भूखा नहीं सोएगा अब कोई गरीब!चौक-चौराहे से लेकर राजधानी तक हो रही इस गांव के मुहिम की चर्चा

Last Updated:May 15, 2025, 16:11 IST
भरतपुर के शेरगढ़ गांव ने मानवता की एक ऐसी मिसाल पेश की है जिसकी चर्चा इन दिनों पूरे प्रदेश में हो रही है. आपको बता दें कि गांव वालों ने अपनाघर आश्रम को 105 क्विंटल गेंहू दान में दिया है. इससे अनाथ और बेसहारा लो…और पढ़ेंX
आश्रम के लिए गेहूं भेजने लोग
हाइलाइट्स
शेरगढ़ गांव ने अपनाघर आश्रम को 105 क्विंटल गेहूं दान किया.यह गेहूं बेसहारा और अनाथ लोगों के भोजन में उपयोग होगा.गांव की पहल से समाज सेवा और मानवता की मिसाल पेश की गई.
मनीष पुरी /भरतपुर- भरतपुर के शेरगढ़ गांव ने मानवता की सेवा का एक ऐसा उदाहरण पेश किया है. जो समाज को नई दिशा देने वाला है. नर सेवा ही नारायण सेवा के मूलमंत्र को आत्मसात करते हुए गांव के ग्रामीणों ने राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय की उपशाखा बयाना के सहयोग से 105 क्विंटल गेहूं भरकर अपना घर आश्रम भरतपुर को समर्पित किया है. यह गेहूं आश्रम में रहने वाले बेसहारा, दिव्यांग, मानसिक रूप से अस्वस्थ व घर को त्यागे लोगों के भोजन की व्यवस्था में उपयोग किया जाएगा.
यह सेवा कार्य न केवल अनाज दान का प्रतीक है. बल्कि यह मानव संवेदनाओं और सामाजिक उत्तरदायित्व की सशक्त अभिव्यक्ति भी है. इस सहयोग की शुरुआत ग्राम पंचायत शेरगढ़ के सरपंच संघ अध्यक्ष प्रतिनिधि दीवान शेरगढ़ और शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष मानसिंह शेरगढ़ द्वारा ट्रैक्टर ट्रॉली को हरी झंडी दिखाकर की गई. दीवान शेरगढ़ ने लोकल 18 को बताया की यह संस्था न केवल मानव सेवा में जुटी है. बल्कि घायल पक्षियों और बेसहारा पशुओं के उपचार और पुनर्वास में भी सक्रिय भूमिका निभा रही है.
आश्रम में स्वस्थ होने पर लोगों को उनके परिवार से मिलवाने के प्रयास भी किए जाते हैं. जिससे पुनर्मिलन की सुखद अनुभूति होती है. जिलाध्यक्ष मानसिंह शेरगढ़ ने अपने संबोधन में कहा कि पीड़ितों की सेवा का आत्मिक सुख और संतोष किसी भी सांसारिक उपलब्धि से बढ़कर है. उन्होंने आमजन और युवाओं से अपील की कि वे स्वयंसेवा को अपनाएं और अपनाघर जैसी संस्थाओं से जुड़कर सेवा का संकल्प लें.
लोगो से आग्रह किया कि वे भी समाज सेवा के इस अभियान में भाग लें और आश्रम की जरूरतों को पूरा करने में सहयोग करें. उन्होंने कहा कि शिक्षक केवल ज्ञान के वाहक नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना के स्तंभ भी हैं. ऐसे कार्यों से ही समाज में प्रेरणा का संचार होता है. इस नेक कार्य में गांव के अनेक गणमान्य नागरिकों ने भाग लिया इस प्रयास ने यह सिद्ध किया कि जब समाज एकजुट होकर किसी सकारात्मक कार्य के लिए आगे बढ़ता है. तो बदलाव निश्चित होता है. शेरगढ़ गांव की यह पहल न केवल जरूरतमंदों के लिए सहारा बनी है.
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