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महिला दिवस: भारतीय सेना की वीरांगनाओं सोनी बिष्ट औरवेद विजय निओग को सलाम

Last Updated:March 08, 2025, 20:03 IST

Indian Army News: महिला दिवस पर चेन्नई OTA में सोनी बिष्ट और वेद विजय निओग ने साहस का परिचय दिया. सोनी ने पति की मृत्यु के बाद सेना में शामिल होकर उनका सपना पूरा किया. वेद ने कठिनाइयों के बावजूद CDS परीक्षा पास…और पढ़ेंपति की मौत से भी नहीं टूटी, बन गई सेना में अधिकारी, अब कंधों पर चमकेंगे सितारे

उनके पति सिपाही नीरज सिंह भंडारी का एक दुर्घटना में निधन हो गया.(फोटो X/@artrac_ia)

हाइलाइट्स

सोनी बिष्ट ने पति की मृत्यु के बाद सेना में शामिल होकर उनका सपना पूरा किया.वेद विजय निओग ने कठिनाइयों के बावजूद CDS परीक्षा पास की.महिला दिवस पर चेन्नई OTA में सोनी और वेद ने साहस का परिचय दिया.

Indian Army News: इस महिला दिवस के अवसर पर, हम उन महिलाओं को सलाम करते हैं जो विपरीत परिस्थितियों में भी असाधारण साहस और दृढ़ संकल्प का परिचय देती हैं. चेन्नई के ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (OTA) में शनिवार को आयोजित पासिंग आउट परेड में ऐसी ही दो वीरांगनाओं – सोनी बिष्ट और वेद विजय निओग ने अपने अदम्य साहस का परिचय दिया.

TOI की रिपोर्ट के अनुसार सोनी बिष्ट के जीवन में एक महीने पहले आई खुशियों की बहार उस समय मातम में बदल गई जब उनके पति, सिपाही नीरज सिंह भंडारी का एक दुर्घटना में निधन हो गया. विवाह के बंधन में बंधने के कुछ ही दिनों बाद आई इस त्रासदी ने उन्हें तोड़ कर रख दिया. लेकिन सोनी ने हार नहीं मानी.

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पति का सपना करना चाहती थीं पूराअपने पति के सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने भारतीय सेना में शामिल होने का दृढ़ निश्चय किया. ब्रिगेड ऑफ गार्ड्स बटालियन के सेवानिवृत्त सूबेदार कुंदन सिंह की बेटी, सोनी ने कुमाऊं रेजिमेंट के ‘वीर नारी एंट्री’ के बारे में जानकर इस चुनौतीपूर्ण रास्ते को चुना. अपने पिता के अटूट समर्थन से उन्होंने कठोर प्रशिक्षण का सामना किया और शनिवार को गर्व से सेना आयुध कोर में कमीशन प्राप्त किया.

फूड डिलीवरी एजेंट से CDS में पहुंचेपासिंग आउट परेड में शामिल होने वाले एक अन्य प्रेरणादायक कैडेट थे असम के जोरहाट के वेद विजय निओग. जीवन की बाधाओं से जूझते हुए, उन्होंने दिल्ली में एक बारिस्ता और फूड डिलीवरी एजेंट के रूप में काम किया, बाद में एक फोटोग्राफर के तौर पर देश भर में यात्रा की. लेकिन भारतीय सेना में शामिल होने का उनका सपना हमेशा जीवित रहा. पारिवारिक कठिनाइयों के कारण उन्हें भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) छोड़नी पड़ी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. कड़ी मेहनत और समर्पण के साथ, उन्होंने संयुक्त रक्षा सेवा (CDS) परीक्षा उत्तीर्ण की और OTA में अपनी जगह पक्की की.

सात महिला विदेशी अधिकारी ने पूरी की ट्रेनिंगसोनी और वेद उन 133 अधिकारी कैडेट्स और 24 महिला अधिकारी कैडेट्स में शामिल थे जिन्हें भारतीय सेना की विभिन्न शाखाओं और सेवाओं में कमीशन प्रदान किया गया. समारोह में पांच पुरुष विदेशी अधिकारी कैडेट्स और सात महिला विदेशी अधिकारी कैडेट्स ने भी अपना प्रशिक्षण पूरा किया, जो विभिन्न देशों के साथ भारत के सैन्य संबंधों को दर्शाता है.

समारोह के मुख्य अतिथि, लेफ्टिनेंट जनरल जॉनसन पी मैथ्यू, चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ ने मेधावी अधिकारी कैडेट्स को पुरस्कार प्रदान किए. उन्होंने युवा अधिकारियों को निस्वार्थ सेवा और उत्कृष्टता के आदर्शों को कायम रखने के लिए प्रेरित किया. पासिंग आउट परेड का समापन पिपिंग समारोह के साथ हुआ, जहां नए कमीशन प्राप्त अधिकारियों ने देश की सेवा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. यह समारोह न केवल इन युवा अधिकारियों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन था, बल्कि उन सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत था जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं.


Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

March 08, 2025, 20:02 IST

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पति की मौत से भी नहीं टूटी, बन गई सेना में अधिकारी, अब कंधों पर चमकेंगे सितारे

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