यू आर अंडर अरेस्ट मिस नम्रता… महिला डॉक्टर को आया फोन, खाते में भेजे 600000, बाद में पता चला, अरे ये तो…
हाइलाइट्स
जोधपुर में महिला टीचर के साथ हुई साइबर ठगी.महिला टीचर को जालसाज ने 24 घंटे तक अरेस्ट करके रखा रहा.
जोधपुर: देश के अलग-अलग राज्यों में साइबर ठगी का मामला दिन-प्रतिदिन तेजी से बढ़ता जा रहा है. इसी कड़ी में राजस्थान के जोधपुर जिले में एक बार फिर साइबर ठगी का मामला प्रकाश में आया है, जहां एक महिला डॉक्टर से 6 लाख रुपये ठग लिए गए. इससे पहले एक रिटायर्ड महिला डॉक्टर से साइबर जालसाजों ने 87 लाख रुपये ऐंठ लिए थे. पुलिस की वर्दी पहने जालसाज ने महिला डॉक्टर को 24 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट कर लिया और उसके खाते से 6 लाख रुपये उड़ा लिए. पुलिस ने कहा कि जब जालसाजों ने उसके खाते से 6 लाख रुपये का और लेनदेन करने का प्रयास किया, तब पीड़िता को एहसास हुआ कि उसके साथ धोखाधड़ी की जा रही है, जिसके बाद उसने पुलिस को मामले की सूचना दी. पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया. जिनकी पहचान कालूराम और प्रवीण के रूप में पहचान हुई है.
जालसाज ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बतायाथाना प्रभारी (कुड़ी भगतासनी) राजेंद्र चौधरी ने कहा कि शहर के व्यास डेंटल कॉलेज में डॉक्टर नम्रता माथुर (31) ने रिपोर्ट दर्ज कराई है कि उन्हें 20 सितंबर की शाम को एक वीडियो कॉल आया. कॉल करने वाले ने पुलिस की वर्दी पहन रखी थी. उसने अपना परिचय मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारी विजय कुलकर्णी के रूप में दिया. उसने उससे आपदा जांच के लिए एक आवेदन भरवाया, उसे स्वीकृत कराया और वापस भेज दिया. फिर उसने उसे बताया कि उसके आधार कार्ड से जुड़ा एक खाता केनरा बैंक, मुंबई में एक्टिव है.
महिला डॉक्टर को डिजिटली अरेस्ट रखाचौधरी ने कहा, “फिर उसने उसे बताया कि उसके आधार कार्ड से जुड़ा एक खाता केनरा बैंक, मुंबई में सक्रिय है, जिसमें अवैध गतिविधियों के लिए पैसे का लेनदेन है और उसके सभी वित्तीय विवरणों की जांच के लिए उसे डिजिटल गिरफ्तारी के तहत रखा जाएगा.” पीडीएफ वारंट के माध्यम से उसकी डिजिटल गिरफ्तारी के बारे में पुष्टि करते हुए, कॉल करने वाले ने उसके बैंक खातों और सावधि जमा के बारे में जानकारी मांगी.
24 घंटे तक महिला डॉक्टर पर रखा नजरइस बीच, उन्हें चार पत्र भेजे गए, जिनमें सीबीआई के साथ एक समझौता, एक संपत्ति जब्ती नोटिस, एक गिरफ्तारी वारंट और एक मामले की रिपोर्ट शामिल थी. प्रामाणिक प्रतीत होने वाले इन सभी दस्तावेजों को देखकर डॉक्टर घबरा गई और जालसाज को सारी जानकारी उपलब्ध करा दी. 21 सितंबर को दोपहर 2 बजे तक उसे वीडियो कॉल पर रखा गया और उसे एक खाते में आरटीजीएस के माध्यम से 6 लाख रुपये स्थानांतरित करने के लिए राजी किया गया. चौधरी ने कहा कि मामला दर्ज कर लिया गया है.
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FIRST PUBLISHED : September 25, 2024, 08:36 IST