बाड़मेर के युवा यशवर्धन ने जीता स्वर्ण पदक, राजस्थान को यूथ नेशनल बास्केटबॉल में दिलाई जीत
बाड़मेर: कहते हैं कि अगर जुनून हो, तो सफलता निश्चित रूप से मिलती है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है बाड़मेर जिले के एक युवा खिलाड़ी ने, जिन्होंने अपनी बेजोड़ खेल प्रतिभा से न सिर्फ विरोधियों को धूल चटाई, बल्कि स्वर्ण पदक भी अपने नाम किया. यशवर्धन सिंह सोढा ने अपनी मेहनत और जुनून के साथ राजस्थान की बास्केटबॉल टीम को यूथ नेशनल बास्केटबॉल प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक दिलवाया है.
कोलकाता में राजस्थान टीम की जीत कोलकाता में आयोजित 39वीं नेशनल यूथ अंडर 17 बास्केटबॉल प्रतियोगिता में राजस्थान की टीम ने शानदार प्रदर्शन किया. इस टीम का हिस्सा रहे यशवर्धन ने अपनी टीम के साथ मिलकर प्रतिद्वंद्वी टीमों को हराया और स्वर्ण पदक जीतने में अहम भूमिका निभाई. उनकी इस उपलब्धि पर बाड़मेर में उनका भव्य स्वागत किया गया. परिवार, गुरुजनों और प्रशंसकों ने यशवर्धन का बस स्टैंड पर साफा बांधकर और फूलमालाओं से स्वागत किया.
मेहनत और कोचिंग का असर यशवर्धन ने अपनी सफलता का श्रेय अपने गुरुजनों और अपनी कठिन मेहनत को दिया. उन्होंने कहा, “शुरुआत में मेरी हाइट कम थी, जिस वजह से मैंने बास्केटबॉल खेलना शुरू किया. इसके बाद मैंने स्थानीय कोच से बास्केटबॉल की कई तकनीकें सीखी, जिनकी बदौलत आज मुझे यह गोल्ड पदक हासिल हुआ है. उन्होंने आगे कहा कि कोलकाता में सभी मुकाबलों में राजस्थान टीम का अच्छा प्रदर्शन रहा और प्रत्येक खिलाड़ी ने जीत में अपना योगदान दिया.
परिवार का समर्थन यशवर्धन के पिता रतन सिंह रेलवे में कॉन्ट्रैक्टर हैं और उनकी माता रेखा कंवर गृहिणी हैं. यशवर्धन ने अपनी शुरुआती पढ़ाई बाड़मेर के मयूर नोबल्स एकेडमी से की और अब अपनी कड़ी मेहनत से अपने जिले और प्रदेश का नाम रोशन किया है. उन्होंने Local 18 से बातचीत करते हुए कहा, “मेरा सपना है कि मैं खेल में और आगे बढ़ूं और अपने क्षेत्र के साथ-साथ अपने देश का नाम रोशन कर सकूं.
भविष्य की योजनाएं यशवर्धन का कहना है कि बास्केटबॉल खेल में उनकी रुचि लगातार बढ़ी और अब उनका लक्ष्य राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाना है. उन्होंने यह भी कहा कि वह अगले सालों में और अधिक मेहनत करके अपने खेल को और बेहतर बनाएंगे.
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FIRST PUBLISHED : December 9, 2024, 21:00 IST