Wildlife census in Nagaur Baghera seen after five years Increased numbers of wildlife latest figures of wildlife
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नागौर. राजस्थान के नागौर जिले में हर साल वन्यजीवों की गणना होती है. इस बार नागौर और डीडवाना कुचामन जिले में वन्यजीवों की गणना की गई. पिछली दो बार की गणना में वन्यजीव तो बढ़े हैं, लेकिन 2018 के मुकाबले करीब 3 हजार वन्यजीव कम भी हो गए है. वर्ष 2018 की बात की जाए तो जिलेभर में 32 हजार 834 वन्यजीव दर्ज किए गए थे.
वहीं, 2019 में वन्य जीवों में अप्रत्याशित रूप से कमी देखी गई और आंकड़ा 26,163 पर पहुंच गई, यानी 12 महीने में साढ़े 6 हजार के करीब वन्यजीव जिले में कम हो गए. उसके बाद की गणना में यह संख्या 24 हजार तक पहुंच गई थी.
दो साल में घट गए थे 9 हजार वन्यजीव
वर्ष 2019-20 के दौरान 9 हजार वन्यजीव कम हो गए. इसके बाद वर्ष 2021 में बारिश हो जाने के कारण वन्यजीवों की गणना नहीं हो पाई थी. इसके बाद 2022 के आंकड़ों को देखकर थोड़ी राहत जरूर मिली और वन्यजीवों की संख्या 26915 तक पहुंच गई. वहीं 2023 में एक बार फिर वन्यजीवों की गणना नहीं हो सकी. वहीं 2024 में हुए गणना में 29,718 वन्यजीव दर्ज किए गए.
पांच साल बाद नजर आया बघेरा
डीएफओ सुनील कुमार ने लोकल 18 को बताया कि जिले में वन्यजीवों की बात करें तो इनमें 51 जीव शामिल हैं. जिसमें बघेरा, सियार, काला हिरण, नील गाय, चिंकारा, मोर सहित अन्य वन्यजीव शामिल हैं. वहीं इस गणना में दो बघेरे भी शामिल हुए. फिलहाल जीवों में सबसे कम संख्या बघेरा की ही है. लेकिन, खास बात यह है कि पिछले 5 साल में यह पहली बार नजर आया. वहीं सबसे अधिक संख्या मोर की बढ़ी है. आखिरी गणना में मोर की संख्या 10,514 दर्ज की गई. 2018 के बाद मोर की संख्या में गिरावट देखी गई थी, जबकि 2024 में में बढ़ोतरी हुई है. साथ ही काले हिरण भी 6 साल पहले 5770 थे, जो अब घटकर 5372 है. इसी प्रकार चिंकारा भी 3965 से 3400 पर आ गए है. सभी वन्यजीवों की गणना में हर साल उतार-चढ़ाव लगा रहता है.
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FIRST PUBLISHED : October 27, 2024, 15:14 IST