राहुल गांधी के ‘सीक्रेट’ कार्यक्रम में सचिन पायलट क्यों नहीं आए नजर? जानें क्या चल रहा है कांग्रेस में

जयपुर. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी एक बार फिर से राजस्थान आए और चले गए. इस दौरान राहुल के आसपास पूर्व सीएम अशोक गहलोत और उनके खेमे ही लोग नजर आए. सचिन पायलट और उनके गुट के लोग कहीं नजर नहीं आए. राहुल गांधी बीते 17 दिनों में 2 बार जयपुर आ चुके हैं. लेकिन दोनों ही बार उनकी सचिन पायलट से मुलाकात नहीं हुई. इससे सियासी गलियारों में कई तरह से सवाल उठने लग गए हैं. आखिरकार राजस्थान कांग्रेस में चल क्या रहा है?
राहुल गांधी का जयपुर दौरा फिर कई सवाल छोड़ गया है. राजस्थान में कांग्रेस का भविष्य क्या होगा? यहां पार्टी अपनी सियासी बागडोर किसे सौंपेगी. जो जैसा चल रहा है वैसा ही चलेगा या फिर कुछ बदलाव देखने को मिलेगा. राहुल गांधी के रविवार के दौरे पर नजर डालें तो वे इस बार राजस्थान को लेकर गंभीर नजर आ रहे हैं. भले ही पार्टी राजस्थान में विधानसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनाव हार गई हो लेकिन यहां लोकसभा चुनाव में मिले नतीजों से कांग्रेस को भविष्य में काफी उम्मीदें हैं.
राहुल गांधी के दौरे में गहलोत गुट हावी रहाकांग्रेस की प्रदेश लीडरशिप को दिया गया फ्रीहैंड पिछले दो तीन चुनाव में अच्छे नतीजे नहीं दे पाया. पार्टी न सिर्फ यहां का विधानसभा चुनाव हार गई बल्कि यहां के दिग्गजों को दी गई हरियाणा और महाराष्ट्र की जिम्मेदारी वाले मामलों में भी नतीजे अच्छे नहीं आए. ऐसे में जब प्रदेश में बदलाव की हवा ने जोर पकड़ा तो राहुल जयपुर दौरे पर सबकी नजरें टिकी रही. इस बार भी राहुल के जयपुर दौरे में गहलोत गुट का असर नजर आया.
गहलोत के साथ उनके खास लोग भी मौजूद रहेराहुल गांधी के आगमन और वापसी के समय गहलोत खुद मौजूद रहे. गहलोत के साथ उनके खास लोग भी मौजूद रहे. इनमें गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और विधायक रफीक खान तथा विधायक रितु बराला मील शामिल हैं. इस दौरान पायलट और उनके गुट के लोगों की पूरी तरह गैर मौजूदगी रही. राहुल गांधी की दिल्ली वापसी में फ्लाइट करीब एक घंटे देरी से रवाना हुई. इस दौरान वीआईपी लॉन्ज में राहुल के साथ पूर्व सीएम गहलोत, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकराम जूली ही मौजूद रहे.
पायलट खुद और उनकी टीम थोड़ा दूर ही नजर आ रही हैबताया जा रहा है इस दौरान प्रदेश में सत्ताधारी भाजपा सरकार को सड़क से लेकर सदन तक घेरने की रणनीति पर भी बातचीत हुई. वहीं प्रदेश की सियासत में कांग्रेस के लिहाज से देखा जाए तो सचिन पायलट खुद और उनकी टीम थोड़ा दूर ही नजर आ रही है. हालांकि सचिन टोंक से लेकर अपने प्रभाव वाले क्षेत्र में एक्टिव हैं. उनके पिछले कुछ दौरों में यहां जबर्दस्त भीड़ उमड़ी और अच्छा रिसपॉन्स देखने को मिला है. पायलट गुट की बात करें तो इस बार वे पार्टी के ही निर्देश पर उस अहम काम में जटे हैं जिसमें फ्यूचर के नेताओं को मौका दिया जाना है.
पायलट दिल्ली में एनएसयूआई के कार्यक्रम में जुटे हैंसचिन पायलट पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में एनएसयूआई के कार्यक्रम में हैं. उसमें भविष्य के नेताओं को तैयार करने पर खास फोकस किया जा रहा है. पालयट के करीबी सूत्रों के मुताबिक वे पार्टी के उसी काम में लगे हैं जिसमें खुद राहुल गांधी लगे हैं. वे फिलहाल दिल्ली में हैं. राहुल नेतृत्व संगम में युवा लोगों को खोजने और विचारधारा से जोड़ने में लगे हैं. वे जयपुर भी इसी कार्यक्रम के लिए आए थे. लेकिन फिलहाल तमाम अटकलों के बीच प्रदेश उपचुनाव की हार के बावजूद कांग्रेस कोई बड़ा फेरबदल होने के आसार अभी कम नजर आ रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 9, 2024, 15:29 IST