अंगदान-महादान: राजस्थान में रिकॉर्ड 3.5 लाख लोगों ने दी लिखित सहमति, परिवहन विभाग का नवाचार
जयपुर. अंगदान (Organ donation) को लेकर राजस्थान परिवहन विभाग के एक नये नवाचार को जानकर आपको बेहद खुशी होगी. परिवहन विभाग (Transport Department) का ये नवाचार प्रेरणा भी है और नई उम्मीद भी. प्रेरणा इसलिए कि परिवहन विभाग युवाओं को ड्राईविंग लाइसेंस देते समय अंगदान का महत्व समझा रहा है. उम्मीद इसलिए कि अधिकांश युवा अंगदान पर अपनी लिखित सहमति दे रहे हैं. आप अगर इसका आंकड़ा सुनेंगे तो हो सकते हैं चौंक जायें लेकिन यह हकीकत है. राजस्थान में ड्राईविंग लाईसेंस बनवाते समय अंगदान की स्वीकृति देने वाले लोगों की संख्या साढ़े तीन लाख तक पहुंच गई है. ये आंकड़ा वाकई में एक बड़ी उम्मीद बनकर सामने आया है. वैसे भी अंगदान को महादान माना जाता है.
दरअसल आजकल 18 बरस का होते ही युवाओं में सबसे पहले ड्राईविंग लाईसेंस बनाने की होड़ सी लग जाती है. आज के युवा दुपहिया वाहनों से लेकर चार पहिया वाहनों को आसानी से चला सकते हैं. लिहाजा कानूनी तौर पर उम्र पूरी होते ही वो ड्राईविंग लाईसेंस के लिए अप्लाई करते हैं. राजस्थान परिवहन विभाग की पहल यहीं से शुरू होती है.
युवा अंगदान के महत्व को समझ रहे हैं
परिवहन विभाग की ओर से युवाओं को सावधानीपूर्वक ड्राईविंग की सीख और नसीहत देने के साथ ही उन्हें अंगदान का महत्व भी समझा जाता है. उन्हें ये बताया जाता है कि आपके अंगदान करने से कितने ही लोगों की जान बचाई जा सकती है. युवा इस बात को समझ भी रहे हैं. यही कारण है कि राजस्थान में अब तक रिकॉर्ड साढ़े तीन लाख लोग ड्राईविंग लाईसेंस बनाते समय अंगदान पर लिखित सहमति दे चुके हैं.
एक साल पहले इस नवाचार की शुरुआत की थी
परिवहन आयुक्त महेन्द्र सोनी बताते हैं कि आए दिन सड़कों पर होने वाले एक्सीडेंट की खबरें विचलित करने वाली होती है. ऐसे कितने ही मरीज जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे होते हैं जिन्हें अंगदान की जरुरत होती है. मरीज के घरवालों को ढूंढने पर ऐसे लोग नहीं मिल पाते जो अंगदान करने के इच्छुक हों. इसे लेकर अब भी समाज में जागरुकता की जरूरत है. इसी को ध्यान में रखते हुये परिवहन विभाग ने एक साल पहले इस नवाचार की शुरुआत की थी.
लाखों जिंदगियां बचाई जा सकती है
हालांकि पहले भी कई लोगों ने ड्राईविंग लाइसेंस बनवाते समय अंगदान की लिखित स्वीकृति दी थी लेकिन वह आंकड़ा बेहद कम था. परिवहन विभाग की ओर ये शुरू किये गये नवाचार के बाद इसमें जबर्दस्त तेजी आई और देखते ही देखते यह आंकड़ा साढ़े तीन लाख तक जा पहुंचा. अगर इसमें से 50 फीसदी लोग भी जरुरतमंद को अंगदान कर दें तो लाखों जिंदगियां बचाई जा सकती है.
कारवां साढे तीन लाख से आगे की ओर बढ़ रहा है
बहरहाल ये मुहिम जारी है और कारवां साढे तीन लाख से आगे की ओर बढ़ रहा है. अगर लोग इसी तरह से आगे आते रहे तो ये आंकड़ा करोड़ के करीब जा सकता है. युवा अंगदान की महत्ता को समझ रहे हैं और पढ़े लिखे युवा दूसरों को भी प्रेरित कर रहे हैं कि ड्राईविंग लाईसेंस बनाते समय अंगदान वाले कॉलम पर अपनी सहमति जरूर दें.
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