World

Kiss करने से इतनी परहेज क्‍यों? भारत का खास मित्र देश, लेकिन पहले चुंबन का नाम सुनते ही यहां चिढ़ जाते हैं युवा!

नई दिल्‍ली. किशोर अवस्‍था में आने और वयस्‍क होने के बाद अपने जीवन के पहले Kiss को लेकर हर किसी में क्रेज तो होता ही है. मन पसंद के लाइफ पार्टनर को चुनना और उसके साथ पहला चुंबन हर किसी के लिए एक स्‍पेशल मूमेंट होता है. हालांकि अगर भारत के खास मित्र देश जापान की बात की जाए तो वहां युवाओं में पहले kiss को लेकर ज्‍यादा उत्‍साह नजर नहीं आता. पूर्वी-एशियाई देश जापान के हाई स्कूल स्‍टूडेंट्स पर किए गए ताजा सर्वे में यह पाया गया है कि पांच में से चार किशोर लड़कों ने अभी तक इस पल का अनुभव नहीं किया है. जिससे पता चलता है कि उनके जीवन में रोमांस के लिए ज्‍यादा जगह नहीं है.

यहां यह जानना भी अहम है कि जापान पहले ही देश में घटती जनसंख्‍या से जूझ रहा है. यहां के युवा बच्‍चे पैदा करने में ज्‍यादा दिलचस्‍पी नहीं रखते हैं. जापान की सरकार युवाओं को ज्‍यादा से ज्‍यादा बच्‍चे पैदा करने के लिए प्रेरित कर रही है. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्‍ट के मुताबिक 18 साल की जापानी महिला ताकुमा का मानना ​​है कि जापानी लड़के ‘स्किनशिप’ का शिकार है, जो इमोशनल अटैचमेंट पर जोर देने वाली एक प्रथा है. बताया गया कि जापान के लड़के स्किनशिप की कमी के कारण Kiss करने से झिझकते हैं.

Kiss के आंकड़ो में कितनी आई कमी?वीक इन एशिया द्वारा इंटरव्‍यू किए गए किशोरों द्वारा व्यक्त की गई भावनाएं 3 नवंबर को जापान एसोसिएशन फॉर सेक्स एजुकेशन द्वारा जारी की गई रिसर्च को दिखाती है. जिसमें पता चला है कि 15 से 18 साल की उम्र के हाई स्कूल के केवल 22.8 प्रतिशत लड़कों ने अपना पहला चुंबन लिया है, जो 2017 में किए गए पिछले अध्ययन में 33.9 प्रतिशत से बहुत कम है. जापानी लड़कियों की बात की जाए तो 27.5 प्रतिशत ने अपना पहला Kiss लेने की बात स्वीकार की है. छह साल पहले यह आंकड़ा 41.1 प्रतिशत से कुछ कम था.

क्‍या सोचते हैं जापानी युवा?14 साल की योशीहिसा नामक किशोर ने बताया कि उसने किसी लड़की को इसलिए नहीं Kiss किया क्योंकि वो रोमांस से कतराते हैं. 15 साल के इत्सुकी ने कहा कि कई लड़के वेजिटेरियन बन गए हैं, जो रोमांटिक रिश्तों सहित पारंपरिक मर्दाना भूमिकाओं में बहुत कम रुचि दिखाते हैं. एक 19 वर्षीय युवा ने वीक इन एशिया को बताया कि मुझे अभी किसी गर्लफ्रेंड की जरूरत नहीं है और मेरे जैसे बहुत से लड़के ऐसा ही सोचते हैं.

FIRST PUBLISHED : November 23, 2024, 09:08 IST

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj