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year ender 2021 This year not only corona but also these viruses caused havoc | इस साल कोरोना ही नहीं बल्कि इन वायरस ने भी मचाई तबाही, आने वाले समय में बन सकते है परेशानी का सबब!

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। कोरोना ने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को तोड़कर रख दिया है। इसकी चपेट में लगभग सभी देश आ चुके हैं। इतिहास में शायद ये पहली बार है, जब किसी एक वायरस का दंश पूरी दुनिया झेल रही है और इसका असर अब तक खत्म नहीं हुआ है। अगर आप पिछले 2 सालों को याद करेंगे तो, समझ आएगा कि, आपकी जिंदगी के हर पहलू पर कोरोना ने असर डाला है। 

आज हम आपको बताएंगे कि, कोरोना ही नहीं बल्कि इसके अलावा और भी कई वायरस है, जिन्होंने दुनिया के कई देशों में कहर बरपाया। ये हमारी बदकिस्मती है कि, एक साथ इतने वायरस का दंश हमे झेलना पड़ रहा है। हालांकि इनका भी असर पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है, ये समय-समय पर उभरकर लोगों को संक्रमित कर रहे है।

2021 में कौन-कौन से वायरस ने लाई परेशानियां

जीका वायरस
भारत में इस साल कोरोना के अलावा जीका वायरस ने भी दस्तक दी और लगभग 100 से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हुए। 8 जुलाई 2021 को भारत में इसका पहला केस सामने आया। केरल में एक व्यक्ति यूगांडा से लौटा था, जिसमें संक्रमण की पुष्टि हुई थी, ये जीका का पहला केस था। जीका से सबसे ज्यादा प्रभावित केरल ही रहा। बता दें कि, डब्ल्यूएचओ के अनुसार, जीका वायरस को पहली बार सन 1947 में युगांडा के बंदरों में पहचाना गया था

लक्षण

  • इसके शुरुआती लक्षण हल्के दिखाई देते है। 
  • बुखार, रेशेज, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द और उल्टी हो सकती है।
  • सबसे ज्यादा गर्भवती महिलाएं जीका वायरस की चपेट में आती हैं।

इबोला वायरस 
इबोला वायरस बेहद खतरनाक बीमारी है। ये एक व्यक्ति को दूसरे से संक्रमित करता है। ज्यादातर मरीजों की इस वायरस के चपेट में आने से मौत हो जाती है। डब्ल्यूएचओ की मानें तो, इस साल पश्चिमी अफ्रीका देश गिनी में इबोला के कुल 23 संक्रमितों की पुष्टि हई, जिनमें 12 लोगों ने अपनी जान गवा दी। वहीं कांगो में भी इसका कहर बरपा। साथ ही पश्चिम अफ़्रीकी देशों गिनी, सियेरा लियोन और नाइजीरिया में इबोला वायरस से अब तक 930 लोगों की मौत हो चुकी है।

लक्षण

  • डब्ल्यूएचओ की मानें तो, इसके मरीजों में अचानक बुख़ार, कमज़ोरी, मांसपेशियों में दर्द और गले में ख़राश जैसे लक्षण दिखाई देते है।
  • शुरुआती लक्षण के बाद उल्टी होना, डायरिया और कुछ मामलों में अंदरूनी और बाहरी रक्तस्राव भी होता है।
  • बता दें कि, मनुष्यों में इसका संक्रमण संक्रमित जानवरों, जैसे, चिंपैंजी, चमगादड़ और हिरण के सीधे संपर्क में आने से होता है। 

निपाह वायरस
निपाह वायरस की शुरुआती साल 1999 में मलेशिया से हुई थी। लेकिन, अब ये दुनिया के कई देशों में पहुंच चुका है। बता दें कि, ये वायरस सूअर से इंसानों तक पहुंचता है। WHO की मानें तो, इस साल निपाह का कहर भारत, बांग्लादेश, कंबोडिया, इंडोनेशिया, मेडागास्कर, फिलीपींस और थाईलैंड में देखा गया है। केरल में निपाह वायरस से एक 12 साल के बच्चे की मौत भी हो गई थी। 

लक्षण

  • शुरुआत में बुखार और सिरदर्द की परेशानी होती है। 
  • फिर उल्टी, सूजन, विचलित होना और मानसिक भ्रम जैसे लक्षण दिखाई देते है।
  • इतना ही नहीं संक्रमित व्यक्ति 24 से 48 घंटों के अंदर कॉमेटोज हो सकता है।

मारबर्ग वायरस
कोरोना और इबोला की तरह ही मारबर्ग वायरस भी है। इसे इबोला के कजिन के नाम से जाना जाता है। साल 1967 में मारबर्ग का कहर सबसे पहले जर्मनी और सर्बिया में बरपा था। इस साल मारबर्ग के मामले गिनी और यूगांडा में पाए गए।

लक्षण

  • WHO के अनुसार,इसके लक्षण दो से 21 दिनों के बीच में नजर आ सकते है। 
  • तेज बुखार, तेज सिर दर्द और गंभीर अस्वस्थता इसके लक्षण है।
  • गंभीर पानी जैसा दस्त (दस्त एक हफ्ते तक बना रह सकता है), पेट में दर्द और ऐंठन, मतली और उल्टी (यह संक्रमण के तीसरे दिन शुरू हो सकती है)भी शामिल है।

नोरोवायरस
भारत के केरल में नोरोवायरस का संक्रमण देखा गया। नवंबर में केरल के एक वेटेरीनरी कॉलेज के 13 स्टूडेंट्स इससे संक्रमित हुए थे। बता दें कि, सबसे पहले साल 1968 में ये वायरस अमेरिका के नोरवॉक शहर से आया था। 

लक्षण

  • तेज बुखार, बदन में दर्द के साथ-साथ अचानक उल्टी होना।
  • पेट और आंतों में सूजन, गंभीर उल्टी और दस्त जैसे लक्षण भी शामिल है।

येलो फीवर
इस साल नाईजीरिया येलो फीवर के संक्रमण से परेशान रहा। यहां पर येलो फीवर के लगभग 1312 मामले दर्ज किए गए। बता दें कि, येलो फीवर एडिस एजिप्ति मच्छर के काटने से होता है। WHO की मानें तो, येलो फीवर की चपेट में अफ्रीका के 47 देश, मध्य अमेरिका के 34 देश और दक्षिण अमेरिका के 13 देश है।

लक्षण

  • बुखार आ सकता है।
  • तेज दर्द, सर में दर्द जैसे लक्षण दिखेंगे।
  • इसके अलावा मुंह, नाक, कान, और पेट में रक्त स्राव (खून का बहना) भी शामिल है।

रिफ्ट वेली फीवर
रिफ्ट वैली फीवर ने अफ्रीका के कई देशों में कहर बरपाया। बता दें कि, इस बीमारी में ब्लीडिंग होती है और कंफ्यूजन रहता है। फिर ये तेजी से लिवर तक पहुंचता है। संक्रमण के बाद 50% लोगों की मौत हो जाती है। इस साल रिफ्ट वेली फीवर केन्या में 32 लोगों को अपनी चपेट में लिया, जिनमें 11 लोगों ने अपनी जान गवा दी।

लक्षण

  • बुखार, मांसपेशियों में दर्द, और सिरदर्द।
  • ये लक्षण एक हफ्ते तक बने रह सकते हैं।
  • इसके अलावा सबसे ज्यादा ब्लीडिंग की समस्या आती है। 

 

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