Youth power of the country must be the ‘skill capital’ of the world | देश की युवा शक्ति बने दुनिया की ‘स्किल कैपिटल’
जयपुरPublished: Feb 08, 2023 09:55:45 pm
स्किलिंग, री-स्किलिंग और अप-स्किलिंग के अलावा, रोजगार योग्य हुनर की कमी अब भी एक गंभीर चुनौती बनी हुई है इसलिए देश के सामने शिक्षित बेरोजगारों की बढ़ती संख्या एक समस्या है। रोजगारदाताओं की जरूरत और नौकरी चाहने वालों के हुनर के बीच मेल न होने से औद्योगिक गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं।
स्किलिंग, री-स्किलिंग और अप-स्किलिंग के अलावा, रोजगार योग्य हुनर की कमी अब भी एक गंभीर चुनौती बनी हुई है इसलिए देश के सामने शिक्षित बेरोजगारों की बढ़ती संख्या एक समस्या है। रोजगारदाताओं की जरूरत और नौकरी चाहने वालों के हुनर के बीच मेल न होने से औद्योगिक गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं। हुनरमंद कामगारों की मांग और बाजार में उनकी उपलब्धता के बीच बड़ा अंतर है। पूरा असंगठित क्षेत्र अर्ध-कुशल या अकुशल श्रमिकों पर निर्भर है। सीमित प्रशिक्षण सुविधाओं के साथ 83 प्रतिशत कार्यबल असंगठित क्षेत्र में कार्यरत है। मैन्युफैक्चरिंग एवं सर्विस सेक्टर में कौशल उन्नयन बड़ी चुनौती बना हुआ है। नीति आयोग के मुताबिक, कौशल विकास की प्रमुख चुनौतियों में स्कूली शिक्षा के दौरान ही व्यावसायिक प्रशिक्षण को एक जरूरी विकल्प बनाना, बेहतर गुणवत्ता और प्रासंगिकता के लिए उद्योग को कौशल प्रशिक्षण से जोडऩा और कौशल विकास तंत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त प्रमाणन प्रणाली स्थापित करना जरूरी है।