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MBBS के नए करिकुलम को क्यों लिया गया वापस, जानें क्या है इसके पीछे की कहानी? पढ़ें यहां डिटेल

MBBS New Curriculum Withdraw: मेडिकल कॉलेज (Medical Education) से MBBS की पढ़ाई करने वाले उम्मीदवारों के लिए एक जरूरी खबर है. नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने कंपीटेंसी बेस्ड मेडिकल एजुकेशन करिकुलम (CBME) 2024 को लेकर एक अहम नोटिस जारी किया है. जारी नोटिस में कहा गया है कि आलोचनाओं का सामना करने के बाद एनएमसी ने सीबीएमई 2024 के तहत दिशा-निर्देश’ को वापस ले लिया है.

एनएमसी ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि कंपीटेंसी बेस्ड मेडिकल एजुकेशन करिकुलम (CBME) 2024 के तहत दिशा-निर्देश जारी करने वाले समसंख्यक परिपत्र दिनांक 31.08.2024 को तत्काल प्रभाव से “वापस लिया गया और रद्द” किया जाता है. उपरोक्त दिशा-निर्देशों को संशोधित किया जाएगा और नियत समय में अपलोड किया जाएगा.

इससे पहले, आयोग ने एमबीबीएस छात्रों के लिए कंपीटेंसी बेस्ड मेडिकल एजुकेशन करिकुलम (CBME) के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिन्हें 2024-25 शैक्षणिक वर्ष से लागू किया जाना था.

नए करिकुलम पर प्रतिक्रियायूजी मेडिकल छात्रों के करिकुलम में अप्राकृतिक यौन अपराध के रूप में ‘सोडोमी और लेस्बियनिज्म’ को फिर से शामिल करने पर विवाद शुरू हो गया है, जिसके चलते दो अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने इस पर एनएमसी को निलंबित करने की धमकी दी है. दो अंतरराष्ट्रीय संगठन जो क्रमशः मेडिकल एजुकेशन में विकलांगता समावेशन और ट्रांसजेंडर स्वास्थ्य के लिए काम करते हैं, ने हाल ही में जारी मेडिकल एजुकेशन करिकुलम में विकलांग व्यक्तियों और LGBTQ+ के अधिकारों की रक्षा के लिए मौजूदा कानूनों के उल्लंघन के लिए विश्व निकाय द्वारा नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) की मान्यता को अस्थाई रूप से निलंबित करने की मांग करते हुए विश्व चिकित्सा शिक्षा महासंघ (WFME) से शिकायत करने की धमकी दी है.

मेडिकल एजुकेशन में विकलांगता समावेशन के लिए अंतर्राष्ट्रीय परिषद और ट्रांसजेंडर स्वास्थ्य के लिए विश्व व्यावसायिक संघ (WPATH) ने NMC द्वारा जारी किए गए पूरी तरह से सक्षम, ट्रांसफ़ोबिक नए CBME दिशा-निर्देशों पर निराशा व्यक्त की, जो विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम (RPDA), 2016 और ट्रांसजेंडर व्यक्तियों (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम (TPA), 2019 दोनों के विरुद्ध हैं.

मेडिकल एजुकेशन के नए करिकुलम में क्या थानेशनल मेडिकल एजुकेशन ने अंडर ग्रेजुएट मेडिकल छात्रों के लिए फोरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी करिकुलम में अप्राकृतिक यौन अपराध के रूप में ‘सोडोमी और लेस्बियनिज्म’ को फिर से शामिल किया है. इसमें हाइमन और उसके प्रकार, और इसके औषधीय-कानूनी महत्व जैसे विषयों को भी वापस लाया गया है, साथ ही कौमार्य और अपस्फीति, वैधता और इसके औषधीय-कानूनी महत्व को भी परिभाषित किया गया है. मद्रास हाई कोर्ट के निर्देश के अनुसार वर्ष 2022 में इन विषयों को समाप्त कर दिया गया था.

फोरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी के तहत संशोधित करिकुलम में ‘भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस), भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) सहित कानूनी दक्षताओं का वर्णन’ के अलावा ‘यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पोक्सो), सिविल और आपराधिक मामले, जांच (पुलिस जांच और मजिस्ट्रेट की जांच), संज्ञेय और गैर-संज्ञेय अपराध’ भी शामिल हैं. वही रिवाइज्ड करिकुलम में विकलांगता पर सात घंटे का प्रशिक्षण समाप्त कर दिया गया है.

एनएमसी ने कहा कि फोरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी में शिक्षण-अध्ययन के अंत में छात्र को चिकित्सा पद्धति के चिकित्सा-कानूनी ढांचे, आचार संहिता, चिकित्सा नैतिकता, पेशेवर कदाचार और चिकित्सा लापरवाही, चिकित्सा-कानूनी जांच और विभिन्न चिकित्सा-कानूनी मामलों के दस्तावेजीकरण को समझने में सक्षम होना चाहिए और संबंधित अदालती फैसलों सहित चिकित्सा पेशेवर से संबंधित नवीनतम अधिनियमों और कानूनों को समझना चाहिए.

Tags: MBBS student, Medical Education, NEET

FIRST PUBLISHED : September 6, 2024, 12:00 IST

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