बॉलीवुड निर्देशक विक्रम भट्ट आखिर क्यों गिरफ्तार किए गए, कहां गड़बड़झाला कर गए? पढ़ें ए-टू-जेड कहानी

उदयपुर. बॉलीवुड के प्रसिद्ध निर्देशक विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी श्वेतांबरी भट्ट को 30 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में रविवार को मुंबई से गिरफ्तार कर लिया गया. उदयपुर पुलिस ने मुंबई पुलिस की मदद से यारी रोड स्थित भट्ट की साली के घर पर दबिश देकर उन्हें दबोचा. मेडिकल जांच के बाद बांद्रा कोर्ट से दो दिनों का यानी 9 दिसंबर तक का ट्रांजिट रिमांड मिल गया, और देर रात दोनों को उदयपुर के लिए रवाना कर दिया गया. आज दोनों की जिला एवं सत्र न्यायालय में पेशी होगी, जहां पुलिस रिमांड की मांग करेगी. शहर में सुरक्षा अलर्ट जारी है, और बाकी फरार आरोपियों की तलाश तेज हो गई है.
मामला इंदिरा आईवीएफ चेन के संस्थापक डॉ. अजय मुर्दिया की दिवंगत पत्नी इंदिरा मुर्दिया पर बायोपिक फिल्म से जुड़ा है. डॉ. मुर्दिया ने नवंबर 2025 में भूपालपुरा थाने में एफआईआर दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया कि विक्रम भट्ट दंपति ने 200 करोड़ की कमाई का लालच देकर 30 करोड़ से अधिक हड़प लिए. डॉ. अजय मुर्डिया ने अपनी दिवंगत पत्नी इंदिरा की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में मुंबई के यूएसएम म्यूजिक ग्रुप से जुड़े उदयपुर निवासी दिनेश कटारिया को बुलाया था. इसी दौरान कटारिया ने डॉक्टर को बताया कि उसकी फिल्म इंडस्ट्री में गहरी पकड़ है और उनकी पत्नी की याद में एक बायोपिक फिल्म बनाकर पूरे देश में संदेश पहुंचाया जा सकता है. इस पर डॉक्टर सहमत हो गए.
मुंबई में विक्रम भट्ट से हुई थी मुलाकात
25 अप्रैल 2024 को कटारिया डॉक्टर को लेकर मुंबई के वृंदावन स्टूडियो गया, जहां उनकी मुलाकात निर्देशक विक्रम भट्ट से करवाई गई. भट्ट ने फिल्म बनाने का विश्वास दिया और कहा कि डॉक्टर सिर्फ “पैसे भेजते रहें”, बाकी काम वह संभाल लेंगे. इसके बाद बायोपिक और ऐतिहासिक फिल्म ‘महाराणा’ के लिए 40 करोड़ रुपये का एग्रीमेंट हुआ. डॉक्टर ने 31 मई 2024 को 2 करोड़ 50 लाख रुपये आरटीजीएस से भेज भी दिए. कुछ समय बाद भट्ट दंपत्ति उदयपुर आए और प्रस्ताव दिया कि यदि डॉक्टर 7 करोड़ रुपये और निवेश करते हैं, तो चार फिल्मों का पैकेज 47 करोड़ में तैयार किया जा सकता है और रिलीज के बाद 100 से 200 करोड़ रुपये तक का मुनाफा भी संभव है. इसके बाद डॉक्टर ने भट्ट के कहने पर 2 जुलाई 2024 को इंदिरा एंटरटेनमेंट एलएलपी बनाई गई, जिसमें डॉक्टर और श्वेतांबरी भट्ट 50–50 प्रतिशत भागीदार बन गए. सभी भुगतान भट्ट दंपत्ति और कटारिया की स्वीकृति से होने लगे.
दो फिल्में ही हो सकी रिलीज
दिनेश कटारिया और श्वेतांबरी के अनुमोदन पर वेंडर्स अमनदीप मंजीत सिंह, मुदित बुट्टाटन, फरजाना आमिरअली आदि को 42.70 करोड़ भुगतान किया गया. लेकिन सिर्फ दो फिल्में रिलीज हुई जबकि ‘विराट’ 25% ही बनी, और ‘महाराणा-रण’ की शूटिंग शुरू ही नहीं हुई. डॉ. अजय मुर्दिया का आरोप है कि फर्जी बिल, ओवर-वैल्यूड वाउचर्स और साजिश से 30 करोड़ हड़प लिए गए. उन्होंने कहा कि यह आर्थिक नुकसान के साथ मेरी पत्नी की स्मृति का अपमान है. इसके बाद भूपालपुरा थाने में विक्रम भट्ट, श्वेतांबरी, पुत्री कृष्णा, दिनेश कटारिया, को-प्रोड्यूसर महबूब अंसारी, मुदित बुट्टाटन, डीएससी चेयरमैन गंगेश्वरलाल श्रीवास्तव और फेडरेशन जनरल सेक्रेटरी अशोक दुबे पर बीएनएस की धारा 318(4) (धोखाधड़ी), 316(2) (विश्वासघात), 336(3) (साजिश), 340(2) (जालसाजी) और 61(2) (सामान्य साजिश) लगाई गई.
निर्देशक विक्रम भट्ट ने आरोप को किया था खारिज
निर्देशक विक्रम भट्ट ने आरोप खारिज करते हुए कहा कि डॉ. मुर्दिया ने फंडिंग रोकी, हमारे पास कॉन्ट्रैक्ट्स के सबूत हैं. पुलिस बैंक स्टेटमेंट, कम्युनिकेशन और फंड फ्लो की जांच करने में जुट गई.पुलिसे ने कार्रवाई का दायरा बढ़ाते हुए महबूब और संदीप त्रिभुवन को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था. जबकि अन्य फरार चल रहे थे. वहीं 29 नवंबर को लुकआउट नोटिस जारी किया गया जबकि और 8 दिसंबर तक पेशी का नोटिस जारी था. इसके बाद उदयपुर पुलिस ने मुंबई पुलिस की मदद से रविवार को यारी रोड स्थित भट्ट की साली के घर पर दबिश देकर विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी को गिरफ्तार कर लिया.
कल कोर्ट में पेश कर सकती है पुलिस
निर्देशक विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी श्वेतांबरी भट्ट तो गिरफ्तार हो चुके हैं, लेकिन बांकी आरोपी अब भी फरार चल रहे हैं. उदयपुर पुलिस निर्देशक दंपित को मुंबई से लेकर निकल गई है. आज रात तक उदयपुर पहुंचने की संभावना है. संभवत: कल दोनों को रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में पेश किया जा सकता है. विक्रम भट्ट की गिरफ्तारी के बाद बॉलीवुड में सनसनी फैल गई हैकि हिट्स फिल्में देने वाले कैसे धोखाधड़ी के मामले में कटघरे में आ गए हैं. अब कोर्ट की कार्रवाई से नए खुलासे संभव हो सकते हैं.



