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धर्मेंद्र ने 5 साल सांसद रहने के बाद क्यों छोड़ दी थी राजनीति? बेटे सनी देओल ने बताई असल वजह| dharmendra admitted in breach candy hospital mumbai why did he leave politics after 5 years as an bikaner mp sunny deol

Last Updated:November 10, 2025, 18:21 IST

Dharmendra Health News: बॉलीवुड एक्टर धर्मेंद्र सांस की तकलीफ के चलते ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती हैं. उनका राजनीतिक सफर बीकानेर से शुरू हुआ था. उन्होंने 2004 में बीजेपी के टिकट पर राजस्थान के बीकानेर से लोकसभा चुनाव जीता था. लेकिन 5 साल के कार्यकाल के बाद ही उन्होंने इससे तौबा कर ली.

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बॉलीवुड एक्टर धर्मेंद्र ने 5 साल सांसद रहने के बाद क्यों छोड़ दी थी राजनीति?बॉलीवुड एक्टर धर्मेद्र अस्पताल में भर्ती

मुंबई. बॉलीवुड के ‘ही-मैन’ के नाम से मशहूर दिग्गज एक्टर धर्मेंद्र की हालत एक बार फिर से बिगड़ गई है. सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी स्थिति नाजुक बताई जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्हें फिलहाल वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है. डॉक्टरों की एक टीम लगातार उनकी स्थिति पर नजर बनाए हुए है. परिवार के कई सदस्य अस्पताल में मौजूद हैं. यह भी कहा जा रहा है कि उनकी बेटियों को अमेरिका से बुलाया गया है. धर्मेंद्र का संबंध सिर्फ बॉलीवुड से ही नहीं रहा है, बल्कि उन्होंने राजनीतिक पटल पर भी अपनी किस्मत आजमाई.

साल 2004 में बीजेपी के साइनिंग इंडिया कैंपेन से प्रभावित होकर धर्मेंद्र राजनीति में आए थे. शत्रुघ्न सिन्हा के साथ वह बीजेपी के दिग्गज नेता लाल कृष्ण आडवाणी से मिले थे. इस मुलाकात के बाद उनका राजनीति में आने का रास्ता साफ हो गया था. बीजेपी ने उन्हें राजस्थान के बीकानेर से मैदान में उतारा. धर्मेंद्र ने करीब 60,000 वोटों के अंतर से कांग्रेस के रमेश्वर लाल डूडी को हरा कर संसद पहुंच गए. हालांकि, उनका यह राजनीतिक सफर 5 साल पूरा होने के बाद एक बड़े पछतावे के साथ समाप्त हुआ.

दिग्गज एक्टर धर्मेंद्र के जल्द ठीक होने की फैंस दुआ कर रहे हैं. फाइल फोटो.

धर्मेंद्र कैसे आए राजनीति में?

धर्मेंद्र का राजनीतिक करियर काफी छोटा रहा. राजनीति उनको रास नहीं आया. धर्मेंद्र ने अपनी फिल्म ‘शोले’ के डायलॉग का इस्तेमाल करते हुए जनता से वादा किया था कि अगर सरकार उनकी बात नहीं मानेगी, तो वह संसद की छत पर खड़े होकर कूद जाएंगे. उन्होंने जबरदस्त जीत भी दर्ज की, लेकिन उनका कार्यकाल उनके जनता के बीच कम उपस्थिति और संसद से गैरमौजूदगी के लिए चर्चित रहा.

राजनीति से तौबा और पछतावा

धर्मेंद्र का राजनीतिक करियर फिल्मों की तरह हिट नहीं रहा. वे अपने 5 साल के कार्यकाल के दौरान बहुत कम बार संसद में उपस्थित हुए. बीकानेर की जनता ने अक्सर उनसे शिकायत की कि सांसद अपने इलाके में बहुत कम वक्त देते हैं और ज्यादातर समय अपनी फिल्मों की शूटिंग या फार्महाउस पर बिताते हैं. उन्हें एक ‘गैरहाजिर’ सांसद के रूप में देखा गया. हालांकि, उनके समर्थकों ने हमेशा दावा किया कि उन्होंने पर्दे के पीछे रहकर बीकानेर के लिए काफी काम किया.

2009 में अपना कार्यकाल पूरा होने के बाद धर्मेंद्र ने दोबारा कभी चुनाव नहीं लड़ा.

2009 में अपना कार्यकाल पूरा होने के बाद धर्मेंद्र ने दोबारा कभी चुनाव नहीं लड़ा और सक्रिय राजनीति से तौबा कर ली. बाद में बेटे सनी देउल ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें राजनीति रास नहीं आया और इसका उनको पछतावा था. धर्मेंद्र ने भी एक बार कहा था ‘काम मैं करता था, क्रेडिट कोई और ले जाता था.’ शायद वह जगह मेरे लिए नहीं थी. धर्मेंद्र के बेटे सनी देओल और पत्नी हेमा मालिनी भी बाद में राजनीति में आए, लेकिन धर्मेंद्र ने हमेशा इससे किनारा किए रखा. बाद में बेटे सनी देओल ने भी गुरुदासपुर से एक बार जीतने के बाद राजनीति से तौबा कर लिया. लेकिन हेमा मालिनी मथुरा से अब तक तीन बार सांसद हो चुकी हैं. आज जब धर्मेंद्र जीवन और मौत के बीच झूल रहे हैं तो उनका यह छोटा मगर जटिल राजनीतिक सफर भी उनकी यादगार यात्रा का एक हिस्सा है.

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Mumbai,Maharashtra

First Published :

November 10, 2025, 18:21 IST

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