महाराष्ट्र चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM क्या महाविकास अघाड़ी का खेल बिगाड़ देगी?
मुंबई. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम किसका खेल बिगाड़ेगी? इसे लेकर सस्पेंस तो नतीजे वाले दिन ही हटेगा, लेकिन पूर्व के नतीजे बता रहे हैं कि इस बार भी एआईएमआईएम के करंट से कई पार्टियों को झटका लगने वाला है. खासकर, महाविकास अघाड़ी को कुछ ज्यादा ही डर सता रहा है, क्योंकि ज्यादातर मुस्लिम वोटर महाविकास अघाड़ी में शामिल कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार) को ही वोट करते हैं. आपको बता दें कि एआईएमआईएम का आधार वोट ही मुस्लिम हैं और यह महाविकास अघाड़ी को नुकसान पहुंचा सकती है. लेकिन, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी और महायुति गठबंधन के अलावा भी कई छोटी पार्टियां चुनाव मैदान में हैं. ऐसे में सभी बड़ी पार्टियों और दोनों गठबंधनों की चिंताएं की लकीर साफ दिख रही हैं.
इस बार के महाराष्ट्र चुनाव में बहुजन अघाड़ी और ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) भी कई सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं. जानकारों की मानें तो ये पार्टियां चुनाव में बड़ा उलटफेर करने का मद्दा रखते हैं. ये दोनों पार्टियों महायुति और महाविकास अघाड़ी दनों का खेल बिगाड़ सकती हैं.
क्या एआईएमआईएम इस बार भी कांग्रेस का खेल बिगाड़ेगी?महाराष्ट्र चुनाव में इस बार एआईएमआईएम 16 सीटों पर मैदान में है. ये सीटें मुंबई के आस-पास की हैं. एआईएमएम ने इस बार 4 दलित और 12 मुस्लिम उम्मीदवार उतार कर दलित और मुस्लिम का गठजोड़ कर दोनों बड़े गठबंधन को झटका देने का प्लान तैयार किया है. मुस्लिम वोट से महाविकास अघाड़ी को और दलित वोट से महायुति को झटका हो सकता है. आपको बता दें कि साल 2019 के चुनाव में ओवैसी की पार्टी 44 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. हालांकि, इस बार पिछली बार की तुलना में कम सीटों पर एआईएमआईएम चुनाव लड़ रही है.
मुस्लिम और दलित वोट बंटने से किसको फायदा?कांग्रेस नेता ओवैसी की पार्टी पर कई तरह के आरोप लगा रहे हैं. कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि एआईएमआईएम का मकसद भाजपा विरोधी वोट में सेंध लगाकर महायुति को फायदा पहुंचाना है. इसलिए पार्टी ने मुस्लिम और आरक्षित सीटों का चुनाव किया है. लेकिन महाराष्ट्र की जनता हरियाणा वाला परिणाम यहां दोहराना नहीं चाहती है. इसलिए एमवीए इस बार सतर्क है.
साल 2029 में कितनी सीटों पर लड़ी थी चुनाव?आपको बता दें कि एआईएमआईएम ने जिन 16 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं, उनमें से ज्यादातर सीटें कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना उद्धव के पास हैं. इस चुनाव में एआईएमआईएम भले ही मजबूत सीट पर लड़ने का दावा कर रही है लेकिन, ज्यादातर सीटों पर ओवैसी की पार्टी ने महाविकास अघाड़ी उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि इन सीटों पर बीजेपी खासकर महायुति की स्थिति ठीक है.
कुलमिलाकर इस बार भी कहा जा रहा है कि जिन-जिन सीटों पर एआईएमआईएम चुनाव लड़ रही है, वहां सीधा फायदा महायुति को होने वाला है. पिछली बार की तरह इस बार भी दलित और मुस्लिम वोट बांटना तय माना जा रहा है. 2019 में एआईएमआईएम ने 44 सीटों पर चुनाव लड़ा और दो में जीत दर्ज की थी.
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FIRST PUBLISHED : November 12, 2024, 21:04 IST