जीरो बण गयो तुर्की रे जीव रो बेरी… तुर्की को छौंक लगाने के लिए नहीं देंगे जीरा, व्यापारियों ने निर्यात पर लगाई पावंदी

Last Updated:May 20, 2025, 10:19 IST
Barmer Jeera Export News: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने पाकिस्तान और उसकी मदद करने वाले देशों से व्यापार से किनारा कर लिया है. तुर्की ने पाकिस्तान का साथ दिया था. इसके बाद भारत ने उसके साथ व्यापारिक संबंध तोड़ दि…और पढ़ेंX
जीरा मंडी में आया हुआ जीरा
हाइलाइट्स
भारत ने तुर्की को जीरा निर्यात पर रोक लगाई.राजस्थान से तुर्की को 500 टन जीरा निर्यात होता था.जीरे के भाव में 15-20 रूपए की गिरावट आई है.
बाड़मेर. कहते हैं अंतराष्ट्रीय स्तर पर आपकी विदेश नीति कई बार आपके नागरिकों के लिए जी का जंजाल बन जाती है. ऐसा ही कुछ हो रहा है इन दिनों तुर्की की जनता के साथ. तुर्की के हर घर की रसोई से अब तड़के का जीरा गायब हो रहा है और उसकी वजह है तुर्की की विदेश नीति. ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने पाकिस्तान और उसकी मदद करने वाले देशों से व्यापार से किनारा कर लिया है.
तुर्की के पाकिस्तान की मदद करने से खफा भारत ने उसके साथ व्यापारिक संबंध तोड़ दिए हैं और यहीं से तुर्की की दिक्कतें बहुत ज्यादा बढ़ चली है. अकेले बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर और जालौर से हर रोज 50-60 टन जीरा तुर्की को निर्यात किया जाता था. अब यहां के के जीरा व्यापारियों ने इस पर रोक लगा दिया है.
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एक दशक से तुर्की को भेज रहे ऑर्गेनिक जीरा
भारत-पाकिस्तान सीमा पर बसे बाड़मेर से जीरा गुजरात की ऊंझा जीरा मंडी तक पहुंचती थी. यहां पहुंचने के बाद जीरा को मूंदरा बंदरगाह भेजा जाता था. इसके बाद मंदूरा बंदरगाह से होते हुए तुर्की के हेदरपासा, मर्सिन, उमरूबे और एरगली तक पहुंचता था. इसके अलावा गुजरात के कांडला, महाराष्ट्र के मुम्बई बंदरगाह और जोधपुर के ड्राई पोर्ट से भी जीरा तुर्की के विभिन्न बड़े शहरों तक पहुंचता था, जिस पर अब व्यापारियों ने रोक की मुहर लगा दी है. बाड़मेर का ऑर्गेनिक जीरा करीब एक दशक से तुर्की मंगवा रहा है. जीरा उपज मंडी के व्यापारी गौतम चमन ने लोकल 18 को बताया कि बाड़मेर में उत्पादित जीरे को गुजरात के उंझा मंडी भेजा जाता था. इसके अलावा कई देशों के एजेंट खेत से भी जीरा खरीदते हैं. इसमें तुर्की भी शामिल है. अब इनको जीरा नहीं बेचा जाएगा.
600 क्विंटल जीरे का रोजाना होता है निर्यात
बाड़मेर जीरा मंडी के व्यापारी गौतम कुमार बोथरा के मुताबिक पहले बाड़मेर का जीरा तुर्की के लिए जाता था. लेकिन, भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के दौरान तुर्की के पाक को सहयोग देने पर हमने देश हित में जीरा भेजना बंद कर दिया है. उन्होंने बताया कि इससे जीरे के भाव में 15-20 रूपए तक भाव में गिरावट आई है. इसके बावजूद किसान और व्यापारी खुश है. उन्होंने कहा कि बाड़मेर से रोजाना 500 क्विंटल जीरा तुर्की को भेजा जाता था, लेकिन अब तुर्की से व्यापारिक संबंध तोड़ दिए है.
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तुर्की को छौंक लगाने के लिए नहीं देंगे जीरा, निर्यात पर लगी पावंदी