कृषि मंडी में दूर से ही दिखेगी आपकी फसल, दाम भी मिलेगा ज्यादा, दौसा के किसान बता रहे हैं ट्रिक
पुष्पेंद्र मीना/दौसा. खेती-किसानी करने वाले जानते हैं कि आजकल बिना खाद के खेती करना कितना मुश्किल है. बाजार से खाद खरीदना महंगा है, इसलिए कई किसान घर में ही खाद बनाकर फसलों में इसका इस्तेमाल करते हैं. राजस्थान के दौसा के किसान गिर्राज मीणा ऐसे ही किसान हैं, जिन्होंने पहले वर्मी कंपोस्ट बनाने की ट्रेनिंग ली, फिर घर में ही खाद बना रहे हैं. जरूरत पड़ने पर वह अपने जिले के अन्य किसानों को भी वर्मी कंपोस्ट बनाने की ट्रेनिंग देते हैं.
डोलीका गांव के रहने वाले गिर्राज प्रसाद मीणा ने कोटा जाकर वर्मी कंपोस्ट बनाने की विधि सीखी. फिर घर पर बनाने का प्रयास किया, जिसमें सफल रहे. शुरुआती मुश्किलों के बाद गिर्राज ने वर्मी कंपोस्ट बनाना सीख लिया, अब उन्हें इसका फायदा भी मिल रहा है. लोकल18 से बातचीत के दौरान गिर्राज ने बताया कि वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए छाछ, पशुओं का ताजा गोबर चाहिए होता है. इसके साथ डीकंपोस्ट भी चाहिए. इन सभी को मिलाकर घोल तैयार किया जाता है, जिसे गोबर पर डाला जाता है. घोल को गोबर पर डालने से पहले अलग-अलग गड्ढों में गोबर इकट्ठा किया जाता है, ताकि आपका बनाया घोल का समावेश अच्छी तरह से हो सके.
45 दिन में तैयार होता है वर्मी कंपोस्टगिर्राज ने बताया विभिन्न सामग्री से बने घोल को गोबर की ढेर पर डालने के बाद इसे तिरपाल से ढंक दिया जाता है. ऊपर से मिट्टी का लेप लगाकर बंद करना जरूरी है, ताकि सूरज की किरणों से इस मिश्रण को बचाया जा सके. 45 दिनों में यह वर्मी कंपोस्ट बनकर तैयार हो जाता है. दूर से देखने पर यह सूखी चाय की तरह नजर आता है. गिर्राज बताते हैं कि वर्मी कंपोस्ट बनाने में बाजार के मुकाबले घर पर कम खर्चा होता है. घर पर इसे तैयार करने के आपको बाजार से गुड़ और डीकंपोस्ट लाना पड़ेगा, जिनकी कीमत अधिक नहीं होती. 50 लीटर पानी में 15 किलो गुड़ डालना होता है. वहीं कम मात्रा में डीकंपोस्ट देना होता है.
फसलों की पैदावार बढ़ने की गारंटीलोकल18 से बातचीत के दौरान गिर्राज ने बताया कि घर पर तैयार खाद का खेतों में इस्तेमाल करने से उसके फायदे खूब होते हैं. अगर इस खाद को गेहूं में इस्तेमाल करें, तो फसल की पैदावार बढ़ने की गारंटी होती है. मंडी में आप फसल लेकर जाएंगे, तो दूर से ही इस पर सबकी नजर पड़ती है. चूंकि इसमें केमिकल या बाजार की खाद इस्तेमाल नहीं होती, इसलिए आपकी फसल का भाव भी ज्यादा मिलता है. उन्होंने बताया कि पहली बार जब वर्मी कंपोस्ट से लाभ हुआ, तो घर व आस-पड़ोस के किसानों पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ा.
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FIRST PUBLISHED : June 7, 2024, 18:31 IST