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कक्षा 1 की छात्रा के यौन शोषण मामले में पुलिस कार्रवाई क्यों नहीं?

Last Updated:February 20, 2025, 18:51 IST

केन्याई राजनयिक के बेटे को दक्षिण दिल्ली के एक स्कूल से निलंबित कर दिया गया है. वह 5 साल की बच्ची के साथ कथित तौर पर यौन उत्पीड़न के आरोपी है. एफआईआर के बावजूद पुलिस आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर पा…और पढ़ेंकेन्या राजनयिक के बेटे ने किया बच्ची का यौन उत्पीड़न,पुलिस नहीं पकड़ सकती,क्यो

हाइलाइट्स

विदेश मंत्रालय को हस्तक्षेप करना पड़ापीड़िता कक्षा 1 की छात्रा है और आरोपी एक वयस्कदक्षिण दिल्ली के स्कूल ने लड़के को निलंबित कर दिया है

यह घटना अगस्त 2024 में हुई थी. सितंबर में एफआईआर दर्ज की गई. पुलिस के अनुसार पीड़िता कक्षा 1 की छात्रा है और आरोपी एक वयस्क है. एफआईआर के बावजूद, आरोपी के खिलाफ अब तक कोई पुलिस कार्रवाई नहीं की गई है. आखिर क्यों पुलिस इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर पा रही.

द प्रिंट के अनुसार, लड़की के माता-पिता को इस घटना के बारे में तब पता चला, जब उसे बार-बार पेशाब आने लगा. मेडिकल जांच में हमले की पुष्टि हुई. दो डॉक्टरों ने निष्कर्षों की पुष्टि की.एफआईआर पिछले साल सितंबर में एफआईआर दर्ज हुई लेकिन बच्ची शुरू में आरोपी की पहचान नहीं कर पाई.

पिछले साल 11 नवंबर को उसने संदिग्ध का नाम बताया. उसके माता-पिता ने तुरंत स्कूल अधिकारियों और पुलिस दोनों को सूचित किया. हालांकि, उनका दावा है कि स्कूल ने कोई कार्रवाई नहीं की जबकि पुलिस ने कहा कि उन्होंने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा था.

आरोपी, केन्याई नागरिक है, जिस पर नाबालिग का दो बार यौन शोषण करने का आरोप है. लड़की के पिता ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, “जब हमने इस मामले के बारे में स्कूल अधिकारियों से पहली बार संपर्क किया, तो उन्होंने हमें बताया कि इसमें शामिल छात्र 16 वर्षीय नाइजीरियाई है.”

“हमारी बेटी को उसकी पहचान करने के लिए स्कूल बुलाया गया था, लेकिन वह उस दिन मौजूद नहीं था. शिक्षकों ने हमें बताया कि वह फील्ड ट्रिप पर गया हुआ है. हमें लगा कि वह 16 साल का है, इसलिए हमने मामले को अलग तरीके से सुलझाने के लिए उसके माता-पिता से संपर्क करने के बारे में सोचा, क्योंकि वह नाबालिग था.”

हालांकि, पुलिस जांच के दौरान, बाल कल्याण समिति ने पाया कि आरोपी वास्तव में 19 साल का है, केन्याई नागरिक है और दूतावास के एक अधिकारी का बेटा है.


पीड़िता कक्षा 1 की छात्रा है और आरोपी बालिग है. मेडिकल जांच में यौन उत्पीड़न की पुष्टि हुई. दो डॉक्टरों की रिपोर्ट भी इसकी पुष्टि करती है. (File Photo/Representational Image)

क्या हुआएफआईआर के अनुसार, आरोपी ने कथित तौर पर बच्ची के निजी अंगों को छुआ, जिससे उसे जख्म हो गया. द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, लड़की ने ये भी याद किया कि स्कूल बस में यात्रा करते समय उसने दो मौकों पर उसे पीले रंग की शर्ट पहने देखा था.

इस मामले के कारण स्कूल के बाहर व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए हैं, जिसमें माता-पिता ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. बाद में स्कूल ने उसे बाहर कर दिया.

पुलिस आरोपी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर सकतीहालांकि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 75(2) और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम की धारा 10 (गंभीर यौन उत्पीड़न) के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है, लेकिन अभी तक आरोपी के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है. ये डिप्लोमेटिक इम्युनिटी यानि राजनयिक प्रतिरक्षा के कारण है. आरोपी को राजनयिक प्रतिरक्षा के तहत सुरक्षा प्राप्त है, जिससे पीड़िता का परिवार न्याय के लिए संघर्ष कर रहा है.

हालांकि द प्रिंट की रिपोर्ट कहती है कि मामले की समीक्षा की जा रही है, जिसमें कई कानूनी पहलुओं की जांच भी हो रही है. मंत्रालय के अधिकारी भी पुलिस के संपर्क में हैं.

डिप्लोमेटिक इम्युनिटी क्या है?राजनयिक प्रतिरक्षा विदेशी राजनयिकों और उनके परिवारों को दी जाने वाली एक विशेष सुरक्षा है, जो उन्हें मेजबान देश में गिरफ़्तार होने या मुकदमा चलाने से रोकती है. इसका मतलब यह है कि भले ही वे स्थानीय कानूनों का उल्लंघन करते हों, अधिकारी कानूनी कार्रवाई नहीं कर सकते.

1961 के डिप्लोमेटिक रिलेशंस पर वियना कन्वेंशन के अनुसार, “राजनयिक एजेंटों और इस छूट का लाभ लेने लोगों के खिलाफ केवल इतना किया जा सकता है कि उन्हें उनके देश वापस भेजा जा सकता है. इस मामले में भी ऐसा ही है. आरोप केवल केन्या वापस लौटाया जा सकता है. ये इम्युनिटी डिप्लोमेट के परिवारवालों पर भी लागू होती है.

इसका मतलब है कि उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सकता ना ही उन पर मुकदमा चलाया जा सकता है. जिस देश में राजनयिक काम कर रहे हैं, उस देश की पुलिस या अधिकारियो को राजनयिक परिसर में बिना राजदूत की अनुमति के जाने का अधिकार नहीं है.

जिस देश में वो है, वहां अगर उसने कोई आपराधिक काम किया है तो उसके खिलाफ कार्यवाही को उस देश के अधिकारियों डिप्लोमेट के देश से अनुमति लेनी होगी, तभी वो कुछ कर सकते हैं. बिना इसके कुछ नहीं. अगर गृह देश इस इम्युनिटी को खत्म करने का आदेश देता है तभी घटना वाले जांच या कानूनी कार्रवाई को आगे बढ़ा सकता है.

विदेश मंत्रालय ने क्यों हस्तक्षेप कियाविदेश मंत्रालय (MEA) ने औपचारिक रूप से केन्याई सरकार से आरोपी को दी गई इम्युनिटी को रद्द करने का अनुरोध किया है, जो एक डिप्लोमेट का बेटा है.


Location :

Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh

First Published :

February 20, 2025, 18:48 IST

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केन्या राजनयिक के बेटे ने किया बच्ची का यौन उत्पीड़न,पुलिस नहीं पकड़ सकती,क्यो

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