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जापान के लोगों के पूर्वज कौन थे? नहीं जानते होंगे आप, DNA पर चौंकाने वाला खुलासा, फ्यूचर मेडिकल में भी मिलेगी मदद

हाल ही में जापान के लोगों के बारे में एक चौंकाने वाली रिसर्च हुई है. लगभग 3200 लोगों पर जीनोम को लेकर के शोध हुआ. इसमें उनके पूर्वजों के बारे में चौकाने वाला खुलासा हुआ. इससे भविष्य में सटीक चिकित्सा के लिए भी रास्ता खुल सकता है. इस आनुवंशिक शोध में खुलासा हुआ कि जापान में लोग तीन पूर्वज समूहों से आते हैं. यह शोध आरआईकेईएन के चिकित्सा विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों के नेतृत्व में हुआ.

साइंस एडवांसेज में छपी शोध पहले की मान्यता को चुनौती दे रहा है कि जापान के लोगों के मुख्यतः दो पूर्वज थे. पहले स्वदेशी जोमोन शिकारी-संग्राहक-मछुआरे और दूसरे पूर्वी एशिया से चावल की खेती करने वाले प्रवासी लोग. नए शोध में एक तीसरे पूर्वज की पहचान हुई है- जो उत्तर-पूर्व एशिया के एमिशी लोग से संबंध रखते हैं. इस शोध ने पहली बार कोविड महामारी के बाद 2021 में सुझाए गए ‘त्रिपक्षीय उत्पत्ति’ सिद्धांत को और अधिक विश्वसनीयता प्रदान करती है.

एक जैसे नहीं है जापानीइस अध्ययन का नेतृत्व करने वाले RIKEN के चिकाशी टेराओ ने बताया कि जापानी आबादी आनुवंशिक रूप से उतनी समरूप नहीं है, जितना हर कोई सोचता है. उन्होंने आगे कहा, ‘हमारे विश्लेषण से जापान की उप-जनसंख्या संरचना को सूक्ष्मता मिला है. इससे देश में भौगोलिक स्थानों के अनुसार बहुत जनसंख्या का खूबसूरती से वर्गीकरण किया गया है.’ इस शोध में होल-जीनोम सीक्वेंसिंग विधि का प्रयोग किया गया है. यह डीएनए माइक्रोएरे विधि की तुलना में लगभग 3,000 गुना अधिक जानकारी प्रदान करता है. इस शोध में 3200 लोगों का डीएनए जांच किया गया.

दुर्लभ वेरिएंट की खोजइस खोज के दौरान वैज्ञानिकों ने इसकी डेटा की उपयोगिता बढ़ाने के लिए और जीन और बिमारियों के बीच संभावित संबंधों की जांच करने के लिए डीएनए की ​​डेटा को क्लिनिकिल डेटा के साथ जोड़ा. इससे रोग के इलाज, जांच के रिजल्ट और सूचना के साथ फैमिली मेडिकल हिस्ट्री की जानकारी मिलती है. शोध के नेतृत्वकर्ता टेराओ ने आगे बताया कि इस शोध के जरिए हमें विशिष्ट पैतृक आबादी की जानकारी मिलती है.

किसका संबंध मिलाटेराओ ने आगे बताया कि जापान की आबादी में जोमोन वंश की ओकिनावा के दक्षिणी और उपोष्णकटिबंधीय तटों के पास 28.5% नमूनों में पाया जाता है. जबकि, पश्चिमी भाग में 13.4% नमूने मिले. वहीं, जापान की आबादी में चीन के हान वंश की डीएनए भी मिली. यह इस क्षेत्र में चीनी शैली के कानून, भाषा और शैक्षिक प्रणालियों से मिलता जुलता है. वहीं, एमिशी वंश उत्तरपूर्वी जापान में सबसे अधिक प्रचलित है, जो देश के पश्चिम की ओर घटता जा रहा है.

Tags: Japan, Japan News

FIRST PUBLISHED : October 5, 2024, 12:08 IST

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