Can people with diabetes eat Nashpati: क्या डायबिटीज पेशेंट नाशपाती खा सकते हैं? जानें अनगिनत फायदे

Last Updated:October 26, 2025, 20:55 IST
डायबिटीज किसी को एक बार हो गया तो फिर उसे पूरी तरह से छुटकारा नहीं पाया जा सकता है. हां, आप सही जीवनशैली, खानपान, एक्टिव बॉडी और दिनचर्या को अपनाकर अपना शुगर लेवल कंट्रोल कर सकते हैं. अक्सर जानकारी के अभाव में कुछ डायबिटीज के पेशेंट खानेपीने में इतनी लापरवाही बरतते हैं कि शुगर लेवल हाई रहता है. ब्लड शुगर लेवल हाई रहना बहुत ही खतरनाक है. इससे शरीर के अन्य अंगों पर भी निगेटिव असर पड़ता है. सब्जी और फलों को लेकर अक्सर लोग कंफ्यूज रहते हैं कि कौन सा फल खाएं, कौन सा नहीं, ताकि शुगर लेवल हाई न हो. एक फल है नाशपाती, जिसे आप डायबिटीज में खा सकते हैं. नाशपाती कैसे है फायदेमंद यहां जानें.
अक्सर डायबिटीज में लोगों को समझ नहीं आता है कि उनके लिए कौन सा फल फायदेमंद होगा और कौन सा शुगर लेवल बढ़ाएगा. चलिए आपकी कंफ्यूजन यहां दूर करते हैं. आप डायबिटीज में नाशपाती का सेवन बिना चिंता किए कर सकते हैं.एक स्टडी भी इस पर मुहर लगा चुकी है.

नाशपाती में ढेरों फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट, पोटैशियम, विटामिन सी, के, आयरन और कई अन्य न्यूट्रिएंट्स होते हैं. नाशपाती खाने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है. साथ ही हार्ट के लिए भी इसे हेल्दी फल माना गया है. यह बैड कोलेस्ट्रॉल को घटा कर हेल्दी कोलेस्ट्रॉल को सपोर्ट करता है.

इसमें पोटैशियम अधिक होने के कारण यह ब्लड प्रेशर लेवल को नॉर्मल बनाए रखता है. इससे भी आपको हृदय रोग होने की संभावना कम हो जाती है. नाशपाती में मौजूद एंथोसायनिन कंपाउंड कोरोनरी आर्टरी डिजीज से भी बचाता है. फ्रंटियर्स इन न्यूट्रिशन में पब्लिश रिसर्च से पता चलता है कि रेगुलर नाशपाती खाने से स्ट्रोक का खतरा कम होता है.

नाशपाती लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स कैटेगरी में आता है. टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों के लिए एक फ्रेश स्नैक का काम कर सकता है. अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन की रिपोर्ट के अनुसार, रोजाना नाशपाती खाने से डायबिटीज का खतरा कम हो सकता है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट एंथोसायनिन ब्लड शुगर में अचानक होने वाली बढ़ोतरी को रोकने में मदद करता है.

नाशपाती में कॉपर भी होता है, जो ब्लड कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल कर सकता है. ओपन हार्ट जर्नल ने एक ट्रायल के आधार पर बताया कि हाई कोलेस्ट्रॉल वाले जिन मरीजों को 45 दिनों तक रोज 5 एमजी कॉपर सप्लीमेंट दिया गया, उनमें टोटल कोलेस्ट्रॉल, लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन और ट्राइग्लिसराइड्स का लेवल कम हो गया, जबकि हाई-डेंसिटी लिपोप्रोटीन का लेवल बढ़ गया. इस तरह, रेगुलर नाशपाती खाने से बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद मिल सकती है.

नाशपाती अल्जाइमर और डिमेंशिया जैसी न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों का खतरा भी कम कर सकता है. इनमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी कंपाउंड और क्वेरसेटिन और केम्फेरोल जैसे फ्लेवोनॉएड्स भरपूर मात्रा में होते हैं, जो दिमाग की कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सूजन से बचाते हैं. एक स्टडी में पाया गया कि नाशपाती खाने से डिमेंशिया का खतरा कम होता है.

नाशपाती आप प्रतिदिन एक खाते हैं तो इससे काफी हद तक कैंसर के होने का खतरा कम हो सकता है.इस फल में मजबूत एंटी-कैंसर कंपाउंड तत्व से ऐसा संभव हो सकता है. बीएमसी कॉम्प्लिमेंट्री मेडिसिन एंड थेरेपीज (2021) में पब्लिश एक रिव्यू में पाया गया कि नाशपाती में मौजूद फ्लेवोनॉएड्स और टेरपेनोइड्स में एंटी-कैंसर और एंटी-ट्यूमर गुण होते हैं.
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October 26, 2025, 20:55 IST
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