World Diabetes Day 2025 Awareness Tips

World Diabetes Day 2025: देशभर में हर साल 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस मनाया जाता है. भारत दुनिया के उन देशों में शामिल है जहाँ डायबिटीज तेजी से फैल रही है. इसका सीधा असर बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों सभी पर दिख रहा है. भारत में 10 करोड़ से ज्यादा लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं, और यही आँकड़ा चिकित्सा विशेषज्ञों को सबसे अधिक चिंतित करता है. यह बीमारी न केवल स्वास्थ्य, बल्कि देश की उत्पादकता को भी प्रभावित करती है. भिवाड़ी के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. रूप सिंह बताते हैं कि यदि किसी युवा को डायबिटीज हो जाता है, तो उसकी जीवनशैली पूरी तरह बदल जाती है और अक्सर जीवनभर दवाइयों पर निर्भर रहना पड़ता है. ऐसे में बचाव ही सबसे बड़ा उपाय है और इसके लिए सामुदायिक स्तर पर जागरूकता फैलाना जरूरी है.
“डायबिटीज मीठा खाने से नहीं, अनुशासन की कमी से होती है”डॉ. रूप सिंह के अनुसार डायबिटीज सिर्फ मीठा खाने की वजह से नहीं होती, बल्कि यह एक लाइफस्टाइल डिसऑर्डर है. इसका मुख्य कारण हमारी अनियमित दिनचर्या और शारीरिक गतिविधि की कमी है. यदि व्यक्ति अपनी दिनचर्या को संतुलित रखे तो इस बीमारी से बचना संभव है. वे बताते हैं कि:
भोजन समय पर और संतुलित होना चाहिए.
हमेशा भूख से आधा भोजन लेना चाहिए.
रोजाना कम से कम 30 मिनट व्यायाम अनिवार्य है.
इन छोटे-छोटे नियमों का पालन जीवनभर डायबिटीज से बचा सकता है. सफेद चीनी और प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाना भी उतना ही जरूरी है जितना कि व्यायाम.
हाइड्रेशन, प्राणायाम और हंसी तीन बड़े हथियारडॉ. सिंह पानी के महत्व को बताकर कहते हैं कि प्यास से दोगुना पानी पीना चाहिए. इससे शरीर के टॉक्सिन बाहर निकलते हैं और ब्लड शुगर भी संतुलित रहता है. साथ ही, नियमित प्राणायाम मन-मस्तिष्क को शांत रखता है, जिससे तनाव कम होता है — और तनाव डायबिटीज का बड़ा कारण है. तनाव, कोर्टिसोल हार्मोन को बढ़ाता है जो इंसुलिन प्रतिरोध को जन्म देता है. वे यह भी कहते हैं कि दिन में कम से कम एक बार खुलकर हंसना चाहिए. हंसी तनाव दूर करती है और शरीर को स्वस्थ रखती है, जिससे एंडोर्फिन हार्मोन रिलीज होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं.
नींद की कमी और तनाव सबसे बड़े कारकडायबिटीज के बढ़ते मामलों में तनाव और कम नींद की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है. डॉ. सिंह सलाह देते हैं कि हर व्यक्ति को कम से कम 7 घंटे की नींद लेनी ही चाहिए. नींद की कमी से इंसुलिन संवेदनशीलता कम हो जाती है, जिससे शरीर शुगर को ठीक से संसाधित नहीं कर पाता. तनाव का प्रबंधन करना और पर्याप्त आराम लेना डायबिटीज से लड़ने की पहली पंक्ति है.
डायबिटीज के 3 मुख्य लक्षणउन्होंने बताया कि इस बीमारी को तीन प्रमुख संकेतों से पहचाना जा सकता है—
बार-बार भूख लगना (Polyphagia)
बार-बार प्यास लगना (Polydipsia)
बार-बार पेशाब जाना (Polyuria)
इनमें से कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत जाँच करवानी चाहिए, विशेषकर यदि परिवार में डायबिटीज का इतिहास रहा हो.
किन लोगों में जोखिम ज्यादा?जिन लोगों के माता-पिता डायबिटिक हैं, जिनका वजन अधिक है, पेट का मध्य भाग बड़ा है (Visceral Fat), या जिनकी फिजिकल एक्टिविटी कम है, उनमें डायबिटीज का खतरा अधिक रहता है. डॉ. सिंह कहते हैं कि संतुलित भोजन, नियमित व्यायाम, तनावमुक्त दिनचर्या और पर्याप्त नींद ही डायबिटीज को रोकने और नियंत्रित करने का सबसे सुरक्षित तरीका है.



