उसने मां को जगाया और कहा कि उसे सांप ने हाथ पर काट लिया है. मां ने लाइट जलाई तो सांप नजर आया. देखते ही देखते सांप आंखों के सामने से ओझल हो गया. सांप के काटने से प्रियांशी बेहोश हो गई. परिजन उसे लेकर सोजत सिटी हॉस्पिटल लेकर पहुंचे. जहां डॉक्टरों ने प्रियांशी की स्थिति देखते हुए उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया. तब बांगड अस्पताल रेफर किया गया जहां पर बेहतर ट्रीटमेंट बच्ची को दिया गया.

जहरीले सांपों के टॉप-4 में आता है यह सांपभारत में पाए जाने वाले जहरीले सांपों की श्रेणी में कॉमन करैत सांप टॉप-4 की सूची में आता है. एक्सपर्ट की मानें तो यह सांप इतना जहरीला होता है कि इसके काटने पर मात्र कुछ ही घंटो में व्यक्ति की मौत हो जाती है. जिस व्यक्ति को यह सांप काट लें, वह पानी तक नहीं मांगता. कॉमन करैत एक ऐसी प्रजाति है, जो कोबरा से पांच गुना ज्यादा जहरीली होती है. इसे साइलेंट किलर भी कहते हैं. जब कॉमन करैत अटैक करता है, तो लगता है चींटी ने काटा है. इसके काटने पर दर्द नहीं होता. इसलिए ज्यादातर लोगों को पता नहीं चलता कि सांप ने काटा है. ऐसे में ऐसे जहरीले सांप के काटने के बावजूद उसको मौत के मुंह से बाहर निकालने का काम पाली के बांगड़ अस्पताल के डॉक्टरों ने किया है.

यह चिकित्सक बने बच्ची के लिए भगवानजब बच्ची को सांप ने काटा तो परिजन उसे बेसुध अवस्था में बांगड़ हॉस्पिटल लेकर पहुंचे. पीडियाट्रिक विभाग के डॉ. रफीक कुरैशी की यूनिट में पीआईसीयू वार्ड में भर्ती किया. यूनिट के वरिष्ठ विशेषज्ञ डॉ. एसएन स्वर्णकार, कनिष्ठ विशेषज्ञ परेश दवे, कनिष्ठ विशेषज्ञ डॉ. कपिल टाक और डॉ. चंद्रवीर परमार ने मरीज को वेंटिलेटर पर लेकर इलाज शुरू किया. डॉक्टर्स ने बताया- बच्ची को सांप काटने के 2 घंटे बाद ही न्यूरो पैरालिसिस हो गया था. जिससे वो कोमा में चली गई. ब्रेन ने काम करना बंद कर दिया. समय पर इलाज नहीं मिलने पर बच्ची की मौत हो सकती थी. टीम ने सांप का जहर कम करने के लिए एंटी स्नेक वेनम और लाइफ सेविंग दवाएं देकर बच्ची की जान बचाई. बच्ची की हालत को देखते हुए उसे वेंटिलेटर पर ऑब्जर्वेशन में रखकर इलाज शुरू किया. वह सात दिन तक वेंटिलेटर पर रही. आठवें दिन बच्ची के शरीर में सुधार देख उसे वेंटिलेटर से हटाया. उसके होश में आने से परिजन भी खुश है. डॉक्टर ने बताया कि बच्ची के सामान्य रूप से बोलने और चलने तक इलाज जारी रहेगा.

Tags: Local18, Pali news, Rajasthan news

FIRST PUBLISHED : November 19, 2024, 16:50 IST

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj