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अक्ल दाढ़ में भरा होता है ऐसा खजाना! अब जिससे गंभीर बीमारियों का होगा इलाज, रिसर्च में दावा wisdom teeth stem cells can be revolution in medical treatment research

Last Updated:October 16, 2025, 19:24 IST

Akal Daad can be big treasure to treat diseases: हाल ही में हुई एक र‍िसर्च बताती है क‍ि अक्ल दाढ़ के अंदर गूदे में स्टेम सेल्स मौजूद रहती हैं, ज‍िन्‍हें न‍िकालकर दिल, पार्किंसन, अल्जाइमर जैसी बीमारियों का सफल इलाज क‍िया जा सकता है. ये स्‍टेम सेल्‍स टूटी हड्ड‍ियों को ठीक करने के अलावा नए ऊतकों को डेवलप करने का भी काम करती हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में… अक्ल दाढ़ में भरा होता है ऐसा खजाना! अब जिससे गंभीर बीमारियों का होगा इलाज....अक्‍ल दाढ़ में भरा है खजाना. Wisdom teeth stem cells: आपने अक्ल दाढ़ के बारे लोगों को ये कहते सुना होगा कि इसके आने से व्यक्ति में बुद्धि बढ़ जाती है या कहें कि मैच्योरिटी आ जाती है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि अब आपकी अक्ल दाढ़ आपके शरीर की बीमारियों को ठीक करने का भी काम करेगी. आपकी अक्ल दाढ़ में ऐसा खजाना भरा होता है जो आपके शरीर में कहीं भी अंगों की मरम्मत करने से लेकर नए अंग पैदा करने तक का काम कर सकते हैं.

हाल ही में आई एक रिसर्च में वैज्ञानिकों ने बेहद चौंकाने वाला दावा पेश किया है. फ्रंटियर्स इन सेल एंड डेवलपमेंटल बायोलॉजी नामक जर्नल में प्रकाशित इस रिसर्च के अनुसार अक्ल दाढ़ जिसे व्यस्कों में तीसरे दांत भी कहा जाता है, इनसे निकाले गए स्टेम सेल्स (कोशिकाएं) कई गंभीर बीमारियों के इलाज में कारगर हैं. दाढ़ों में भरे इस खजाने से दिल की बीमारियां, पार्किंसन और अल्जाइमर जैसी मानसिक बीमारियां, हड्डियों का टूटना, और तंत्रिका (नस) की चोटें आदि को ठीक किया जा सकता है.

वैज्ञानिकों ने बताया कि अक्ल दाढ़ के अंदर एक नरम गूदा भरा होता है, जिसमें पर्याप्त मात्रा में स्टेम सेल्स होते हैं. इस सेल्स को दाढ़ के अंदर से बिना दर्द के आसानी से निकाला जा सकता है. ऐसे में मरीज को भी कोई परेशानी नहीं होती और यह बहुत ज्यादा क्रिटिकल प्रक्रिया भी नहीं है. इस लिहाज से अक्ल दाढ़ें स्टेम सेल ट्रांस्प्लांट के लिए सही और उपलब्ध स्रोत बन सकते हैं, जो भविष्य में इलाज के लिए बहुत उपयोगी हो सकते हैं.

बता दें कि इस स्टडी में 19, 21 और 25 साल के तीन स्वस्थ युवाओं की अक्ल दाढ़ फिनलैंड के टेम्पेयर यूनिवर्सिटी में निकाली गईं, फिर इन दांतों को निकालने और उनमें से कोशिकाएं निकालने की प्रक्रिया को पूरा किया गया जिसे पिरकानमा अस्पताल जनपद की एथिक्स कमेटी ने मंजूरी दी थी. इन दांतों को एक विशेष कंटेनर यानि फेल्कॉन ट्यूब में ऑपरेशन थिएटर से लैब में लाया गया और फिर इनकी जांच की गई.

इस बारे में एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह रिसर्च अमेरिका, जापान और यूरोप में चल रहे क्लीनिकल ट्रायल्स से काफी मेल खाती है. जिनमें देखा गया है कि डेंटल स्टेम सेल्स कैसे खराब हो चुके अंगों और ऊतकों को फिर से विकसित करने में मदद कर सकती हैं. ऐसे में अब एक बार फिर सामने आई ये स्टडी इलाज की दुनिया में एक क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है.

क्या बोले भारतीय एक्सपर्टदिल्ली स्थित डेंटल सर्जन डॉ. चंद्रदीप चंद्रा बताते हैं कि जो अक्ल दाढ़ पहले बेकार समझी जाती थीं, अब वे एक चमत्कारी जैविक खजाना बन चुके हैं. इनमें मौजूद स्टेम सेल्स भविष्य में टूटे ऊतकों को ठीक करने, शरीर की खोई हुई चीजों को वापस लाने, और यहां तक कि जिंदगी को बचाने में भी मदद कर सकती हैं.

डॉ. चंद्र कहते हैं क्योंकि दांतों से इन स्टेम सेल्स को निकालना आसान है और नैतिक रूप से भी कोई विवाद नहीं है, ऐसे में यह पर्सनलाइज्ड ट्रीटमेंट में क्रांति ला सकते हैं और चिकित्सा विज्ञान के एक नए युग की शुरुआत कर सकते हैं.

priya gautamSenior Correspondent

अमर उजाला एनसीआर में रिपोर्टिंग से करियर की शुरुआत करने वाली प्रिया गौतम ने हिंदुस्तान दिल्ली में संवाददाता का काम किया. इसके बाद Hindi..com में वरिष्ठ संवाददाता के तौर पर काम कर रही हैं. हेल्थ एंड लाइफस्…और पढ़ें

अमर उजाला एनसीआर में रिपोर्टिंग से करियर की शुरुआत करने वाली प्रिया गौतम ने हिंदुस्तान दिल्ली में संवाददाता का काम किया. इसके बाद Hindi..com में वरिष्ठ संवाददाता के तौर पर काम कर रही हैं. हेल्थ एंड लाइफस्… और पढ़ें

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Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh

First Published :

October 16, 2025, 19:24 IST

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