Protest by the wives of pulwama martyrs accused rajasthan government of not fulfilling the promise mp kirorilal meena supported
विष्णु शर्मा
जयपुर. पुलवामा आतंकी हमले को 4 साल से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन आज भी जख्म भरे नहीं हैं. पुलवामा आतंकी हमले का दर्द झेल रहे कई परिवार आज भी सरकार से अपनी मांगों को लेकर सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं. ऐसा ही कुछ हाल राजस्थान के कुछ परिवारों का है, जिन्हें सरकार द्वारा किए गए वादों के बाद भी अब तक किसी प्रकार की मदद हासिल नहीं हो सकी है.
कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद सैनिकों की वीरांगनाएं आज भी राजस्थान में अपनी मांगों को लेकर भटक रही हैं. चार साल पहले सरकार ने शहीदों के परिजनों को नौकरी, नामकरण और अन्य ने आश्वासन दिए थे. उन्हीं मांगों के पूरा नहीं होने पर वीरांगनाएं और उनके परिजन एक दिन पहले सांसद किरोड़ीलाल मीणा के साथ जयपुर पहुंचे. यहां विधानसभा के मुख्य गेट पर धरने पर बैठ गए, जिसके बाद पुलिस ने जबरन सांसद और वीरांगनाओं को यहां से उठा दिया. इसके बाद सांसद किरोड़ीलाल मीणा, वीरांगनाओं व परिजनों के साथ शहीद स्मारक पर पहुंचे और वहीं धरने पर बैठ गए.
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बेनतीजा रही गृह राज्यमंत्री से बातचीत
मंगलवार रात को सांसद किरोड़ीलाल की गृह राज्यमंत्री राजेंद्र यादव से दो दौर की वार्ता हुई, लेकिन मांगों पर ठोस आश्वासन नहीं मिलने पर सांसद किरोड़ीलाल और वीरांगनाओं ने शहीद स्मारक पर ही धरना दे दिया और वहीं सो गए. शहीदों के परिजनों का आरोप है कि सरकार ने उनके द्वारा किया हुआ वादा अब तक पूरा नहीं किया.

सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने पुलवामा शहीदों की पत्नियों और परिजनों द्वारा दिए जा रहे धरने के समर्थन में रात को वहीं सोते नजर आए.
वीरांगनाओं का दर्द, सरकार ने पूरे नहीं किए वादे
पुलवामा हमले में शहीद रोहिताश लाम्बा की पत्नी मंजु जाट, जो कि जयपुर के शाहपुरा तहसील के गोविन्दपुरा (बासडी) गांव की निवासी है. उनका कहना है कि पति के अंतिम संस्कार में राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री शांति कुमार धारीवाल, प्रतापसिंह खाचरियावास और लालचन्द कटारिया ने पहुंचकर शहीद रोहिताश के छोटे भाई जितेन्द्र लाम्बा को अनुकम्पा नियुक्ति राज्य सरकार के नियमों में मुख्यमंत्री द्वारा शिथिलता प्रदान करके दी जाएगी. मगर शहीद के भाई द्वारा नियुक्ति हेतु आवेदन करने के बाद से फाइल सैनिक कल्याण बोर्ड में पड़ी हुई है. सरकार के मंत्री और अधिकारी टालमटोल कर रहे हैं. परिवार वाले दर-दर भटक रहे हैं. कई बार आश्वासन के बाद भी अभी तक नियुक्ति नही दी गई है.
सरकार के मंत्रियों द्वारा शहीद के निवास स्थान हेतु गांव की मुख्य सड़क से 25 किमी सड़क निर्माण की घोषणा की गई थी जो कि बार-बार चक्कर लगाने के बाद भी नहीं बनाई जा रही है. वहीं, शहीद के स्मारक स्थल के लिए स्मारक की जमीन का सामान्तरण करने व स्मारक की जमीन की चार दीवारी करने हेतु घोषणा की गई थी जे आज तक पूरी नहीं की गई. सरकार द्वारा स्मारक नहीं बनाने पर घरवालों ने स्वयं अपने खर्चे से स्मारक बनवाया.
नहीं लगी शहीद की प्रतिमा, नेता ने किया अवैध कब्जा
कोटा जिले के सांगोद तहसील के विनोदकला गांव के शहीद हेमराज मीणा की पत्नी मधुबाला ने बताया कि पति के अंतिम संस्कार में राज्य सरकार के कैबिने मंत्रियों ने सांगोद के अदालत चौराहे के बीच में शहीद की प्रतिमा लगाने और चौराहे का नाम शहीद के नाम पर करने का ऐलान किया था. उन्होंने आरोप लगाया कि यह वादा 4 साल बाद भी पूरा नहीं हुआ. सत्ताधारी दल के स्थानीय नेता सुवालका ने चौराहे के प्रतिमा स्थल पर अतिक्रमण कर लिया है, ताकि वहां शहीद की प्रतिमा न लग सके. शहीद के गांव विनोदकला में 2 किमी सड़क बनाने की भी घोषणा मंत्रियों द्वारा की गई थी. मगर कई बार मंत्रियों के यहां चक्कर लगाने और प्रशासन से मिलने के बाद भी अभी तक सड़क निर्माण का कार्य नही हुआ.

अपनी मांगों को लेकर रातभर धरने पर बैठे रहे पुलवामा हमले में शहीद जवानों की पत्नियां और परिजन.
ना मिली नौकरी और ना ही बना स्मारक
भरतपुर जिले के सुन्दरावली गांव की सुन्दरी देवी जो कि शहीद जीतराम गुर्जर की पत्नी है. उनका कहना है कि, पति की अंत्येष्टि में सरकार द्वारा की गई घोषणा में से किसी प्रकार का काम नहीं हुआ. भरतपुर के राजकीय महाविद्यालय का नामकरण शहीद जीतराम गुर्जर के नाम किया जाना था जो आज तक नही किया गया. वहीं शहीद के भाई को अनुकम्पा नौकरी देने की घोषणा के लिए भी हमें दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे है. शहीद स्मारक बनवाने के लिए वर्तमान सांसद ने जो घोषणा की थी वो अभी तक अधूरी है. शहीद की पत्नी ने कहा कि, हमारे पति देश के लिए शहीद हो गये तब से ही सरकार के आश्वासनों को पूरा करने के लिए हम मंत्रियों एवं अधिकारियों के कई चक्कर काट चुके है. चार साल निकल जाने के बाद भी हमारी मांगों को पूरा नही किया गया है. अतः मांग पूरी होने तक हम सरकार के दरवाजे पर सत्याग्रह करने को मजबूर है.
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Tags: Indian Army news, Pulwama attack
FIRST PUBLISHED : March 02, 2023, 10:46 IST