World Asthma Day 6 may 2025 Changing lifestyle increases asthma risk know prevention and expert tips | हर सांस कीमती है… इसलिए हल्के में न लें अस्थमा, एक्सपर्ट से जानें लक्षण और बचाव

World Asthma Day 2025: हर साल 6 मई को विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाता है. इसका उद्देश्य लोगों में बीमारी के प्रति जागरूकता पैदा करना है. जी हां, अस्थमा खानपान और जीवनशैली से जुड़ी एक बीमारी है. कभी बुजुर्गों में होने वाली यह बीमारी आज बच्चों को भी नहीं बख्स रही है. लंबे समय तक चलने वाली अस्थमा की बीमारी इंसान को अंदर से घायल कर देती है. स्थिति बिगड़ने पर अस्थमा अटैक का भी कारण बन जाता है. अस्थमा होने पर वायुमार्ग (एयरवेज) में सूजन आ जाती है और वे संकुचित हो जाते हैं, जिससे मरीज को सांस लेने में कठिनाई होती है.
दुनियाभर के लाखों लोगों को इस बीमारी ने अपना शिकार बना रखा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 23.5 करोड़ लोग अस्थमा से पीड़ित हैं. अब सवाल है कि आखिर बदलती लाइफस्टाइल अस्थमा को कैसे बना रही खतरनाक? बच्चों में अस्थमा होने पर पैरेंट्स क्या करें? किन लक्षणों से करें अस्थमा की पहचान? कैसे करें अस्थमा से बचाव? इस बारे में बता रहे हैं एशियन हॉस्पिटल के रेस्पिरेटरी, क्रिटिकल केयर और स्लीप मेडिसिन के डायरेक्टर एवं हेड डॉ. मानव मनचंदा-
बदलती लाइफस्टाइल अस्थमा के लिए कैसे खतरनाक?
विशेषज्ञ मानते हैं कि, अस्थमा के मामलों में वृद्धि के पीछे प्रदूषण, प्रोसेस्ड फूड, फिजिकल एक्टिविटी की कमी और स्ट्रेस जैसे कारण प्रमुख हैं. यह हमारे खानपान और रहने के तरीके में हुए बदलावों ने श्वसन तंत्र पर प्रभाव डाला है. घरों में बंद रहने, एसी की आदत और ताजे हवा की कमी से एलर्जी और अस्थमा का जोखिम बढ़ रहा है. एक्सपर्ट की मानें तो, यदि समय रहते इन लक्षणों को पहचान लिया जाए और इनहेलर या दवाओं का सही उपयोग किया जाए, तो गंभीर स्थिति से बचा जा सकता है.
बच्चों में अस्थमा बढ़ने पर क्या करें पैरेंट्स?
बच्चों में अस्थमा की पहचान और प्रबंधन बेहद जरूरी है. लगातार खांसी, सांस फूलना, रात में सीने में घरघराहट जैसे शुरुआती संकेत हो सकते हैं. बाल रोग विशेषज्ञों का मानना है कि माता-पिता को अपने बच्चों की सांस लेने की आदतों पर ध्यान देना चाहिए और अस्थमा ट्रिगर (जैसे धूल, धुआं, पालतू जानवरों के बाल आदि) से दूर रखना चाहिए.
सेल्फ मेडिकेशन से बचने की सलाह
एक्सपर्ट के मुताबिक, अस्थमा में बिना डॉक्टर की सलाह के दवा लेना खतरनाक हो सकता है. कई बार लोग खुद से स्टेरॉइड इनहेलर या दवा लेना शुरू कर देते हैं, जिससे शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. इसलिए परेशानी होने पर हमेशा डॉक्टर से परामर्श लें. इसके अलावा, इनहेलर का सही तरीके से उपयोग करें और फॉलो-अप विज़िट्स को न टालें.
अस्थमा अटैक पड़ने से पहले कैसे पहचानें संकेत?
सीने में जकड़न या भारीपन
बार-बार खांसी आना (खासकर रात या सुबह)
सांस लेते वक्त सीटी जैसी आवाज़
थकावट या चिड़चिड़ापन
अस्थमा से बचाव के उपाय
धूल, धुएं और पालतू जानवरों के बालों से दूरी रखें
ठंडी हवा या मौसम में बाहर जाने से पहले मुंह ढकें
इनहेलर हमेशा पास रखें
रेगुलर फिजिकल एक्टिविटी करें
स्ट्रेस को कंट्रोल में रखें