Worship of twenty-four Tirthankaras took place in Jain temples | जैन मंदिरों में हुई चौबीस तीर्थंकरों की पूजा, शाम को होगा श्रीजी का कलशाभिषेक

जयपुरPublished: Sep 28, 2023 03:04:18 pm
दिगंबर जैन मंदिरों में भी अनंत चतुर्दशी पर्व मनाया जा रहा है। शहर के 250 से अधिक मंदिरों में सुबह से ही आयोजन हो रहे है।
जयपुर। भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी को आज अनंत चतुर्दशी के रूप में मनाया जा रहा है। इस मौके पर दिगंबर जैन मंदिरों में भी अनंत चतुर्दशी पर्व मनाया जा रहा है। दिगंबर जैन धर्मावलंबियों की ओर से दशलक्षण महापर्व में उत्तम ब्रह्मचर्य व्रत की पालना की जा रही है। शहर के 250 से अधिक मंदिरों में सुबह से ही आयोजन हो रहे है। 80 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने आज उपवास रखा है। अखिल भारतीय दिगम्बर जैन परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष विनोद जैन ने बताया कि शहर के 250 से अधिक दिगंबर जैन मंदिरों में हजारों श्रद्धालु निराहार रहकर उपवास कर रहे है। वहीं मंदिरों में भगवान की विशेष पूजा-अर्चना की गई। आज 12वें तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य का मोक्ष कल्याणक दिवस मनाया गया और मोक्ष का प्रतीक निर्वाण लाडू चढ़ाया गया। दोपहर में चौबीस तीर्थंकरों की मंडल पर चौबीसी पूजा विधान से महार्चना की गई। शाम को श्रीजी के दशलक्षण समापन कलश होंगे। इसके बाद माल एवं महाआरती होगी। श्रद्धालु कर्म निर्झर तेला, रत्नत्रय व्रत और तेला की आराधना कर रहे है। त्यागी व्रतियों एवं तपस्वियों को बग्घी में बैठाकर शहर के कई दिगंबर जैन मंदिरों से शोभायात्राएं निकाली जा रही है। मानसरोवर स्थित रजत पथ निवासी सर्वेश जैन पिछले 10 वर्षो से दशलक्षण पर्व के निर्जल दस उपवास कर रहे है। आज दसवें दिन उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म और अनंत चौदस का उपवास रखा है।