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UPSC की तैयारी में की ये चूक, तो रिजल्ट में आएगा अफसोस! IAS-IPS बनने का सपना रह जाएगा अधूरा

UPSC Exam: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे प्रतिष्ठित और चुनौतीपूर्ण परीक्षाओं में से एक है. हर साल लाखों उम्मीदवार इसमें बैठते हैं, लेकिन सफलता उन्हीं को मिलती है जो सही रणनीति और अनुशासन के साथ पढ़ाई करते हैं. UPSC 2024 के टॉपर शक्ति दुबे (UPSC Topper Shakti Dubey) ने अपनी अनुभव से बताया कि इस परीक्षा की तैयारी में सिर्फ यह जानना जरूरी नहीं कि क्या पढ़ना है, बल्कि यह जानना उससे भी ज्यादा जरूरी है कि क्या नहीं करना है. इसके बारे में नीचे विस्तार से पढ़ सकते हैं.

बिना सिलेबस समझे पढ़ाई शुरू न करेंशक्ति दुबे बताती हैं कि उन्होंने शुरुआत में एक बड़ी गलती की थी कि बिना सिलेबस को गहराई से समझे ही तैयारी शुरू कर दी. उन्होंने स्पष्ट किया कि सबसे पहले UPSC का सिलेबस अच्छी तरह से पढ़ें. खासकर मेंस परीक्षा के लिए जो विस्तृत पाठ्यक्रम आयोग द्वारा उपलब्ध कराया गया है, उसे बार-बार पढ़ें और समझें कि वास्तव में परीक्षा में क्या पूछा जाता है.

कितना पढ़ना है, यह तय करें – क्वेश्चन पेपर हैं गाइडसिलेबस आपको दिशा दिखाता है कि क्या पढ़ना है, लेकिन पिछले वर्षों के प्रश्नपत्र यह बताते हैं कि कितना पढ़ना है. उदाहरण के लिए पॉलिटिकल साइंस में “फंडामेंटल राइट्स” जैसे टॉपिक को लेकर आप पूरी किताब पढ़ सकते हैं, लेकिन जरूरी नहीं कि ऐसा करना उपयोगी हो. प्रश्नपत्र यह बताते हैं कि किस टॉपिक पर कितना गहराई में जाना है.

बेसिक्स मजबूत करें, लेकिन सीमित स्रोतों सेUPSC की तैयारी की नींव होती है बेसिक्स और इसके लिए NCERT किताबें सबसे भरोसेमंद सोर्सेज हैं. लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि कक्षा 6 से 12वीं तक की सभी किताबें पढ़ डाली जाएं. शक्ति दुबे कहती हैं कि चुनिंदा और जरूरी किताबें पढ़ें और एक सीमित बुकलिस्ट तैयार करें, जिससे विषयों को बार-बार दोहराया जा सके.

अधिक स्रोतों से पढ़ना नुकसानदायकशक्ति बताती हैं कि शुरुआत में उन्होंने एक ही विषय (जैसे इतिहास) के लिए 10 से ज्यादा किताबें पढ़ डालीं. इसका नतीजा यह हुआ कि न तो वे अच्छी तरह समझ पाईं और न ही रिवीजन हो पाया. उनका सुझाव है कि कम किताबें, ज्यादा रिवीजन. विविध स्रोतों की जगह एक भरोसेमंद स्रोत से पढ़ें और बार-बार दोहराएं.

रिवीजन और टेस्टिंग को दें प्राथमिकताUPSC की तैयारी में निरंतरता और मूल्यांकन बहुत जरूरी है. हर 10 से 20 दिन में रिवीजन का समय तय करें, ताकि पढ़ा हुआ लंबे समय तक याद रहे. इसके साथ ही, मॉक टेस्ट या पिछले साल के प्रश्नपत्रों को हल करें, जिससे आप अपनी तैयारी की स्थिति को जान सकें और उसे बेहतर कर सकें.

UPSC की तैयारी कोई भी कर सकता है, लेकिन सफलता उन्हीं को मिलती है जो रणनीतिक रूप से पढ़ाई करते हैं. शक्ति दुबे की सलाह है कि सिलेबस और क्वेश्चन पेपर को गाइड की तरह अपनाएं कम से कम किताबें चुनें, लगातार रिवीजन करें और गलतियों से सीखें. यही तरीका इस कठिन परीक्षा में सफलता की कुंजी बन सकता है.

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