Women Crime In Rajasthan Cm Ashok Gehlot Satish Poonia Twitter – गहलोत शासन में राजस्थान महिला अपराध में बना सिरमौर, बहन-बेटियों को सुरक्षा देने में सरकार विफल-पूनियां
प्रदेश की बिगड़ी कानून व्यवस्था, महिलाओं और बच्चियों के प्रति बढ़े रहे अपराधों को लेकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा है।
गहलोत शासन में राजस्थान महिला अपराध में बना सिरमौर, बहन-बेटियों को सुरक्षा देने में पूरी तरह विफल-पूनियां
जयपुर।
प्रदेश की बिगड़ी कानून व्यवस्था, महिलाओं और बच्चियों के प्रति बढ़े रहे अपराधों को लेकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा है। पूनियां ने ट्वीट किया कि जो सरकार शुरू से आज तक गृहयुद्ध में उलझी हो, जिसके मुखिया को यह भय रहे कि कल सुबह मेरी कुर्सी रहेगी या नहीं, ऐसा भयाक्रांत गृह-वित्त मंत्री हो तो ऐसे हालात में क्या होगा ? प्रदेश महिला अपराध में 3 वर्ष से सिरमौर है और मुख्यमंत्री की तानाशाही अपराधियों पर नहीं, कहीं और है।
पूनियां ने कहा कि गहलोत बतौर मुख्यमंत्री और गृहमंत्री पूरी तरह विफल हैं, ना वे कोरोना प्रबंधन को संभाल पाए, ना चिकित्सा व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर पाए, ना किसानों का कर्जा माफ किया, ना युवाओं को रोजगार दे रहे हैं, और महिलाओं-बच्चियों को सुरक्षा देने में भी नाकाम हैं। उन्होंने कहा कि जयपुर, जोधपुर सहित प्रदेश के कई जिलों में दुष्कर्म-गैंगरेप के मामले पिछले दिनों सामने आये हैं, यहां तक अस्पताल, स्कूलों में भी इस तरह की वादरातें हुई हैं, लेकिन मुख्यमंत्री का महिला सुरक्षा पर कोई ध्यान नही हैं, पिछले पांच महीने में 2461 रेप के मामले सामने आ चुके हैं, प्रदेश में कहीं भी बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं हैं।
पूनियां का कहना है कि प्रदेश में गहलोत सरकार के लगभग 29 माह के कार्यकाल में अपराधों में दिनोंदिन बढ़ोतरी हुई है। 27.49 प्रतिशत वृद्धि के साथ कुल अपराध के मामले 4 लाख 98 हज़ार 800 से अधिक, डकैती, लूट व चोरी के 86 हज़ार से अधिक वारदातें, नाबालिग बच्चियों एवं महिलाओं के प्रति 90 हज़ार 668 से अधिक अपराध, दुष्कर्म की 13, 635 से अधिक वारदातें, इन मामलों में 45.54 प्रतिशत वृद्धि, दलितों के प्रति 16 हज़ार 500 से अधिक, आदिवासियों के प्रति 4 हज़ार 510 से अधिक अपराध के मामले सामने आ चुके हैं, इनको लेकर प्रदेश के विभिन्न थानों में एफआईआर दर्ज हैं।