Rajasthan

Lawrence Bishnoi: IPS बनाना चाहते थे पुलिस कांस्‍टेबल पिता, कॉलेज में पढ़ते-पढ़ते गैंगेस्‍टर कैसे बन गया बेटा?

Lawrence Bishnoi: पंजाब का एक जिला फिरोजपुर. फिरोजपुर जिले का एक गांव है धत्तरांवाली. यहीं रहता था लविंदर सिंह का परिवार. लविंदर हरियाणा पुलिस में सिपाही हुआ करते थे. 12 फरवरी 1993 को उनके घर एक बेटे का जन्म हुआ. लविंदर समेत पूरा परिवार खुशी से झूम उठा. बच्चा इतना गोरा और सुंदर था कि परिवार वालों ने उसे दुलार से लॉरेंस कहना शुरू कर दिया. बताया जाता है कि जन्म के समय उसका चेहरा इतना चमकदार था कि उसकी मां ने उसका नाम लॉरेंस रख दिया, लेकिन कागजी नाम सतविंदर सिंह रखा गया.

अब तक आप समझ चुके होंगे कि यह कहानी गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की है. वही लॉरेंस बिश्नोई, जिसका नाम महाराष्ट्र के नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के कारण सुर्खियों में है. पुलिस कांस्टेबल पिता अपने बेटे सतविंदर उर्फ लॉरेंस को आईपीएस बनाना चाहते थे, लेकिन लॉरेंस ने अपनी सनक और हनक की धुन में ऐसा रास्ता चुना कि वह गैंगस्टर बन बैठा.  लॉरेंस बिश्नोई की मां का नाम ममता बिश्नोई है और वह एक पढ़ी-लिखी गृहणी हैं. ममता ने एक इंटरव्‍यू में बताया था कि उन्‍होंने अपने बेटे को बहुत समझाया और गलत रास्‍ते से लौटने की सलाह दी लेकिन उसने नहीं सुनी.

गांव में हुई 12वीं तक की पढ़ाई लॉरेंस बिश्नोई उर्फ सतविंदर सिंह की पढ़ाई लिखाई उसके गांव से ही हुई. असल में, लॉरेंस के पिता ने 1992 में हरियाणा पुलिस की नौकरी शुरू की थी, लेकिन पांच साल बाद ही उन्होंने वीआरएस यानी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर खेती-बाड़ी शुरू कर दी. ऐसे में लॉरेंस ने पंजाब के अबोहर से इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई पूरी की और 2010 में वह पढ़ने के लिए चंडीगढ़ पहुंच गया. 2011 में लॉरेंस ने चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज में एडमिशन लिया और वहां स्टूडेंट यूनियन की राजनीति करने लगा. इसी बीच उसने पंजाब यूनिवर्सिटी का रुख किया और वहां से एलएलबी करने लगा. यहां पर वह स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी (SOPU) का अध्यक्ष बन गया.

पढ़ाई छोड़ राजनीति का चस्कासंगठन का अध्यक्ष बनने के बाद लॉरेंस बिश्नोई ने पढ़ाई छोड़कर पूरी तरह राजनीति में कदम रखा. वह पंजाब यूनिवर्सिटी की राजनीति में काफी सक्रिय हो गया. यहीं पर उसकी दोस्ती गोल्डी बराड़ से हुई. बता दें कि भारत सरकार ने गोल्डी बराड़ को आतंकवादी घोषित कर रखा है. कहा जाता है कि लॉरेंस बिश्नोई को विदेश से बैठकर गोल्डी बराड़ ही फंडिंग करता है. पंजाब यूनिवर्सिटी में लॉरेंस बिश्नोई ने SOPU के बैनर तले छात्र संघ का चुनाव लड़ने का फैसला किया. चुनाव जीतने के लिए उसने खूब प्रयास किए, लेकिन सफलता नहीं मिली और वह चुनाव हार गया.

चुनाव में हार और बदली राहजिस लॉरेंस बिश्नोई से घरवालों को काफी उम्मीदें थीं, पुलिस कांस्टेबल पिता का सपना था कि एक दिन उसका बेटा पढ़-लिखकर आईपीएस अफसर बनेगा, लेकिन चुनावी चक्रव्यूह में लॉरेंस ऐसा फंसा कि हार का दर्द बर्दाश्त नहीं कर सका. बदला लेने के लिए उसने रिवॉल्वर खरीद ली. अपनी हार से बौखलाए लॉरेंस बिश्नोई और उसके एक साथी ने एक छात्र नेता पर गोलियां चलाईं, जिसके बाद उस पर पहली बार हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज हुआ. यहीं से उसकी जिंदगी ने अलग दिशा ले ली और वह अपराध की दुनिया में कदम रख दिया. इसके बाद लॉरेंस और गोल्डी बराड़ दोनों अपराध की दुनिया में उतर गए और चंडीगढ़ समेत कई इलाकों में अपराध की वारदातों को अंजाम देने लगे.

सलमान की हत्या की साजिश 2014 में लॉरेंस बिश्नोई को राजस्थान से गिरफ्तार किया गया और भरतपुर जेल भेज दिया गया, लेकिन जब उसे पेशी के लिए पंजाब के मोहाली ले जाया जा रहा था, तब वह वहां से फरार हो गया. 2016 में उसे दोबारा गिरफ्तार किया गया. 2018 में लॉरेंस बिश्नोई पर बॉलीवुड स्टार सलमान खान की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगा. इसके अलावा उस पर 29 मई 2022 को पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या और जयपुर में 5 दिसंबर 2023 को करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के भी आरोप हैं. 14 अप्रैल 2024 को सलमान के घर पर हुई फायरिंग में भी उसका नाम आया था. अब मुंबई में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या मामले में भी उसका नाम आ रहा है. इस तरह एक आईपीएस बनने वाला लड़का अब पूरी तरह गैंगस्टर बन चुका है और इन दिनों वह गुजरात के अहमदाबाद के साबरमती सेंट्रल जेल में बंद है.

Tags: Chandigarh news, IPS Officer, IPS officers, Mumbai News, Salman khan

FIRST PUBLISHED : October 14, 2024, 10:35 IST

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