कनाडा चुनाव: कंजरवेटिव पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता, खालिस्तानी मुद्दा

Last Updated:April 25, 2025, 22:22 IST
Canada Election: कनाडा चुनाव सर्वे में कंजरवेटिव पार्टी की लोकप्रियता बढ़ रही है. नेता पियरे पोलीवरे और लिबरल उम्मीदवार मार्क कार्नी अंतिम अभियान चला रहे हैं. ट्रंप की खालिस्तानियों पर चुप्पी सवालों में है.
कंजरवेटिव पार्टी के नेता जनता के कई मुद्दों को अच्छे से उठा रहे हैं. (फाइल फोटो Reuters)
हाइलाइट्स
कंजरवेटिव पार्टी की लोकप्रियता बढ़ रही है.28 अप्रैल को कनाडा में चुनाव होंगे.ट्रंप की चुप्पी चरमपंथियों को प्रोत्साहित कर रही है.
Canada Election: कनाडा में आजकल ऐसा लग रहा है कि कंजरवेटिव पार्टी फिर से लोगों की पसंद बन रही है. चुनाव के सर्वे और जानकार लोगों की बातों से यही लग रहा है कि अब लिबरल पार्टी से ज़्यादा लोग कंजरवेटिव पार्टी को पसंद कर रहे हैं. कंजरवेटिव पार्टी के नेता जनता के कई मुद्दों को अच्छे से उठा रहे हैं, जिससे उनकी पार्टी को फायदा हो रहा है.
वहीं अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप खालिस्तानियों पर कुछ नहीं बोल रहे हैं. उनकी इस चुप्पी से कनाडा के चरमपंथियों का मन बढ़ा दिया है. पहले ट्रंप चरपंथियों को लेकर मुखर रहते थे, लेकिन इस मामले पर उनकी चुप्पी कई तरह के सवाल खड़ा कर रहे हैं.
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कनाडा में 28 अप्रैल को चुनावकनाडा में 28 अप्रैल को अचानक चुनाव होने वाले हैं. प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे आगे चल रहे लिबरल उम्मीदवार मार्क कार्नी और कंजरवेटिव नेता पियरे पोलीवरे मतदान से पहले अंतिम अभियान चला रहे हैं. दोनों के बीच कड़ा मुकाबला है. हालांकि दोनों की राजनीतिक समझ अलग-अलग है और पार्टी की विचारधारा भी अलग अलग है.
ट्रंप ने चरमपंथियों पर कुछ नहीं बोलाहालांकि चरमपंथियों पर तो ट्रंप ने कुछ नहीं बोला लेकिन उन्होंने टैरिफ को लेकर कनाडा को जरूर चेताया. उन्होंने चुनाव से ठीक पहेल अपने एक बयान में कहा कि अमेरिका के बिना कनाडा का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा. बुधवार को ओवल ऑफिस से बोलते हुए, ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिका को कनाडाई वस्तुओं की आवश्यकता नहीं है और फिर से कनाडा को अमेरिकी राज्य की तरह काम करने का विचार प्रस्तुत किया.
खालिस्तानी समर्थक ऐसे उठा रहे फायदामालूम हो कि कनाडा के चुनावों में खालिस्तानी और चरमपंथी तत्व कई तरीकों से फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं. वे राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को प्रभावित करने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हैं, जिससे उनकी विचारधारा और एजेंडे को बढ़ावा मिलता है. वे राजनीतिक रैलियों और कार्यक्रमों में भाग लेते हैं. जहां वे अपने विचारों को व्यक्त करते हैं और उम्मीदवारों का समर्थन करते हैं जो उनकी बातों से सहमत होते हैं.
कनाडा के कुछ राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों ने खालिस्तानी और चरमपंथी समूहों के साथ संबंध बनाए हैं, ताकि वे उनके समर्थन को प्राप्त कर सकें. इससे इन समूहों को राजनीतिक प्रभाव बढ़ाने और अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने का मौका मिलता है. यह संबंध चुनावों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, क्योंकि ये समूह अपने समर्थकों को उम्मीदवारों के पक्ष में वोट देने के लिए प्रेरित कर सकते हैं. ट्रंप की चुप्पी इन्हें प्रोत्साहित कर रही है.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
April 25, 2025, 22:19 IST
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ट्रंप की चुप्पी, कनाडा में चरमपंथ का शोर! खालिस्तानी कैसे उठा रहे फायदा?