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भरतपुर की वर्षो पुरानी परंपरा यहां पर महामूर्खाधिराज सम्मेलन, रंगों, हास्य और व्यंग्य का अनूठा संगम

Last Updated:March 11, 2025, 08:55 IST

भरतपुर का महामूर्खाधिराज सम्मेलन होली के अवसर पर आयोजित होने वाला एक अनूठा कार्यक्रम है. जहां प्रतिभागियों को हास्यपूर्ण अंदाज में महामूर्ख की उपाधि दी जाती है.यह परंपरा न केवल मनोरंजन का साधन है. बल्कि समाज मे…और पढ़ेंX
महामूर्ख
महामूर्ख सम्मेलन 

भरतपुर की होली केवल रंगों और उमंगों का त्योहार नहीं है. बल्कि यह हास्य और व्यंग्य से भरी अनूठी परंपराओं का संगम भी है. बृज भूमि की यह होली दुनियाभर में अपने निराले अंदाज के लिए मशहूर है. यहां होली सिर्फ गुलाल और अबीर उड़ाने तक सीमित नहीं है.बल्कि इसमें मनोरंजन, हास्य, और समाज पर व्यंग्य करने की एक अनोखी परंपरा भी जुड़ी हुई है. इसी कड़ी में बीते लगभग कई वर्षों से भरतपुर में महामूर्खाधिराज सम्मेलन आयोजित किया जाता है. जो हंसी-मज़ाक और चुटीले व्यंग्य से भरपूर होता है.

भरतपुर का महामूर्खाधिराज सम्मेलन होली के अवसर पर आयोजित होने वाला एक अनूठा कार्यक्रम है. जहां प्रतिभागियों को हास्यपूर्ण अंदाज में महामूर्ख की उपाधि दी जाती है.यह परंपरा न केवल मनोरंजन का साधन है. बल्कि समाज में व्याप्त विसंगतियों पर तंज कसने का भी माध्यम है. सम्मेलन में भाग लेने वाले लोग और कवि शायर और व्यंग्यकार अपनी हास्य-व्यंग्य रचनाओं से लोगों को गुदगुदाते हैं. उनके चुटीले तंज़ और मज़ेदार कविताएं उपस्थित जनसमूह को ठहाके लगाने पर मजबूर कर देती है.

वर्षो पुरानी परंपराइस सम्मेलन में विभिन्न क्षेत्र के लोग शामिल होते हैं. मज़ाकिया लहजे में एक-दूसरे पर चुटकी लेते हैं.हालांकि इसका उद्देश्य किसी का अपमान करना नहीं बल्कि समाज में फैली कुरीतियों राजनीति के पाखंड और आम जीवन की विडंबनाओं पर व्यंग्य के माध्यम से लोगों को जागरूक करना होता है.इस आयोजन में भाग लेने वाले लोग अक्सर हास्य-व्यंग्य की आड़ में गहरी सामाजिक और राजनीतिक सच्चाइयों को उजागर करते हैं. जिससे यह सम्मेलन केवल मनोरंजन का साधन न रहकर एक सार्थक संदेश देने वाला आयोजन बन जाता है.

लठमार, फूलों और रंगों की होलीभरतपुर की होली अपने पारंपरिक अंदाज और सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने के लिए जानी जाती है.लठमार होली, फूलों की होली और रंगों की होली के साथ-साथ महामूर्खाधिराज सम्मेलन इस धरोहर को और भी समृद्ध बनाता है. यह आयोजन न केवल लोक संस्कृति को संरक्षित करता है. बल्कि आने वाली पीढ़ियों को हंसी-मज़ाक के माध्यम से जीवन के गंभीर पहलुओं को समझने की सीख भी देता है. भरतपुर की होली में रंग गुलाल और अबीर उड़ाने के साथ-साथ जब महामूर्खाधिराज सम्मेलन का आयोजन होता है.

Location :

Bharatpur,Rajasthan

First Published :

March 11, 2025, 08:55 IST

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भरतपुर की वर्षो पुरानी परंपरा यहां पर महामूर्खाधिराज सम्मेलन

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