Yoga Celebration: राजसमन्द ऐतिहासिक नौचौकी पाल पर योगोत्सव का आयोजन, तन-मन को शांति प्रदान करने में रामबाण

Last Updated:April 21, 2025, 15:33 IST
Yoga Celebration: योग कार्यक्रम में बतौर अतिथि स्थानीय सांसद ने कहा कि योग हमारी संस्कृति, संस्कार और परंपराओं के संरक्षण में रामबाण साबित हो रहा है. राजसमन्द को योग, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा के एक बड़े क…और पढ़ेंX
एक हजार लोगों ने किया योग
हाइलाइट्स
राजसमंद में योगोत्सव में 1000 से अधिक लोगों ने लिया भागहमारी संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण में सहायक है योगराजसमंद को योग, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा का केंद्र बनाने पर जोर
उदयपुर. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारी के तहत देशभर में चलाए जा रहे ‘100 दिन, 100 शहर और 100 संगठन’ अभियान में राजसमंद जिले ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया. ऐतिहासिक नौचौकी पाल पर मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार, गायत्री परिवार और इंडियन योग एसोसिएशन राजस्थान के संयुक्त तत्वावधान में भव्य योगोत्सव का आयोजन हुआ, जिसमें 1000 से अधिक लोगों ने भाग लिया और सामूहिक रूप से योगाभ्यास किया.
वैश्विक उत्सव बना योग: सांसद महिमा कुमारीकार्यक्रम की मुख्य अतिथि सांसद महिमा कुमारी मेवाड़ ने कहा कि योग न केवल शारीरिक अभ्यास है, बल्कि यह मानसिक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ रहने का एक सशक्त माध्यम है. उन्होंने बताया कि पिछले 10 वर्षों में योग दिवस को वैश्विक उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है और इसकी उपयोगिता को पूरी दुनिया ने स्वीकारा है. उन्होंने लॉकडाउन के दौरान योग की भूमिका को भी रेखांकित किया, जब इसने लाखों लोगों को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ बनाए रखने में मदद की.
संस्कृति, संस्कार और परंपराओं के संरक्षण में रामबाण है योगइस अवसर पर अतिथियों का पारंपरिक मेवाड़ी शैली में पगड़ी, इकलाई और स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया गया. भाजपा जिला अध्यक्ष जगदीश पालीवाल ने कहा कि योग हमारी संस्कृति, संस्कार और परंपराओं के संरक्षण में रामबाण साबित हो रहा है. उन्होंने राजसमंद को योग, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा के एक बड़े केंद्र के रूप में विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया.
तन-मन को शांति प्रदान करता है योगप्रताप गौरव केंद्र के निदेशक अनुराग सक्सेना ने कहा कि योग तन-मन को शांति प्रदान करता है और नियमित अभ्यास से व्यक्ति अनेक बीमारियों से बच सकता है. योगाचार्य हिमांशु पालीवाल के निर्देशन में सामान्य योग प्रोटोकॉल के तहत सूर्य की पहली किरण और ॐ ध्वनि के साथ योगाभ्यास कराया गया.
धरोहरों के प्रति बढ़ी जागरूकताकार्यक्रम की खास बात यह रही कि यह आयोजन जिले की ऐतिहासिक धरोहर नौचौकी पाल पर किया गया, जिससे प्रतिभागियों को न केवल योग की प्राचीनता का अनुभव हुआ, बल्कि धरोहरों के प्रति भी जागरूकता बढ़ी. यह आयोजन जन-सामान्य में योग के प्रति जागरूकता लाने और योग को जीवन का अभिन्न अंग बनाने की दिशा में एक प्रभावशाली कदम साबित हुआ.
Location :
Udaipur,Udaipur,Rajasthan
First Published :
April 21, 2025, 15:33 IST
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