इस तकनीक से घर में भी हो सकेगी पूरे साल खेती, 12वीं कक्षा की बालिकाओं ने बनाया मॉडल
सिरोही: बढ़ती आबादी के कारण खाद्यान्न की उपलब्धता पर मांग बढ़ती जा रही है, लेकिन किसान पारंपरिक खेती के तरीकों का उपयोग कर फसल तैयार कर रहे हैं. ऐसे में आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर फसल की मांग और आपूर्ति के बीच के अंतर को खत्म किया जा सकता है. इन तरीकों में से एक है वर्टिकल फार्मिंग. सिरोही जिले के वैदिक कन्या स्कूल, आबूरोड में आयोजित एक विज्ञान मेले में बारहवीं कक्षा की दो छात्राओं ने वर्टिकल फार्मिंग का मॉडल प्रस्तुत किया.
वर्टिकल फार्मिंग के बारे में छात्रा रश्मिता और प्रत्युषा ने लोकल-18 को बताया कि इसे तीन या ज्यादा फ्लोर में भी घर में या किसी बड़े हॉल में तैयार किया जा सकता है. कम जगह में ज़्यादा फ़सलें उगाने के लिए इस तकनीक का किसान उपयोग कर सकते हैं. शहरी क्षेत्र में जहां जगह कम होती है, वहां इसका उपयोग आसानी किया जा सकता है. इसमें आम खेती के मुकाबले कम पानी की जरूरत होती है.
ऐसे होती है वर्टिकल खेतीछात्राओं ने बताया कि इस तकनीक में जितने फ्लोर में खेती की जानी है उसके नीचे एक टैंक बनाया जाता है. पाइप के माध्यम से हर फ्लोर तक पानी पहुंचाया जाता है. वर्टिकल खेती में मिट्टी रहित खेती तकनीक का उपयोग किया जाता है. जैसे कि एक्वापोनिक्स, एरोपोनिक्स और हाइड्रोपोनिक्स. ये खेती करने वाले लोग आमतौर पर नारियल के छिलके और पीट मॉस का उपयोग खेती के माध्यम के रूप में करते हैं.
इन छात्राओं ने अपने प्रोजेक्ट में फ़ार्म का उपयोग किया. इस तकनीक में आम खेती के मुकाबले बहुत कम कीटनाशक और नमी की जरूरत होती है. इसमें 21 डिग्री सेल्सियस तापमान से 26 डिग्री सेल्सियस तापमान रखना पड़ता है. इस तकनीक से चाय की पत्ती, फूल गोभी, पत्ता गोभी समेत कई फसलों की खेती की जा सकती है.
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FIRST PUBLISHED : September 28, 2024, 14:15 IST