Wing Commander Vyomika Singh Caste | विंग कमांडर व्योमिका सिंह की जाति… ‘देश की शेरनी’ के बारे में गूगल पर यह क्यों सर्च कर रहे हैं लोग?

नई दिल्ली: विंग कमांडर व्योमिका सिंह का चेहरा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पूरी दुनिया में भारत का चेहरा बन गया. एक तरफ जनता उन्हें ‘शेरनी’ बताती है, वहीं कुछ सियासी चेहरों की सोच इस कदर छोटी है कि वे देश की वीर बेटियों को भी धर्म और जाति के चश्मे से देख रहे हैं. गूगल पर अचानक ‘व्योमिका सिंह की जाति’ जैसे सर्च बढ़ गए हैं. वजह है समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव का बयान. जिसमें उन्होंने व्योमिका सहित ऑपरेशन में शामिल अन्य अफसरों की ‘जातियां’ गिनाकर यह जताने की कोशिश की कि युद्ध पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों ने लड़ा, बीजेपी को इसका श्रेय नहीं मिलना चाहिए.
नाम से लेकर नीयत तक गड़बड़
रामगोपाल यादव ने मुरादाबाद के बिलारी में एक सभा के दौरान व्योमिका को ‘दिव्या सिंह’ कहकर संबोधित किया. जब मंच पर मौजूद सपा नेता ने उन्हें सही नाम बताया, तब भी वे रुके नहीं. उन्होंने व्योमिका, कर्नल सोफिया कुरैशी और एक अन्य अफसर की जातियां सार्वजनिक मंच से घोषित करते हुए पूरा ऑपरेशन एक पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) पैकेज में लपेटने की कोशिश की.
गूगल सर्च क्यों बढ़े?
जब कोई चेहरा मीडिया में लगातार दिखता है तो लोग स्वाभाविक रूप से उसका बैकग्राउंड जानना चाहते हैं. लेकिन जब राजनेता इस तरह जातीय ठप्पे लगाने लगें, तो बात ‘इंटरेस्ट’ से आगे निकल जाती है. गूगल पर सर्च ट्रेंड बढ़ना यह दिखाता है कि कैसे नेताओं की बयानबाजी से पब्लिक कैसे भ्रमित हो सकती है.
भड़क गए योगी
सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस पर तीखा पलटवार करते हुए कहा, ‘सेना की वर्दी जातिवादी चश्मे से नहीं देखी जाती है. सैनिक राष्ट्रधर्म निभाता है, न कि जाति या मजहब.’ उन्होंने सपा को ‘वोट बैंक की राजनीति में राष्ट्रभक्ति बांटने वाली मानसिकता’ करार दिया. उधर, डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने भी लिखा, ‘सेना में न जाति देखी जाती है, न धर्म. सेना का सिर्फ एक धर्म होता है- देश की रक्षा.’
कर्नल कुरैशी पर भी नफरती टिप्पणी
यह पहली बार नहीं है जब किसी महिला अधिकारी को सियासी या सांप्रदायिक नजरिए से निशाना बनाया गया हो. हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. उन्होंने उन्हें आतंकियों की बहन तक कह दिया, जिस पर हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए.