Women of Vishnoi community who reached Harjas Gayak adorned with jewellery said “For the first time Harjas Gayak got a platform”

Last Updated:March 29, 2025, 18:02 IST
Barmer News: बाड़मेर जिला मुख्यालय के द हवेली रिसोर्ट में आयोजित 2 दिवसीय वाणी उत्सव के पहले दिन हरजस गायन की एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां हुई. इन प्रस्तुतियों का हर कोई कायल नजर आया वही समधा विश्नोई की अगुवाई में…और पढ़ेंX
लाखों के गहने पहनकर पहुँची महिलाए
बाड़मेर जिला मुख्यालय के द हवेली रिसोर्ट में आयोजित 2 दिवसीय वाणी उत्सव के पहले दिन हरजस गायन की एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां हुई. इन प्रस्तुतियों का हर कोई कायल नजर आया वही समधा विश्नोई की अगुवाई में आए ग्रुप ने विश्नोई समाज की पारंपरिक वेशभूषा और लाखों के गहनों ने सभी का ध्यान अपनी तरफ खींच लिया. समधा अपनी चार रिश्तेदार के साथ खास इस आयोजन के लिए भीनमाल से बाड़मेर आई है.
समधा ने मंच पर विश्नोई समाज के उस पारंपरिक हरजस को गाया जो धीरे धीरे विलुप्त हो रहा है. धार्मिक यात्रा पर अपनो की वापसी या पूर्णिमा अमावस्या के दिन पेड़ो के नीचे बैठ कर गाईं जाने वाली हरजस का मंच पर प्रदर्शन समधा विश्नोई के लिए भी पहला अनुभव था.
द हवेली रिसोर्ट में आयोजित 2 दिवसीय वाणी उत्सवराजस्थानी पारंपरिक परिधान में सजी-धजी बिश्नोई समाज की महिलाएं भारी भरकम स्वर्ण आभूषण पहनती है. राजस्थान के पारंपरिक और लुप्त होते गहने भी इन उत्सव में देखे जा सकते हैं. सबसे महत्वपूर्ण गले में पहने जाने वाली आड है. यह काफी वजनी होती है. यह महिला के परिवार की संपन्नता और समृद्धता निशानी भी मानी जाती है. समधा विश्नोई ने लोकल18 से बातचीत करते हुए कहा कि विश्नोई समाज मे सोने के गहने पहनने का रिवाज है. इसके बावजूद वे कम गहने पहनकर वाणी उत्सव के हरजस गायन में पहुँची है. वह बताते है कि वह अपनी चार बहनों के साथ हरजस गायन में पहुंची है.
Location :
Barmer,Rajasthan
First Published :
March 29, 2025, 18:02 IST
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विश्नोई समाज की पारंपरिक हरजस गायन की शानदार प्रस्तुति