Rajasthan

नागौर में होती है होलिका के पति की पूजा, जानिए इसके पीछे की कहानी, बहुत विशाल है इनकी प्रतिमा

Last Updated:March 13, 2025, 12:08 IST

Holi 2025: ईलोजी हिरण्यकश्यप की बहन होलिका से प्रेम करते थे. शादी के बंधन में बंधने ही वाले थे. शादी से ठीक पहले ही होलिका अपने भतीजे विष्णु भक्त प्रहलाद को लेकर आग में बैठ गई थी. इसके बाद होलिका की मौत हो गई. …और पढ़ेंनागौर में होती है होलिका के पति की पूजा, जानिए इसके पीछे की कहानी

इलोजी महाराज 

राजस्थान में ऐसे आने को लोक देवता है जिनकी पूजा भगवान की तरह की जाती है. ऐसे ही एक लोक देवता है. ईलोजी, इन्होंने अपनी पत्नी की याद में प्राण त्याग दिए थे, इसलिए पत्नी प्रेम के कारण नागौर में इनकी पूजा अर्चना की जाती है. इनकी प्रेम कहानी किसी हीर रांझा से काम नहीं थी. लोकदेवता ईलोजी की प्रेम कहानी हीर रांझा से भी बढ़कर है. इनकी शादी से एक दिन पहले इनकी होने वाली पत्नी होलिका ने प्राण त्याग दिए थे. इनकी पत्नी कोई और नहीं बल्कि हिरण्यकश्यप की बहन होलिका था. जो विष्णु भक्त प्रहलाद को लेकर अग्नि में बैठ गई थी.

ईलोजी हिरण्यकश्यप की बहन होलिका से प्रेम करते थे. शादी के बंधन में बंधने ही वाले थे. शादी से ठीक पहले ही होलिका अपने भतीजे विष्णु भक्त प्रहलाद को लेकर आग में बैठ गई थी. इसके बाद होलिका की मौत हो गई. ऐसे में इलोजी की प्रेम कहानी अधूरी रही. हालांकि इलोजी ने फिर कभी शादी नहीं की और प्रेम कहानी अमर हो गई. इतना ही नहीं राजस्थान के कई क्षेत्रों में आज भी इलोजी की पूजा होती है. कई जगहों पर महिलाएं बेटे की कामना को इलोजी महाराज के लिंग की पूजा करती हैं.

होलिका की याद में त्याग दिए थे प्राणस्थानिक मान्यताओं के अनुसार जब होलिका आग में जल कर पूरी तरह भस्म हो गई तो इलोजी महाराज वहीं बैठे रहे. उनकी याद में बैठे-बैठे अपने प्राण त्याग दिए. किसी प्रेम कहानी के कारण इलोजी को लोक देवता के रूप में पूजा की जाती है. उनको प्रेम देवता के नाम से भी पूजा जाता है. स्थानीय लोगों के लिए ईलोजी महराज प्रेम व पशुओं के रक्षक के देवता माने जाते है. ऐसा कहा जाता है कि अधूरा प्यार, अच्छा वर वधु व वैवाहिक जीवन व संतान प्राप्ति की मनोकामन पूर्ण होती है.

ईलोजी की पूजा से खोया पशु मिल जाता है राजस्थान में दो रुपों से ईलोजी महराज की पूजा होती है. इन्हें. स्थानीय निवासी रवीन्द्र चौधरी बताते है कि जब प्रेम या वैवाहिक जीवन मे बाधा, दंपति को संतान प्राप्ति की मनोकामना तथा ग्रामीण लोग जब कोई पशु खो जाता है तो इनकी पूजा करते है तब खोया हुआ पशु घर पर आ जाता है.

Location :

Nagaur,Rajasthan

First Published :

March 13, 2025, 12:08 IST

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