Rajasthan

Work On India’s Second And World’s Third Largest Stadium Started In Ch – चौंप में भारत के दूसरे और दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टेडियम का काम शुरू

जयपुर से करीब 35 किमी. दूर चौंप गांव में बनने वाले भारत के दूसरे और दुनिया के तीसरे नम्बर के स्टेडियम की जमीन को स्टेडियम का निर्माण करने वाली कम्पनी मैसर्स डीवी प्रोजेक्ट लि. के सुपुर्द किया।

भूमि की पूजा कर आरसीए ने निर्माता कम्पनी को सौंपी जमीन
जयपुर. राजस्थान क्रिकेट संघ (आरसीए) के स्टेडियम के लिए गुरुवार मील का पत्थर रहा। विश्वकर्मा पूजन के बाद जयपुर से करीब 35 किमी. दूर चौंप गांव में बनने वाले भारत के दूसरे और दुनिया के तीसरे नम्बर के स्टेडियम की जमीन को स्टेडियम का निर्माण करने वाली कम्पनी मैसर्स डीवी प्रोजेक्ट लि. के सुपुर्द किया। आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत ने नए स्टेडियम में पूजन के बाद नारियल फोड़ कर विधिवत रूप निर्माण कार्य की शुरुआत की। पूजन में वैभव की बेटी काश्विनी गहलोत भी शामिल हुईं। स्टेडियम के लिए जेडीए से 100 एकड़ जमीन आवंटित हुई है। स्टेडियम का निर्माण गुजरात के मोटेरा स्टेडियम के अनुरूप किया जाएगा।

पहला फेज दो साल में पूरा होगा : वैभव
आरसीए चीफ वैभव गहलोत ने पूजन के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा की १०० एकड़ में बनने वाले स्टेडियम का निर्माण दो चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण में मुख्य स्टेडियम का निर्माण किया जाएगा। इसके निर्माण पर 280 करोड़ रुपए का खर्च अनुमानित है। यह कार्य दो साल में पूरा हो जाएगा। पहले फेज में स्टेडियम की दर्शकों की क्षमता 45 हजार होगी। उसके बाद दूसरे फेज में जब काम पूरा हो जाएगा तो स्टेडियम की दर्शकों की क्षमता बढ़कर 75 हजार हो जाएगी। इस कार्य के लिए अभी बीसीसीआई १०० करोड़ रुपए देगी।

मैच की अनुमति के लिए लिखा पत्र
वैभव ने बताया कि जयपुर में आरसीए की मेजबानी में आठ साल बाद अंतरराष्ट्रीय मैच होगा जिसकी पूरी तैयारी हो गई है और वह खुद दो बार मौके पर जाकर मैदान एवं दर्शकों की व्यवस्था सहित सभी का जायजा ले चुके हैं। १७ नवम्बर को भारत-न्यूजीलैंड टी-२० मैच होना है। दर्शकों को मैच देखने की अनुमति होगी या नहीं, इसका फैसला राज्य सरकार करेगी। कोरोना गाइडलाइन के मद्देनजर राज्य सरकार से दर्शकों की संख्या बारे में अनुमति मांगी गई है और उसके आधार पर मैच में दर्शकों को अनुमति दी जाएगी। बीसीसीआई ने मैदान में मैच देखने या नहीं देखने की अनुमति देने का जिम्मा राज्य सरकार पर छोड़ा है।

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